Highlights
- जयपुर में पहली बार राजपूत मातृशक्ति द्वारा भव्य तलवार रास और तलवारबाजी का प्रदर्शन।
- 150 से अधिक महिलाओं ने खुली जीपों व बुलट पर खड़े होकर किया हैरतअंगेज प्रदर्शन।
- शस्त्र पूजन के माध्यम से आत्मरक्षा और आत्मविश्वास जागृत करने का संदेश।
- गोगटिया परिवार और फतेह निवास के मालिकों का विशेष योगदान।
जयपुर। विजयदशमी के पावन अवसर पर जयपुर में राजपूत मातृशक्ति द्वारा पहली बार तलवार रास, तलवारबाजी तथा शस्त्र पूजन का एक भव्य और ऐतिहासिक आयोजन किया गया। राजपूत सर्वोत्तम सहयोग संस्थान भारत, दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ व जय भवानी तलवारबाजी संघ टीम के तत्वाधान में फतेह निवास मैरिज गार्डन, झोटवाड़ा में संपन्न हुए इस कार्यक्रम ने सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष गणपत सिंह राठौड़ ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत उपस्थित रहे।
शस्त्र और शास्त्र का महत्व
मुख्य अतिथि राजेंद्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में शस्त्र और शास्त्र दोनों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमें इन दोनों में पारंगत होने की आवश्यकता है, क्योंकि ये हमारे जीवन के महत्वपूर्ण पहलू हैं। संस्थापक महेंद्र सिंह जाखली ने इस आयोजन की विशिष्टता बताते हुए कहा कि यह पहली बार था जब डेढ़ सौ से अधिक मातृशक्ति ने एक साथ गुरु टीना कंवर व गुरु हिमांशी कंवर के कुशल नेतृत्व में तलवार रास और खुली जीपों व बुलेट जैसे दोपहिया वाहनों पर खड़े होकर तलवारबाजी का भव्य प्रदर्शन किया। यह अद्भुत दृश्य देर रात तक चला और दर्शकों को रोमांचित करता रहा।
आत्मरक्षा और आत्मविश्वास का संदेश
राष्ट्रीय अध्यक्ष गणपत सिंह राठौड़ ने हथियारों की पूजा करते हुए कहा कि तलवारबाजी प्रशिक्षण और ऐसे कार्यक्रम महिला वर्ग में आत्मरक्षा, सुरक्षा और आत्मविश्वास की भावना को जागृत करते हैं। उन्होंने ऐसे आयोजनों को महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर देवी-देवताओं की धार्मिक वेशभूषा में सजे बच्चे विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। शेखावाटी के प्रवर्तक महाराव शेखा जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और समाज की प्रतिभाओं व समाजसेवियों को सम्मानित किया गया।
प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति
इस भव्य आयोजन में संघ संस्थापक महेंद्र सिंह जाखली, संस्थापिका सुमन कंवर, संघ राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह गोगटिया, संभाग अध्यक्ष विजयलक्ष्मी कंवर, जयपुर अध्यक्ष सुमन कंवर, धर्मवीर सिंह चौहान, मनजीत सिंह कुम्भावत अमरपुरा, भवानी सिंह राठौड़ रांवा, लक्ष्मण सिंह सांवली, नंदू सिंह नरूका बीची, नाथू सिंह राजावत नयाटीला टोंक, गजेंद्र सिंह मेघसर, रंभा कंवर सहित भारी संख्या में मातृशक्ति, पुरुष व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। सभी उपस्थित लोगों ने तलवारबाजी के इस हैरतअंगेज प्रदर्शन का भरपूर आनंद लिया और कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
गोगटिया परिवार और फतेह निवास का अतुलनीय योगदान
कार्यक्रम के बाद भोम सिंह द्वारा सहभोज का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की सफलता में फतेह निवास के मालिक शंकर सिंह और दशरथ सिंह का सहयोग अतुलनीय रहा है, जिन्होंने हमेशा इस तरह के आयोजनों में अपना सबसे बड़ा सहयोग दिया है। बाड़मेर से भोम सिंह राठौड़, राजस्थान प्रदेश उपाध्यक्ष टीम राजपूत सर्वोत्तम सहयोग संस्थान, राजस्थान भी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस कार्यक्रम में गोगटिया परिवार की मुख्य भूमिका रही है, जिनके चार सदस्य – राष्ट्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह राठौड़ गोगटिया, राजस्थान संरक्षक दिग्विजय सिंह राठौड़ गोगटिया, प्रदेश अध्यक्ष टीना बाईसा गोगटिया और हिमांशी बाईसा गोगटिया – तलवारबाजी टीम की रीढ़ हैं। इनके प्रशिक्षण के कारण हजारों लोगों को तलवारबाजी सीखने का अवसर मिला है।
टीम राजपूत सर्वोत्तम सहयोग संस्थान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नाथावत सावली, प्रदेश अध्यक्ष भवानी सिंह राठौड़ रावां, राजस्थान प्रदेश उपाध्यक्ष नंद सिंह बीची माधोराजपुरा, टोंक जिला अध्यक्ष नाथु सिंह राजावत नया टीला ने कार्यक्रम की पूरी बागडोर संभाली। टीम राजपूत मातृशक्ति तलवारबाजी संघ की जयपुर टीम का नेतृत्व संभाग अध्यक्ष विजय लक्ष्मी कंवर शेखावत बधाल तथा जिला अध्यक्ष सुमन कंवर मांवडा कर रही थीं। उल्लेखनीय है कि फतेह निवास के मालिक शंकर सिंह शेखावत मोटलास व दशरथ सिंह शेखावत मोटलास का योगदान अतुलनीय रहा है जिन्होंने इस टीम को मजबूत करने के लिए अपना विशेष योगदान दिया है।
इससे पूर्व तलवारबाजी टीम ने बधाल हेरिटेज रिसॉर्ट में भी शानदार प्रस्तुति देकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था, उस समय बधाल हेरिटेज रिसॉर्ट ऑनर के दातार सिंह बधाल ने तलवारबाजी टीम का भविष्य उज्जवल बताया था। इस तलवारबाजी टीम के प्रथम कार्यक्रम में राजेंद्र सिंह राठौड़, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजस्थान मुख्य अतिथि थे जिन्होंने भी टीम की भूरी भूरी प्रशंसा की थी। यह आयोजन मातृशक्ति के शौर्य, आत्मबल और सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत उदाहरण बन गया।