RAS-2023 रिजल्ट एनालिसिस: RAS-2023 रिजल्ट एनालिसिस: ग्रामीण युवाओं का दबदबा, 56 प्रतिशत चयनित अभ्यर्थी गांवों से

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Highlights

  • कुल चयनित 2166 अभ्यर्थियों में से 55.86 प्रतिशत ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं।
  • चयनित होने वाले लगभग 60 प्रतिशत अभ्यर्थी पहले से ही सरकारी या निजी सेवाओं में कार्यरत हैं।
  • 71 प्रतिशत चयनित अभ्यर्थी 21 से 30 वर्ष के आयु वर्ग के हैं जो युवाओं के वर्चस्व को दर्शाता है।
  • जयपुर जिले और राजस्थान विश्वविद्यालय से सबसे अधिक अभ्यर्थियों का चयन प्रशासनिक सेवाओं में हुआ है।

अजमेर | राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस-2023 भर्ती परीक्षा के परिणामों का एक विस्तृत विश्लेषण जारी किया है। इस रिपोर्ट ने प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए कई रोचक और प्रेरणादायक तथ्य सामने रखे हैं। भर्ती परिणामों के आंकड़ों से यह स्पष्ट हो गया है कि अब राजस्थान की सर्वोच्च प्रशासनिक सेवाओं में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। इस बार के परिणामों में आधे से अधिक अभ्यर्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं जो राज्य की बदलती शैक्षणिक और सामाजिक तस्वीर को दर्शाता है। आयोग द्वारा जारी डेटा के अनुसार कुल 2166 चयनित अभ्यर्थियों में से 1210 अभ्यर्थी ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। यह कुल चयन का लगभग 55.86 प्रतिशत है। इसके विपरीत शहरी क्षेत्रों से आने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 956 रही जो कुल चयन का 44.14 प्रतिशत है। आयोग ने अभ्यर्थियों की स्कूली शिक्षा के स्थान को उनकी पृष्ठभूमि का मुख्य आधार माना है। यह आंकड़े बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है और वहां के युवा अब बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

शैक्षणिक स्तर और योग्यता का महत्व

चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षणिक रिकॉर्ड पर नजर डालें तो स्नातक परीक्षा में प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की सफलता दर सबसे अधिक रही है। कुल 2166 सफल उम्मीदवारों में से 1707 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई प्रथम श्रेणी में पूरी की है। इसके अतिरिक्त चयनित होने वाले अभ्यर्थियों में से 837 अभ्यर्थी यानी लगभग 38.64 प्रतिशत उम्मीदवार स्नातकोत्तर भी हैं। यह स्पष्ट करता है कि प्रशासनिक सेवाओं में शैक्षणिक उत्कृष्टता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भर्ती के आयु वर्ग विश्लेषण से पता चलता है कि प्रशासनिक सेवाओं में ऊर्जावान युवाओं का दबदबा बना हुआ है। कुल चयनित अभ्यर्थियों में से 1554 उम्मीदवार 21 से 30 वर्ष के आयु वर्ग के हैं जो कुल चयन का 71.3 प्रतिशत हिस्सा है। इसके साथ ही 31 से 33 वर्ष की आयु के 266 अभ्यर्थियों का भी चयन हुआ है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि आयोग में युवाओं के साथ-साथ अनुभवी अभ्यर्थियों को भी स्थान मिल रहा है।

कार्यरत अभ्यर्थियों की सफलता की कहानी

इस बार के परिणामों में एक और चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि चयनित होने वाले अधिकांश अभ्यर्थी फ्रेशर्स नहीं हैं। आंकड़ों के अनुसार 1306 अभ्यर्थी यानी लगभग 59.9 प्रतिशत उम्मीदवार पहले से ही किसी न किसी सरकारी या निजी सेवा में कार्यरत थे। वहीं केवल 872 अभ्यर्थी ऐसे हैं जो फ्रेशर्स के रूप में चयनित हुए हैं। इससे यह पता चलता है कि नौकरी के साथ-साथ तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों में अनुशासन और समय प्रबंधन की बेहतर क्षमता होती है। साक्षात्कार के लिए बुलाए गए कुल 2178 अभ्यर्थियों में से आधे से अधिक उम्मीदवार केवल छह जिलों से संबंधित थे। इन जिलों में जयपुर, अजमेर, अलवर, जोधपुर, नागौर और सीकर शामिल हैं। जयपुर जिले ने एक बार फिर अपना दबदबा कायम रखा है जहां से सर्वाधिक 364 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार में अपनी जगह बनाई। शैक्षणिक संस्थानों की बात करें तो राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से सबसे अधिक 537 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसके बाद राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर का स्थान रहा है।

आयोग की पारदर्शिता और भविष्य की राह

राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों ने इस डेटा को सार्वजनिक करते हुए बताया कि आयोग भर्ती प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरत रहा है। इस विस्तृत विश्लेषण का उद्देश्य भविष्य के अभ्यर्थियों को यह समझाना है कि सफलता के लिए किसी विशेष क्षेत्र या पृष्ठभूमि का होना अनिवार्य नहीं है। यदि अभ्यर्थी के पास सही दिशा और कड़ी मेहनत करने का जज्बा है तो वह किसी भी चुनौती को पार कर सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं की यह सफलता आने वाले समय में अन्य छात्रों के लिए एक बड़ी प्रेरणा बनेगी। आरएएस-2023 के परिणाम यह सिद्ध करते हैं कि राजस्थान की प्रशासनिक सेवाओं का स्वरूप अब अधिक समावेशी हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली प्रतिभाएं अब मुख्यधारा में अपनी जगह बना रही हैं। साथ ही नौकरीपेशा लोगों का बड़ी संख्या में चयन यह बताता है कि निरंतरता और धैर्य ही सफलता की असली कुंजी है। जयपुर और राजस्थान विश्वविद्यालय का शैक्षणिक वातावरण अभी भी प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी के लिए सबसे उपयुक्त माना जा रहा है। आने वाले वर्षों में यह विश्लेषण नए उम्मीदवारों को अपनी रणनीति बनाने में मदद करेगा।

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