Highlights
- दिल्ली ब्लास्ट में 10 लोगों की मौत की पुष्टि।
- जांच एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद के मेडिकल नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
- आतंकियों ने 6 दिसंबर को 6 शहरों में 6 बम विस्फोटों की साजिश रची थी।
- बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेना था आतंकियों का मकसद।
नई दिल्ली: दिल्ली ब्लास्ट (Delhi Blast) में 10 लोगों की मौत हुई। जांच एजेंसियों ने जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के मेडिकल नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। आतंकियों ने बाबरी मस्जिद विध्वंस (Babri Masjid Demolition) का बदला लेने के लिए धमाकों की साजिश रची थी।
इस दिल दहला देने वाली घटना में कई लोग घायल भी हुए थे। घटना के बाद से ही जांच एजेंसियां लगातार खुलासे कर रही हैं। हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद के सफेदपोश मेडिकल नेटवर्क का भंडाफोड़ किया गया है।
6 शहरों में 6 बम विस्फोटों की थी साजिश
जांचकर्ताओं का कहना है कि आतंकी समूह ने 6 दिसंबर को 6 शहरों में 6 बम विस्फोटों की साजिश रची थी। खुफिया सूत्रों के अनुसार, 10 नवंबर को दिल्ली में हुए विस्फोट के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों में डॉ. शाहीन शाहिद, उसके भाई डॉ. परवेज सईद अंसारी और डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी से पूछताछ के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है।
बाबरी विध्वंस का बदला लेना चाहते थे आतंकी
जांचकर्ताओं की मानें तो 1992 की घटना का 'बदला' लेने के लिए बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर विस्फोट करने की संदिग्ध आतंकियों की योजना थी। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा ये तीनों कथित तौर पर पैसा जुटा रहे थे। डॉ. शाहीन से पूछताछ में समूह के वित्तीय नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
5 चरणों में धमाके की थी योजना
अन्य गिरफ्तार संदिग्धों - डॉ. अदील, डॉ. मुजम्मिल, मौलवी इरफान अहमद, आरिफ निसार डार, यासिर-उल-अशरफ, मकसूद अहमद और जमीर अहमद अहंगर से ऑपरेशन के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए पूछताछ की जा रही है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर से कुल 9 लोगों को मामले में गिरफ्तार किया गया है। इनमें लखनऊ से डॉ. परवेज, कानपुर से डॉ. आरिफ मीर और हापुड़ से डॉ. फारूक अहमद डार शामिल हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि समूह ने 5 चरणों में धमाके की योजना बनाई थी।
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