संयम लोढ़ा ने डीजीपी को लिखा पत्र: सिरोही में दर्जनों चोरियां अनसुलझी, पुलिस कर रही लापरवाही

सिरोही में दर्जनों चोरियां अनसुलझी, पुलिस कर रही लापरवाही
Villagers Gathered in Barloot in Leadership of ex MLA Sanyam Lodha
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Highlights

सिरोही के मनोरा गांव में जुलाई 2025 में हुईं दर्जन भर चोरियां अनसुलझी.

चोरियां खुलवाने गए ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.

तत्कालीन एसपी ने जांच का आश्वासन दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सीसीटीवी फुटेज मिलने के बाद भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं.

जयपुर. सिरोही जिले के बरलूट थाना (Barlut Police Station) अंतर्गत मनोरा गांव (Manora village) में जुलाई 2025 में हुई दर्जन भर से अधिक चोरियां (thefts) अनसुलझी हैं. नागरिकों ने पुलिस महानिदेशक (Director General of Police) से कार्रवाई की मांग की है.

मनोरा में चोरियों का सिलसिला

सिरोही जिले के बरलूट थाना अंतर्गत मनोरा गांव में जुलाई माह में एक दर्जन से अधिक चोरियां हुई थीं. इससे पहले भी गांव में अनेक बार चोरी की वारदातें हो चुकी हैं.

चोरियों के बढ़ते मामलों से ग्रामीण परेशान हैं और पुलिस की निष्क्रियता से उनमें रोष व्याप्त है. ग्रामीणों ने कई बार पुलिस से शिकायत भी की थी.

ग्रामीणों पर लाठीचार्ज और आश्वासन

नागरिक इन चोरियों को खुलवाने के लिए सिरोही कलेक्ट्रेट गए थे. वहां उन पर बिना सक्षम आदेश लाठीचार्ज किया गया और ग्रामीणों को खदेड़ दिया गया.

इसके बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनिल बेनीवाल मनोरा गांव पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों को हर हाल में चोरियां खोलने का भरोसा दिलाया था.

अविश्वास और नई वारदातें

बेनीवाल के साथ पहुंचे कुछ जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों पर दबाव बनाया. उन्हें आंदोलन न करने और पुलिस पर भरोसा रखने को कहा गया.

नागरिकों ने पुलिस पर विश्वास किया कि चोरियां खोली जाएंगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और चोरियों का सिलसिला फिर से शुरू हो गया.

सीसीटीवी फुटेज के बाद भी कार्रवाई नहीं

उक्त घटना के बाद भूतगांव, जामोतरा, बरलूट, जावाल व अन्य गांवों में भी चोरियां हुईं. मनोरा गांव में भी फिर से चोरियां होना शुरू हो गई हैं.

चार दिन पूर्व मनोरा के ग्रामीणों ने चोरों के सीसीटीवी फुटेज सौंपे हैं. इन फुटेज में चोर स्पष्ट दिखाई पड़ रहे हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.

पुलिस की लापरवाही पर सवाल

बरलूट थाना क्षेत्र की माता-बहनों में चोरों का आतंक व्याप्त है. पुलिस की किसी भी कार्यवाही न होने से भारी अविश्वास व संदेह उत्पन्न हो गया है.

इस लंबे निकम्मेपन की कोई जिम्मेदारी अभी तक तय नहीं की गई है. पुलिस महानिदेशक से इस लापरवाही पर प्रशासनिक जिम्मेदारी तय करने की मांग की गई है.

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