Highlights
- हरमाड़ा हादसे के बाद महेंद्र सिंह खेड़ी ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
- औद्योगिक वाहनों की अव्यवस्थित आवाजाही पर प्रतिबंध की मांग।
- जयपुर के लिए रिंग रोड परियोजना को शीघ्र पूरा करने पर जोर।
- झोटवाड़ा-कालवाड़ रोड पर ट्रैफिक जाम के स्थायी समाधान की मांग।
जयपुर: हरमाड़ा (Harmada) लोहा मंडी रोड पर हुए दर्दनाक हादसे के बाद, कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह खेड़ी (Mahendra Singh Khedi) ने जयपुर (Jaipur) जिला कलेक्टर (District Collector) को ज्ञापन सौंपकर औद्योगिक वाहनों की अव्यवस्थित आवाजाही, रिंग रोड परियोजना और ट्रैफिक सुधार पर ठोस सुझाव दिए।
हरमाड़ा हादसे की पृष्ठभूमि और चिंता
जयपुर के हरमाड़ा लोहा मंडी रोड पर हाल ही में डंपर की टक्कर से हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों को गहरी चिंता में डाल दिया है।
इस गंभीर घटना के उपरांत, राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव तथा विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह खेड़ी ने आज जिला कलेक्टर को संबोधित करते हुए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी को विस्तृत ज्ञापन सौंपा है।
अपने ज्ञापन में, खेड़ी ने भविष्य में इस प्रकार की हृदय विदारक दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कई प्रमुख और व्यवहारिक सुझाव प्रस्तुत किए हैं।
उन्होंने विशेष रूप से रेखांकित किया कि जयपुर के उत्तरी क्षेत्र – जिसमें हरमाड़ा, नींदड़, झोटवाड़ा, सरना डूंगर और वीकेआई जैसे प्रमुख औद्योगिक इलाके शामिल हैं – में भारी वाहनों की अनियंत्रित और अव्यवस्थित आवाजाही अब आम जनजीवन के लिए एक गंभीर और लगातार बढ़ता खतरा बन चुकी है।
महेंद्र सिंह खेड़ी ने इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे को केवल एक आकस्मिक दुर्घटना नहीं माना, बल्कि इसे प्रशासनिक लापरवाही, दूरदर्शिता के अभाव और योजनागत कमियों का सीधा परिणाम बताया है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए), नगर निगम, पीडब्ल्यूडी (सार्वजनिक निर्माण विभाग) और ट्रैफिक विभाग – इन सभी संबंधित विभागों को मिलकर क्षेत्र की सड़कों की खराब स्थिति, ट्रैफिक प्रबंधन की लचर व्यवस्था और औद्योगिक मार्गों की अव्यवस्थित आवाजाही पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए।
महेंद्र सिंह खेड़ी द्वारा प्रस्तुत प्रमुख सुझाव
अपने ज्ञापन में, महेंद्र सिंह खेड़ी ने क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण और ठोस सुझाव दिए हैं।
भारी वाहनों की आवाजाही पर नियंत्रण
उन्होंने घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भारी वाहनों की आवाजाही पर तत्काल और सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग की है, ताकि आवासीय क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यह प्रतिबंध विशेष रूप से स्कूल समय और भीड़भाड़ वाले घंटों के दौरान अधिक प्रभावी होना चाहिए।
औद्योगिक क्षेत्रों का बेहतर जुड़ाव
खेड़ी ने झोटवाड़ा, वीकेआई (विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र), सरना डूंगर और लोहा मंडी जैसे प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों को सीधे औद्योगिक हाईवे, सेक्टर रोड और प्रस्तावित रिंग रोड से जोड़ने का सुझाव दिया है।
इससे शहर के भीतर भारी वाहनों का अनावश्यक प्रवेश रुकेगा और ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
अवैध पार्किंग और ओवरलोडिंग पर अंकुश
उन्होंने अजमेर बाईपास हाईवे पर वाहनों की अनियंत्रित और अवैध पार्किंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की आवश्यकता पर बल दिया है, जो अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनती है।
ओवरलोडिंग को नियंत्रित करने के साथ-साथ, ट्रैफिक, खनन और परिवहन अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की भी पुरजोर मांग की गई है, ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके।
शहर के बाहरी इलाकों में स्थायी ट्रक पार्किंग जोन और वैज्ञानिक निरीक्षण केंद्र (वे स्टेशन) स्थापित करने का सुझाव भी दिया गया है, जिससे वाहनों की जांच और नियंत्रण संभव हो सके।
रिंग रोड परियोजना और नई सड़कों का विकास
बगरू से अजमेर रोड, सीकर रोड, दिल्ली रोड और आगरा रोड को जोड़ने वाली बाहरी रिंग रोड परियोजना को शीघ्रता से शुरू करने और पूरा करने की पैरवी की गई है।
इस परियोजना से जयपुर शहर को भारी वाहनों के दबाव से मुक्ति मिलेगी और लंबी दूरी के यातायात को सुगम बनाया जा सकेगा।
स्थलीय निरीक्षण कर एक संयुक्त ट्रैफिक-सुरक्षा रिपोर्ट तैयार करने का भी सुझाव दिया गया है, जिसमें विशेषज्ञों की राय शामिल हो।
सीकर रोड (हरमाड़ा) और 14 नंबर क्षेत्र में लगातार लगने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या का स्थायी और दीर्घकालिक समाधान खोजने की मांग की गई है।
बजरी मंडी ट्रांसपोर्ट जोन की व्यवस्थाओं को मजबूत करने और वहां नियंत्रण व्यवस्था सुनिश्चित करने पर भी विशेष जोर दिया गया है, ताकि अव्यवस्था को रोका जा सके।
विद्याधर नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित नई सड़कों का शीघ्र निर्माण कर उनकी गुणवत्ता और समय सीमा तय करने की बात भी कही गई है, जिससे स्थानीय निवासियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।
महेंद्र सिंह खेड़ी का वक्तव्य और भविष्य की राह
महेंद्र सिंह खेड़ी ने अपने वक्तव्य में कहा कि जयपुर का उत्तर-पश्चिम क्षेत्र अब औद्योगिक गतिविधियों और बढ़ती आबादी दोनों रूपों में तेजी से विकसित हो रहा है।
जमीनी कार्यवाही की अनिवार्यता
उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ट्रैफिक प्रबंधन और शहरी नियोजन से संबंधित योजनाएं अभी भी केवल कागजों तक ही सीमित होकर रह गई हैं।
खेड़ी ने सरकार और प्रशासन से पुरजोर आग्रह किया कि वे इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करें, ताकि आने वाले समय में कोई और परिवार ऐसे दर्दनाक सड़क हादसे का शिकार न बने।
रिंग रोड के बहुआयामी लाभ
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जयपुर रिंग रोड परियोजना के पूर्ण होने और औद्योगिक बाईपास मार्गों के विकसित होने से न केवल शहर में ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या समाप्त होगी, बल्कि जयपुर शहर को भारी वाहनों के निरंतर दबाव से भी बड़ी राहत मिलेगी।
यह परियोजना शहर के पर्यावरण और वायु गुणवत्ता में भी सुधार लाएगी।
झोटवाड़ा-कालवाड़ रोड की विकट समस्या
महेंद्र सिंह खेड़ी ने विशेष रूप से झोटवाड़ा-कालवाड़ रोड की गंभीर ट्रैफिक समस्या पर भी अपनी गहरी चिंता जताई है।
उन्होंने बताया कि यह मार्ग विद्याधर नगर, झोटवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र और आमजन की दैनिक आवाजाही की एक अत्यंत महत्वपूर्ण और मुख्य सड़क है, जिस पर लगभग हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है।
उन्होंने जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) से इस महत्वपूर्ण रोड की वर्तमान स्थिति पर एक अलग और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने तथा एक निश्चित समय-सीमा के भीतर इसके स्थायी समाधान का खाका पेश करने की मांग की है।
खेड़ी का मानना है कि यह त्वरित और प्रभावी कदम न केवल जनता को दैनिक परेशानियों से राहत प्रदान करेगा, बल्कि भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं और यातायात जाम की गंभीर समस्या से भी शहर को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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