Highlights
- दिल्ली में प्रदूषण का स्तर जानलेवा, कई इलाकों में AQI 500 के पार।
- घने कोहरे और धुंध के कारण 60 उड़ानें रद्द, 250 देरी से चल रही हैं।
- अक्षरधाम सहित कई क्षेत्रों में विजिबिलिटी घटकर 50 मीटर रह गई।
- ग्रैप-4 लागू होने के बावजूद प्रदूषण पर नियंत्रण बेअसर।
JAIPUR | दिल्ली (Delhi) में पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का असर कम होने से हवा थम गई, जिससे राजधानी ठंड, स्मॉग और प्रदूषण के ट्रिपल अटैक की चपेट में आ गई। 60 फ्लाइट रद्द हुईं, 250 देरी से चलीं, और कुछ इलाकों में AQI 500 पार कर गया।

प्रदूषण का ट्रिपल अटैक और जानलेवा AQI
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव कम होते ही दिल्ली की हवा स्थिर हो गई। रविवार को राजधानी में ठंड, स्मॉग और प्रदूषण का तिहरा हमला देखने को मिला, जिसने जनजीवन को प्रभावित किया।
ग्रैप-4 (GRAP-4) के नियम लागू होने के बावजूद वजीरपुर और रोहिणी जैसे इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के स्तर तक पहुंच गया। प्रदूषक कण वातावरण में फंसे रहे, जिससे दिल्ली एक गैस चैंबर में तब्दील हो गई।
फ्लाइट्स पर असर और विजिबिलिटी की समस्या
रविवार को इस साल का सबसे घना कोहरा भी छाया रहा, जिसने स्थिति को और गंभीर बना दिया। अक्षरधाम समेत कई क्षेत्रों में विजिबिलिटी घटकर मात्र 50 मीटर रह गई, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।
घने कोहरे और धुंध के कारण इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 60 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इसके अलावा, लगभग 250 उड़ानें अपने निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार से हवा की रफ्तार बढ़ने पर प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट की चिंता और सुनवाई
इस गंभीर स्थिति के बीच, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत ने वकीलों और पक्षकारों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाइब्रिड मोड में पेश होने का सुझाव दिया है। यह प्रदूषण के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य जोखिमों को देखते हुए उठाया गया कदम है।
सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से संबंधित एक याचिका पर 17 दिसंबर को सुनवाई करेगा। यह दर्शाता है कि न्यायिक प्रणाली भी इस गंभीर पर्यावरणीय समस्या को लेकर चिंतित है।
ग्रैप-4 के उपाय और उनकी बेअसरता
सीएक्यूएम (CAQM) ने शनिवार को पहले ग्रैप-3 और फिर ग्रैप-4 के नियम लागू किए थे। हालांकि, इन सख्त उपायों के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ और स्थिति जस की तस बनी रही।
ग्रैप-4 के तहत 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम, बीएस-4 (BS-4) बड़े व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर रोक, सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और स्कूलों में हाइब्रिड मोड जैसे उपाय शामिल हैं। कचरा और ईंधन जलाने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
डीजल जेनरेटर, आरएमसी प्लांट, स्टोन क्रशर, ईंट भट्ठे और खनन गतिविधियों पर भी रोक लगाई गई है। कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री के परिवहन पर भी सख्त प्रतिबंध लागू है, लेकिन ये सभी कदम बेअसर साबित हो रहे हैं।
आने वाले दिनों में भी गंभीर रहेगा प्रदूषण
एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (AQEWS) के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले छह दिनों तक भी दिल्ली की हवा 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है। यह स्थिति चिंताजनक है और तत्काल प्रभावी उपायों की मांग करती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि मौजूदा औसत हवा की गति 10 किमी प्रति घंटे से कम है। यह धीमी हवा प्रदूषकों को वातावरण में फैलने के लिए अनुकूल नहीं है, जिससे प्रदूषण का स्तर ऊंचा बना हुआ है।
रविवार को वजीरपुर में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन ने दिन के समय अधिकतम संभव AQI वैल्यू 500 दर्ज की। हालांकि, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) का स्टेशन इससे आगे का डेटा रजिस्टर नहीं करता है, जिससे वास्तविक स्तर और भी अधिक हो सकता है।
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