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भाजपा और कांग्रेस के वोटों में सेंध मारने के लिए सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही हैं। अब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) ने सोमवार को अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।
जयपुर | राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के वोटों में सेंध मारने के लिए सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतार रही हैं।
अब मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) ने सोमवार को अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।
बता दें कि राजस्थान में आज से विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भी शुरू हो गया है।
सीपीआईएम 17 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
सीपीआईएम राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष कामरेड अमरा राम ने इस सूची का ऐलान करते हुए जानकारी दी है। प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कामरेड अमरा राम ने कहा कि इस बार पार्टी 17 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
सीपीआईएम ने अपनी पहली सूची में 17 नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा हैं।
इनकों यहां से मिला टिकट
- घोद (अनसूचित जाति) - पेमाराम
- दांता रामगढ़ - अमरा राम
- लक्ष्मणगढ़ - विजेन्द्र ढाका
- सीकर - उस्मान खान
- हुनमानगढ़ - रघुवीर वर्मा
- भदरा - बलवान पूनियां
- नोहर - मंगेज चौधरी
- रायसिंह नगर (अनसूचित जाति) - श्योपत राम मेघवाल
- अनूपगढ़ (अनसूचित जाति) - शोभा सिंह ढ़िल्लो
- डूंगरपुर (अनसूचित जाति) - गौतम डामोर
- तारानगर - निर्मल कुमार प्रजापत
- सरदार शहर - छगनलाल चौधरी
- सादुलपुर - सुनील पूनियां
- झाडौल (अनसूचित जाति) - प्रेम पारगी
- लाडनूं - भगीरथ यादव
- नावां - कानाराम बिजारणिया
- डूंगरगढ़ - गिरधारी लाल महिया
भाजपा-कांग्रेस निशाने पर
गौरतलब है कि राजस्थान में चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव हमेशा से ही भाजपा और कांग्रेस का वर्चस्व रहा है।
लेकिन कई छोटी पार्टियां हर बार चुनाव में खेला करती रहती हैं। ये पार्टियां भाजपा और कांग्रेस का सियासी समीकरण बिगाड़ कर खुद की मौजूदगी का अहसास कराती रही हैं।
ऐसे में एक बार फिर से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने इस बार विधानसभा चुनाव में अपने 17 प्रत्याशियों को उतार कर भाजपा-कांग्रेस का सियासी गणित बिगाड़ने की ठान ली है।
सोमवार को सीपीआईएम राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष कामरेड अमरा राम ने भाजपा-कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी राजस्थान की जनता पानी के लिए तरस रही है। सामाजिक उत्पीड़न, दलित, आदिवासी, महिलाएं जो कमजोर वर्ग है उसके उत्पीड़न में राजस्थान नम्बर वन है।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने मिलकर राजस्थान का नाश कर दिया है।