एस्ट्रोलॉजर थे: बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना पर टूटा दुखों का पहाड़, पिता का निधन

बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना पर टूटा दुखों का पहाड़, पिता का निधन
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आयुष्मान के पिता पी खुराना एक एस्ट्रोलॉजर थे। वह पिछले कई  समय से हार्ट से संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने  शुक्रवार को अंतिम सांस ली। उनका मोहाली के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। 

मुंबई | बॉलीवुड जगत के ’विक्की डोनर’ यानि एक्टर आयुष्मान खुराना को बड़ा दुखद झटका लगा है। उनके पिता का निधन हो गया है। 

आयुष्मान के पिता पी खुराना एक एस्ट्रोलॉजर थे। वह पिछले कई  समय से हार्ट से संबंधित बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने  शुक्रवार को अंतिम सांस ली। 

उनका मोहाली के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। डॉक्टर्स ने उन्हें बचाने की तमाम कोशिशें की लेकिन उन्हें जिंदगी दे पाने में असफल रहे।

पंडित पी खुराना का अंतिम संस्कार 19 मई को शाम 5.30 बजे चंडीगढ़ के मनीमाजरा श्मशान घाट में किया जाएगा।

आयुष्मान खुराना की तरफ से जारी एक स्टेटमेंट में उन्होंने बताया, ‘हमें ये बताते हुए दुख हो रहा है कि आयुष्मान खुराना के पिता एस्ट्रोलॉजर पी खुराना का मोहाली में सुबह 10.30 बजे निधन हो गया।

हमें इस घड़ी में साथ देने के लिए सभी का शुक्रिया।

आयुष्मान खुराना अपने पिता के काफी करीब रहे हैं। आयुष्मान अपने पिता को अपना हीरो मानते हैं।

फादर्स डे पर आयुष्मान ने अपने पिता के लिए कहा था- मेरे पिता ने वकालत की पढ़ाई की थी, लेकिन उन्होंने एस्ट्रोलॉजर बनना पसंद किया।

उन्हें संगीत, कविता और कला की काफी समझ रही है। उन्ही से कला के प्रति प्रेम मेरे अंदर आया है।आज मैं जो भी हूं उसमें मेरे पिता का बड़ा हाथ है।

आपने ही हमें अनुशासन सिखाया और जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। साथ ही हर कदम हौसला बनकर खड़े रहे।

बॉलीवुड का फेमस चेहरा हैं आयुष्मान खुराना 

बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना एक एक्टर होने के साथ-साथ एक गायक भी है। 

उन्होंने अपनी फिल्मों में कई गानों को अपनी आवाज दी है, जिनमें विक्की डोनर का पानी दा रंग और बरेली की बर्फी का नज्म नज्म शामिल है।

फिल्मों में कदम रखने से पहले आयुष्मान टेलीविजन होस्ट भी रहे हैं। 

आयुष्मान ने शुरुआत में संगीत में अपना करियर बनाया और 2004 में रियलिटी शो एमटीवी रोडीज़ जीता। 

इसके बाद आयुष्मान ने 2012 में फिल्म ’विक्की डोनर’ से अपने अभिनय की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने एक स्पर्म डोनर की भूमिका निभाई। 

दर्शकों को ये फिल्म और आयुष्मान का अभिनय इतना पसंद आया कि उन्हें सर्वश्रेष्ठ न्यूकमर्स एक्टर के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। 

इसके बाद वह दम लगा के हईशा (2015), बरेली की बर्फी (2017), और बधाई हो (2018) जैसी सफल फिल्मों की एक श्रृंखला में दिखाई दिए।

अपरंपरागत और सामाजिक रूप से प्रासंगिक भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले आयुष्मान ने हिंदी सिनेमा को शुभ मंगल विवाह (2017), शुभ मंगल सावधान (2020) और बाला (2019) जैसी विभिन्न सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने वाली फिल्मों में अभिनय किया है।

अपने पूरे करियर के दौरान आयुष्मान को कई फिल्मफेयर पुरस्कारों सहित कई पुरस्कार मिले हैं। 

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