आफत के साथ राहत: ’बिपरजॉय’ ने ’मानसून’ से पहले भरा बीसलपुर बांध, आया इतना पानी

’बिपरजॉय’ ने ’मानसून’ से पहले भरा बीसलपुर बांध, आया इतना पानी
Bisalpur Dam
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जहां बिपरजॉय तूफान के कारण राजस्थान के कई जिले बाढ़ जैसे हालातों से गुजर रहे हैं। लोग परेशान हैं, वहीं जयपुर समेत टोंक और अजमेर के लोगों को इस तूफान ने बड़ी राहत देते हुए पीने के पानी के लिए रास्ता साफ किया है।

जयपुर । अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय भले ही गुजरात और राजस्थान के कई जिलों के लिए आफत बनकर आया हो, लेकिन जयपुरवासियों के लिए तो ये राहत भी लेकर आया है।

जहां बिपरजॉय तूफान के कारण राजस्थान के कई जिले बाढ़ जैसे हालातों से गुजर रहे हैं। लोग परेशान हैं, वहीं जयपुर समेत टोंक और अजमेर के लोगों को इस तूफान ने बड़ी राहत देते हुए पीने के पानी के लिए रास्ता साफ किया है।

बीसलपुर बांध में आया पानी

दरअसल, बिपरजॉय के चलते राजस्थान में पिछले चार-पांच दिनों से बारिश का दौर बना हुआ है। ऐसे में जयपुर, अजमेर और टोंक की लाइफ लाइन कहे बीसलपुर बांध में भी पानी की आवक हुई  है। 

बारिश के चलते बांध में आज इतना पाया आया है कि बांध का गेज 5 सेमी तक बढ़ गया है। 

बताया जा रहा है कि बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिया में करीब 120 एमएम बारिश हुई है।

जिसके चलते बांध का जलस्तर बढ़ गया है। ये पहला मौका है जब लोगों ने मानसून से पहले बांध में इनते पानी की आवक देखी है। 

5 दिन तक जयपुर-अजमेर-टोंक की बुझा सकता है प्यास

बीसलपुर बांध में बड़ी पानी की आवक से बांध का गेज 312.78 से बढ़कर 312.83 पर पहुंच गया है। 

ऐसे में बांध में आया ये पानी ये पानी 5 दिन तक जयपुर-अजमेर-टोंक की बुझा सकता है। 

गौरतलब है कि वर्तमान में इन तीनों शहरों में हर रोज पानी की सप्लाई करने से बांध का गेज रोजाना एक सेमी तक कम हो रहा है। 

आपको बता दें कि बीसलपुर बांध का निर्माण काँक्रीट से हुआ हैं।यह बांध जयपुरटोंकअजमेर सहित कई शहरों की प्यास बुझाता है व सिंचाई की जरूरतों को पूरा करता है।

बीसलपुर राजस्थान के टोंक जिले में स्थित है और यह भगवान गोकर्णेश्वर के प्राचीन मंदिर के लिए प्रसिद्द है।

बनास नदी पर बनाया गया बीसलपुर बांध बीसलपुर का दूसरा आकर्षण है जो इस गाँव को चर्चा में लाता है। यह बांध दो चरणों में बनाया गया।

पहले चरण का उद्देश्य गाँव के लोगों को पीने का पानी उपलब्ध करवाना था जबकि दूसरे चरण का उद्देश्य सिंचाई की सुविधाओं में सुधार लाना था।

यह बांध 574 मीटर लंबा और 39.5 मीटर ऊँचा है। यह देवली तहसील के अंदर आता है, जो देवली से 25 किमी की दूरी पर स्थित एक दर्शनीय स्थल है, जो बनास नदी पर स्थित है। बाँध के जलाशय के किनारे ही प्रसिद्ध बीसलदेव मन्दिर है।

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