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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नागौर में महंगाई राहत कैंप और एक जनसभा का प्रोग्राम था। जिसके लिए विशाल टैंट लगाया गया था। लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों का इंतेजाम किया गया था। इस दौरान मौसम ने ऐसा कहर बरपाया कि सीएम अशोक गहलोत की सभा के लिए लगाए गए टैंट हवा में उड़ गए।
नागौर | राजस्थान में मौजूदा समय में पारा दोनों तरफ से गरमाया हुआ है। जहां राजनीति में चल रही उथल-पुथल से माहौल गर्म है, वहीं कुदरत भी अपना कहर बरपा रही है।
ऐसे में राजस्थान भट्टी की तरह सुलग रहा है।
आसमान से बरसती आग के बीच शनिवार को मौसम ने अचानक से पलटी मारी और रेतीले तूफान ने राज्य के कई हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया।
जिसके चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सभा का टैंट भी आंधी के आगोश में समा गया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नागौर में महंगाई राहत कैंप और एक जनसभा का प्रोग्राम था। जिसके लिए विशाल टैंट लगाया गया था। लोगों के बैठने के लिए कुर्सियों का इंतेजाम किया गया था।
इस दौरान मौसम ने ऐसा कहर बरपाया कि सीएम अशोक गहलोत की सभा के लिए लगाए गए टैंट हवा में उड़ गए।
शनिवार को सीएम गहलोत नागौर जिले के नावां पहुंचे थे, लेकिन सीएम के नावां पहुचंने से पहले आई जबर्दस्त आंधी ने वहां सबकुछ तहस-नहस कर डाला।
सभा के लिए की गई सभी व्यवस्थाएं तिनके की भांति उड़ती नजर आए और कार्यकर्ता उन्हें संभालते।
सीएम की सभा के लिए लगाए गया टैंट आंधी-तूफान की भेंट चढ़ गया।
आंधी तूफान के कारण सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाई गई बल्लियां भी धरासाही हो गई।
इसके बावजूद सीएम को देखने और सुनने आए लोगों ने हिम्मत नहीं हारी और आंधी से मुकाबला करते रहे।
यहां तक की महिलाएं भी इस प्रकोप को झेलती रही और बैठी रहीं।
हवा में उड़ती कुर्सियां को रोकने के लिए लोगों ने उन्हें अपने सिर पर रख लिया। कार्यकर्ता टैंट को पकड़कर खड़े रहे।
ऐसे में सीएम गहलोत जब जनसभा में पहुंचे तो उन्होंने सभी लोगों का आभार जताया और आंधी के बीच भी सीएम की गरजना चलती रही।
शनिवार को दोपहर बाद बदले मौसम ने राजधानी जयपुर में भी कुछ इसी तरह का कहर बरपाया। जयपुर में शाम होते-होते जोरदार धूलभरी आंधी ने कोहराम मचाया।