शिक्षक: उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राज्य बजट में शामिल किए जाएंगे शिक्षकों के सुझाव - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राज्य बजट में शामिल किए जाएंगे शिक्षकों के सुझाव - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
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Highlights

शिक्षक विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना और संस्कारों का समावेश कर उन्हें कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं

राज्य में सरकारी स्कूलों के बनुयादी ढांचे को मजबूत करने, स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने तथा शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है।

जयपुर। मुख्यमंत्री (CM)  भजनलाल शर्मा ने कहा कि शिक्षित और सक्षम नागरिक ही राष्ट्र की प्रगति का आधार होते हैं। शिक्षक विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता की भावना और संस्कारों का समावेश कर उन्हें कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनने के लिए प्रेरित करते हैं और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। 

शर्मा धौलपुर जिले के बाड़ी स्थित ग्राम बिजोली में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेश महासमिति अधिवेशन (general committee session) को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने शिष्य का मित्र, मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत होता है। विद्यार्थी स्कूल  (School) में जो कुछ सीखते हैं वह उनके जीवन को दिशा देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन काल से ही हमारे समाज में शिक्षक का महत्व सर्वोपरि रहा है। हमारी संस्कृति में गुरु-शिष्य परम्परा का विशेष स्थान हैं। कबीर दास ने तो गुरु गोविन्द दोउ खड़े... दोहे के माध्यम से गुरु का महत्त्व ईश्वर से भी अधिक बताया है।

राज्य में आधुनिक तकनीक से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार भी शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में सरकारी स्कूलों के बनुयादी ढांचे को मजबूत करने, स्मार्ट क्लासरूम (smart classroom) स्थापित करने तथा शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम (special training program) आयोजित करने पर जोर दिया जा रहा है। इससे विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीक (modern technology) की मदद से उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पाएगी।
 
उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी वंचित वर्गाें को शिक्षा मुहैया (provide) करवाने के लिए अंतरिम बजट में अल्प आय वर्ग, लघु/सीमांत/बंटाईदार किसानों और खेतीहर श्रमिकों के बच्चों को के.जी. (K.G.) से पी.जी. (P.G.) तक की निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया है।

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था (education system) को और अधिक बेहतर बनाने के लिए अपने आगामी बजट में शिक्षकों से उनके सुझाव आमंत्रित किए हैं। सर्वश्रेष्ठ सुझावों को सरकार बजट में शामिल करेगी। मुख्यमंत्री (CM) ने आश्वस्त किया कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे बड़े सुधार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार हो रहे हैं। विद्यार्थियों में रचनात्मकता और समस्या समाधान का कौशल विकसित करने के लिए केन्द्र सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लाई है।

यह शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करेगी और शिक्षा प्रणाली को रोजगारोन्मुखी (employment oriented) बनाने तथा विद्यार्थियों को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगी। इस नीति के सफल क्रियान्वयन से भारत एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।

शर्मा ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद देश में उच्च शिक्षा संस्थानों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आज देश में 21 आईआईएम (IIM), 23 आईआईटी (IIT), 22 एम्स हैं। पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों (medical colleges) की संख्या भी लगभग दोगुनी हो गई है। हमारे प्रमुख संस्थानों के कैम्पस विदेशों में भी खुल रहे हैं। अबूधाबी में आईआईटी (IIT) दिल्ली तथा तंजानिया में आईआईटी (IIT) मद्रास का कैम्पस शुरू हो चुका है।

समाज के प्रति दोहरी जिम्मेदारी शिक्षकों की 

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक संघ का भी दायित्व है कि वे शिक्षकों के हितों के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मेें तकनीकी विकास (technological advances) के साथ ही शिक्षण विधियों में बदलाव लाने की आवश्यकता है।

शर्मा ने कहा कि शिक्षकों की नागरिक होने के साथ ही शिक्षक के रूप में समाज के प्रति दोहरी जिम्मेदारी है। वे अपने आस-पास के प्रत्येक वंचित और जरूरतमंद को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के संकल्प को साकार करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

शर्मा ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उन्हें याद करते हुए कहा कि उनका जीवन राष्ट्र के लिए पूरी तरह समर्पित था। डॉ. मुखर्जी ने कश्मीर मुद्दे पर राष्ट्रवाद को सर्वोपरि रखते हुए तत्कालीन कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री (PM)  नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए कश्मीर से धारा 370 हटाई।

कार्यक्रम को मुख्य प्रतिनिधि के रूप में संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र को मजबूत करने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा पद्धति में राष्ट्रीयता का समावेश आवश्यक है, जिससे विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम की भावना विकसित हो।

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम, राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर सहित अन्य पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में शिक्षक तथा आमजन उपस्थित रहे।

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