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ओम राउत द्वारा निर्देशित आदिपुरुष को लेकर हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के लिए भी अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। कोर्ट का कहना है कि आप इस फिल्म के जरिए अगली पीढ़ी को क्या सिखाना चाहते हैं?
मुंबई | Adipurush Controversy: भगवान श्रीराम की जीवन गाथा पर बनी फिल्म ’आदिपुरुष’ को लेकर अभी भी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है।
विवादों में घिरी आदिपुरुष के मेकर्स को अब हाई कोर्ट की फटकार का सामना करना पड़ा है।
दरअसल, आदिपुरुष को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।
जिसमें जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की डिवीजन बेंच ने भी फिल्म को लेकर सवाल खड़े कर दिए।
ओम राउत द्वारा निर्देशित आदिपुरुष को लेकर हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के लिए भी अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है।
कोर्ट का कहना है कि आप इस फिल्म के जरिए अगली पीढ़ी को क्या सिखाना चाहते हैं?
सेंसर बोर्ड से भी किए सवाल
सोमवार को अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने बहस के दौरान फ़िल्म में दिखाए गए आपत्तिजनक तथ्यों और संवादो से कोर्ट को अवगत कराया।
इस पर कोर्ट ने सेंसर बोर्ड से सवाल करते हुए कहा कि आखिर क्या करता रहता है सेंसर बोर्ड?
क्या सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझता है?
सिनेमा समाज का दर्पण होता है, आगे आने वाली पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हैं आप?
इसी के साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि सिर्फ रामायण ही नहीं, कोई भी धार्मिक ग्रंथ चाहे पवित्र कुरान, गुरु ग्रन्थ साहिब और गीता जैसे ग्रंथों हो, कम से कम इनकों तो बख्श दीजिए बाकी जो करते हैं वो तो कर ही रहे हैं।
कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर भी जताई नाराजगी
इसके अलावा हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड द्वारा अभी तक जवाब दाखिल नहीं किए जाने और फ़िल्म के निर्माता, निर्देशक और अन्य प्रतिवादी पार्टियों की अनुपस्थिति पर भी कड़ा रुख दिखाया।
विरोध के बाद फिल्म मेकर्स ने बदल दिए संवाद
आपको बता दें कि, फिल्म आदिपुरुष को लेकर देश में हिंदू संगठनों द्वारा जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है।
जिसके चलते कई जगहों पर तो फिल्म को रिलीज होने तक नहीं दिया गया था।
विरोध के चलते फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर गिरते ग्राफ और लोगों की नाराजगी को देखते हुए फिल्म मेकर्स ने फिल्म के विवादित बयानों को बदल दिया है।