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मीरा बाईसा पर मंत्री के बयान से आहत क्षत्रिय समाज, शक्ति सिंह बांदीकुई ने जताई कड़ी आपत्ति
जयपुर। देशभर में अपने सामाजिक कार्यों और ऐतिहासिक धरोहरों की रक्षा के लिए पहचाने जाने वाले युवा नेता शक्ति सिंह बांदीकुई ने कानून मंत्री एवं बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल के भक्त शिरोमणि मीरा बाईसा पर दिए गए आपत्तिजनक और गलत बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बांदीकुई ने इसे न केवल क्षत्रिय समाज, बल्कि समस्त सनातनी समाज की भावनाओं पर गंभीर प्रहार बताया।
इतिहास पर हमला बर्दाश्त नहीं: बांदीकुई
शक्ति सिंह बांदीकुई ने कहा कि आज हमारे गौरवशाली इतिहास और परंपराओं पर बार-बार हमला हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कानून मंत्री जैसे उच्च पद पर आसीन व्यक्ति द्वारा भक्त शिरोमणि मीरा बाईसा के जीवन और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना बेहद शर्मनाक है।
भोजराज जी के निधन पर मंत्री के दावे को बताया गलत
बांदीकुई ने मंत्री के उस बयान को तथ्यहीन बताया, जिसमें कहा गया कि मीरा बाईसा के पति भोजराज जी का निधन खानवा युद्ध में हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि भोजराज जी का देहांत खानवा युद्ध से छह वर्ष पहले हो चुका था।
इसके अलावा, मंत्री का यह दावा कि विवाह के एक साल बाद भोजराज जी का निधन हो गया, ऐतिहासिक रूप से पूरी तरह गलत है। बांदीकुई ने कहा कि भोजराज जी का निधन विवाह के सात वर्ष बाद हुआ और उनके अंतिम समय में स्वयं मीरा बाईसा ने अपने भक्ति पदों का गायन कर उन्हें विदा किया।
देवर-भाभी के रिश्ते पर मंत्री का बयान और भी आपत्तिजनक
शक्ति सिंह बांदीकुई ने मंत्री के उस बयान को अत्यंत आपत्तिजनक बताया, जिसमें कहा गया कि मीरा बाईसा का देवर उनसे विवाह करना चाहता था। बांदीकुई ने कहा, "क्षत्रिय समाज में देवर-भाभी का रिश्ता पवित्र और मां-पुत्र समान होता है। इस तरह के निराधार बयान न केवल हमारी परंपराओं का अपमान करते हैं, बल्कि इतिहास के साथ भी छेड़छाड़ करते हैं।"
माफी की मांग
बांदीकुई ने मांग की कि अर्जुनराम मेघवाल राजस्थान और समस्त क्षत्रिय समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि मंत्री को मेड़ता स्थित मीरा बाईसा के मंदिर में जाकर नाक रगड़कर माफी मांगनी चाहिए।
मीरा भक्तों की चेतावनी
बांदीकुई ने चेतावनी दी कि यदि मंत्री माफी नहीं मांगते, तो समूचे देश के मीरा भक्त उनसे जवाब मांगेंगे। उन्होंने कहा, "मीरा बाईसा केवल क्षत्रिय समाज का गौरव नहीं, बल्कि पूरे भारत की धरोहर हैं। उनके सतीत्व और नाम पर अनर्गल टिप्पणियां किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।"
जाति और धर्म से ऊपर हैं मीरा बाईसा
शक्ति सिंह बांदीकुई ने अंत में कहा, "मीरा बाईसा को जाति और धर्म की सीमाओं में बांधने का प्रयास बंद होना चाहिए। उनके गुरु संत रविदास जी का संदेश सभी वर्गों और धर्मों को जोड़ने वाला था। ऐसे पवित्र व्यक्तित्व पर सस्ता ज्ञान बांटने की कोशिश करने वालों को सावधान हो जाना चाहिए।"
समाज का आक्रोश बढ़ रहा
मंत्री के बयान को लेकर क्षत्रिय समाज में गहरा आक्रोश है। सामाजिक संगठनों और विभिन्न समुदायों ने भी मंत्री के बयान की निंदा की है।