श्रद्धांजलि: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की
madan rathore | file photo
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Highlights

  • भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की।
  • नंदलाल मीणा का सम्पूर्ण जीवन समाजसेवा और जनकल्याण को समर्पित रहा।
  • मदन राठौड़ ने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार के लिए प्रार्थना की।

जयपुर, 27 सितम्बर 2025। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (BJP State President Madan Rathore) ने पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा (Nandlal Meena) के निधन पर शोक व्यक्त किया।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्री राठौड़ ने कहा कि नंदलाल मीणा का आकस्मिक निधन प्रदेश की राजनीति और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अपने शोक संदेश में कहा कि पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का सम्पूर्ण जीवन समाजसेवा और जनकल्याण को समर्पित रहा। उन्होंने अपना पूरा जीवन जनहित के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए बिताया। वे सदैव गरीबों, वंचितों और जरूरतमंदों की सेवा में अग्रणी रहे। उनकी कर्मठता, सादगी और जनसेवा के प्रति अटूट निष्ठा हमेशा प्रेरणादायक रहेगी।

राठौड़ ने आगे कहा कि नंदलाल मीणा एक सच्चे मार्गदर्शक और कर्मठ नेता थे, जिन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में उच्च आदर्शों को स्थापित किया। उनके निधन से प्रदेश ने एक ऐसा नेता खो दिया है, जिसकी कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार को इस असहनीय दुख की घड़ी में धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की। इस दुखद अवसर पर भाजपा परिवार नंदलाल मीणा के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता है।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व जनजातीय कैबिनेट मंत्री नंदलाल मीणा का लंबी बीमारी के चलते 80 साल की उम्र में निधन हो गया। अहमदाबाद के अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके बेटे हेमंत मीणा राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

नंदलाल मीणा का जन्म 25 जनवरी 1946 को प्रतापगढ़ जिले के अम्बामाता का खेड़ा गांव में हुआ था। उनके पिता किशनलाल और माता देवीबाई थीं। उन्होंने मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर से बी.ए. और एल.एल.बी. की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के बाद वे खेती-बाड़ी के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय हो गए। 20 जून 1968 को उनकी शादी सुमित्रा देवी से हुई। उनके एक पुत्र और पांच पुत्रियां हैं।

नंदलाल मीणा ने साल 1972 में पहला चुनाव लसाड़िया विधानसभा से लड़ा। मगर वे चुनाव नहीं जीत सके। 1977 में वे पहली बार जनता पार्टी के टिकट पर उदयपुर ग्रामीण सीट से विधायक बने।

बीजेपी के गठन के समय मुंबई में मौजूद रहे
जनता पार्टी के विभाजन के बाद, 1980 में मुंबई अधिवेशन में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का गठन हुआ, तब नंदलाल मीणा भी प्रतापगढ़ से वहां मौजूद थे। वे भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक बने और आदिवासी बहुल इलाकों में पार्टी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

7 बार विधायक और 3 बार मंत्री रहे
नंदलाल मीणा कुल 7 बार विधायक, एक बार सांसद और तीन बार राजस्थान सरकार में मंत्री रहे। वसुंधरा राजे सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। मंत्री रहते हुए उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में हॉस्टल, एनीकट, सिंचाई योजनाएं और सड़कों का व्यापक जाल बिछाया।

भील प्रदेश की मांग का किया था समर्थन
बता दें कि नन्दलाल मीणा ने 2016 में भील प्रदेश की मांग का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि यदि इस मुद्दे के लिए उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा, तो वे ऐसा करने को तैयार हैं। जबकि 2014 में उन्होंने भील प्रदेश की मांग का विरोध किया था, जबकि 2016 में उन्होंने इस मांग का समर्थन किया और इसके लिए मंत्री पद छोड़ने की पेशकश की थी।

नंदलाल मीणा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी नेता के तौर पर जाने जाते थे। वे राजे के दोनों कार्यकाल में मंत्री रहे।
2018 में तबीयत खराब होने के कारण उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली और पार्टी ने उनके बेट हेमंत मीणा को टिकट दे दिया। हालांकि, उस समय वे कांग्रेस प्रत्याशी रामलाल मीणा से हार गए। मगर 2023 के विधानसभा चुनाव में हेमंत मीणा ने जीत दर्ज की और उन्हें राजस्व मंत्री का पद मिला।

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