शांतिवन, आबू रोड – ब्रह्माकुमारीज संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में आज राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने शिव संजीवनी हर्बल काढ़ा डिपार्टमेंट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित करते हुए दादी ने शिला पट्टिका का अनावरण कर नए हर्बल डिपार्टमेंट का विधिवत शुभारंभ किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ राजयोगी सूरज भाई ने कहा कि आधुनिक जीवन में बढ़ती बीमारियों के मद्देनजर हमें स्वस्थ रहने के लिए फिर से प्रकृति की ओर लौटने की आवश्यकता है। हर्बल चाय, काढ़ा, और जूस जैसी प्राकृतिक औषधियों से कई रोगों का निवारण संभव है।
स्वास्थ्य के लिए जड़ी-बूटियों का महत्व
राजयोगिनी लीला दीदी ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "शांतिवन में हर्बल डिपार्टमेंट का आरंभ सभी के लिए लाभकारी होगा। आयुर्वेद हमारी प्राचीन पद्धति रही है, और प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ संभव है।"
हर्बल डिपार्टमेंट के मार्गदर्शक बीके पानमल भाई ने बताया कि इस पहल की नींव छोटे स्तर पर रखी गई थी, लेकिन अब यह हजारों लोगों के स्वास्थ्य का आधार बन चुकी है। वर्तमान में रोजाना 300 से 400 लीटर हर्बल काढ़ा तैयार किया जा रहा है, जिससे पांच लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं।
10 से 15 प्रकार की जड़ी-बूटियों का संयोजन
आयुर्वेदाचार्य बीके राम शंकर भाई ने बताया कि यह हर्बल पेय 10-15 प्रकार की पत्तियों और फूलों से तैयार किया जाता है, जिसमें जीरा, हल्दी, अदरक, दालचीनी, सौंप, काली मिर्च, और गिलोय जैसे तत्व शामिल होते हैं। इसे रोजाना सुबह-शाम 100-150 एमएल की मात्रा में लेने से शरीर को अनेक लाभ होते हैं।
घर पर कैसे बनाएं हर्बल जूस
घर पर हर्बल काढ़ा बनाने के लिए तुलसी, अमरूद, जामुन, नीम, बेल पत्र, और अन्य पेड़ों की पत्तियां लेकर, इसमें हल्दी, अदरक, काली मिर्च, और सेंधा नमक मिला सकते हैं। रोजाना सुबह खाली पेट इसका सेवन 21 दिनों तक करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
उद्घाटन में विशेष उपस्थिति
उद्घाटन के इस अवसर पर बीके शंकर भाई, बीके भगवान भाई, बीके आनंद भाई, और बृज भाई सहित बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे।