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25 जुलाई से महिलाओं को निशुल्क स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। जिनमें तीन साल का इंटरनेट फ्री होगा। सीएम ने कहा कि पहले फेज में 40 लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे।
जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा चुनावों से पहले प्रदेश की जनता को लगातार साधने की कोशिश में लगे हुए हैं।
ऐसे में सीएम का प्रदेश की महिलाओं पर भी फोकस है। पहले महिलाओं को रोडवेज की बसों के किराए में 50 प्रतिशत छूट दी और अब निशुल्क स्मार्ट फोन वो भी फ्री इंटरनेट के साथ देने की घोषणा।
25 जुलाई से मिलेगा स्मार्ट फोन फ्री इंटरनेट
राजस्थान में 25 जुलाई से महिलाओं को निशुल्क स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। जिनमें तीन साल का इंटरनेट फ्री होगा।
सीएम ने कहा कि पहले फेज में 40 लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे।
इसके बाद तमाम परिवारों को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। गहलोत सरकार ने इस योजना के लिए 12 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा है। गांवों में पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर स्मार्टफोन बांटे जाएंगे। शहरों में यही कैंप वार्डों में लगाए जाएंगे।
बताया जा रहा है कि महिलाओं को कैंपों में स्टॉल लगाकर स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। कैंपों में एयरटेल, जियो और बीएसएनएल के कर्मचारी रहेंगे जो स्मार्टफोन में सिम एक्टिवेट करके लाभार्थी महिला को देंगे।
इससे पहले केवाईसी के दस्तावेज लेकर वहीं ऑनलाइन वैरिफिकेशन भी किया जाएगा।
नवगठित जिले सलूम्बर से खुशियों की सौगात
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह घोषणा उदयपुर में नवगठित जिले सलूम्बर से की।
सोमवार को सीएम गहलोत ने नवगठित जिले सलूम्बर में पहली बार पहुंचे और लोगों के लिए घोषणाओं का अंबार लगा दिया।
सीएम ने झीलों की नगरी उदयपुर को एक और कृषि मंडी की सौगात दी है।
अब सीएम गहलोत की जनसभा हो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना न साधा जाए, ऐसा कैसे हो सकता है।
सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा को भी निशाने पर लिया।
क्या कहा सीएम ने पीएम के लिए
सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि, पीएम मोदी जी जो कहते हैं वो पूरा नहीं करते। उनकी कथनी और करनी में अंतर है।
उनके शासनकाल के नौ वर्ष पूरे हो गए हैं लेकिन किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।
जबकि उनके शासनकाल के नौ वर्ष पूरे हो गए हैं। वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब वही इस कानून के लिए मनमोहन सिंह सरकार पर दबाव बना रहे थे, अब जब वह स्वयं प्रधानमंत्री हैं, तो किसानों के हित के लिए ये कानून क्यों नहीं बना रहे।