जयपुर | साल 2007 और तारीख 19 सितम्बर, इस दिन क्रिकेट इतिहास में कुछ ऐसा घटित होने वाला था जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हों। साउथ अफ्रीका की धरती पर पहली बार 20 - 20 ओवरों वाला विश्वकप खेला जा रहा था। सभी क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक नया अनुभव था। सचिन ,द्रविड़, गांगुली जैसे दिग्गज इस टूर्नामेंट में नहीं खेल रहे थे लिहाजा लम्बे बालों वालें महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय दल की कमान सौपी गई। इंडियन टीम में सभी नए खिलाडी थे जिन्हे भी क्रिकेट इस प्रारूप का बिलकुल अनुभव नहीं था। जब भारतीय टीम साउथ अफ्रीका खेलने पहुँची तो किसी ने नहीं सोचा था की भारत यह वर्ल्डकप ही जित लेगा।
वर्ल्डकप जीत में किसी का सबसे बड़ा रोल था तो वह थे,युवराज सिंह।
टीम इंडिया अपना पहला मैच पाकिस्तान के विरुद्ध खेलती है और स्कोर टाई रहने पर बॉल आउट में मैच जीत जाती है। स्कॉटलैंड के खिलाफ मैच बारिश से रद्द हो जाता है। इस तरीके से भारत सुपर 8 राउंड में पहुंच जाती है ,लेकिन यहाँ उसे न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ता है ,अगले मैच में साउथ अफ्रीका को हराकर भारत का सामना होता है इंग्लैंड से। और यहाँ आता है युवराज सिंह का तूफान।
युवराज ने केवल 12 गेंद पर अर्धशतक पूरा कर लिया था
भारत ने 17 ओवर में 155 के स्कोर अपना तीसरा विकिट खो दिया था, इसके बाद मैदान पर आते है युवराज सिंह। पिच पर आते ही युवी की फ्लिंटॉफ से बहस हो जाती है ,युवी ने बल्ला दिखाते हुए फ्लिंटॉफ से कुछ कहते नज़र आते है। कप्तान धोनी और अंपायर ने मामला सुलझाने की कोशिश की लेकिन युवी के दिमाग में अलग ही चल रहा था। पारी का 19 वा ओवर करने आये स्टुअर्ट ब्रॉड पर युवराज ने अपना सारा गुस्सा निकाल दिया। ब्रॉड के इस ओवर में जो कुछ हुआ वह ऐतिहासिक बन गया। युवी ने ब्रॉड के इस लगातार 6 बॉल में 6 आसमानी सिक्स जड़ दिये। t 20 इंटरनेशनल में युवराज सिंह 1 ओवर में 6 छक्के जड़ने वाले पहले खिलाड़ बन गए। युवराज सिंह ने अपनी पारी के दौरान 7 सिक्स और 3 चौके सहित 58 रन बनाए थे।
भारत ने जीता था मुकाबला भारत ने पहले खेलते हुए निर्धारित 20 ओवरों में 218 रन बनाए जिसके जवाब में इंग्लैंड की टीम 6 विकिट खोकर 200 रन ही बना सकीय और 18 रन से मुकाबला हार गई।