जयपुर में प्रिंसिपल रिश्वत लेते गिरफ्तार: जयपुर में Sirohi मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल 50 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार

जयपुर में Sirohi मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल 50 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार
Sirohi Medical College Principal Arrest with Bribe 50000
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Highlights

  • सिरोही मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल श्रवण मीना जयपुर में गिरफ्तार।
  • एसीबी ने 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा।
  • बिल पास करने और कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने के लिए मांगी थी घूस।
  • प्रिंसिपल के घर और ऑफिस की तलाशी जारी।

जयपुर: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau - ACB) ने जयपुर (Jaipur) में सिरोही (Sirohi) के एक मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल श्रवण मीना (Shravan Meena) को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। वह बिल पास करने और कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने के एवज में रिश्वत मांग रहा था।

छुट्टी पर जयपुर आए प्रिंसिपल हुए गिरफ्तार

एसीबी की जयपुर टीम ने सिरोही के भीमराव अंबेडकर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल श्रवण मीना को गुरुवार दोपहर राजधानी जयपुर से अरेस्ट किया। प्रिंसिपल श्रवण मीना कॉलेज से छुट्टी लेकर जयपुर स्थित अपने घर आए हुए थे, तभी एसीबी ने यह बड़ी कार्रवाई की।

एडि.एसपी (एसीबी) संदीप सारस्वत ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की और बताया कि उनकी टीम ने प्रिंसिपल को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

ठेकेदार की शिकायत पर एसीबी का एक्शन

एसीबी को एक पीड़ित परिवादी ने शिकायत दी थी। परिवादी ने बताया कि वह भीमराव अंबेडकर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में हॉस्टल मेस का ठेकेदार है और कॉलेज के बिल पास करवाने थे।

इसके साथ ही उसे अपने कॉन्ट्रैक्ट को भी रिन्यू करवाना था। प्रिंसिपल श्रवण मीना इन कार्यों के लिए लगातार रिश्वत की मांग कर रहे थे और उसे परेशान कर रहे थे।

परिवादी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए, एसीबी टीम ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू की और प्रिंसिपल के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाने का फैसला किया।

सत्यापन में पुष्टि, फिर बिछाया गया जाल

जयपुर एसीबी टीम ने शिकायत का गोपनीय तरीके से सत्यापन करवाया। सत्यापन के दौरान यह साफ हो गया कि मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल श्रवण मीना वास्तव में 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे थे।

रिश्वत की मांग की पुष्टि होने के बाद, एसीबी टीम ने एक विस्तृत ट्रेप ऑपरेशन की योजना बनाई। इस ऑपरेशन को 'चक्रव्यूह' नाम दिया गया ताकि आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा जा सके।

परिवादी को रिश्वत के 50 हजार रुपये के साथ प्रिंसिपल से संपर्क करने के लिए कहा गया। एसीबी की टीम ने पूरी तैयारी के साथ अपनी रणनीति को अंजाम दिया।

राजापार्क में रंगे हाथों पकड़ा गया आरोपी

रिश्वत की रकम देने के लिए प्रिंसिपल श्रवण मीना ने परिवादी को जयपुर के राजापार्क इलाके में बुलाया था। एसीबी टीम ने इस इलाके में पहले से ही अपनी घेराबंदी कर रखी थी।

जैसे ही प्रिंसिपल श्रवण मीना ने परिवादी से 50 हजार रुपये की घूस ली, एसीबी टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें रंगे हाथों धर-दबोचा। इस अचानक हुई कार्रवाई से मौके पर हड़कंप मच गया।

प्रिंसिपल को हिरासत में लेकर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एसीबी की इस कार्रवाई से सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का संदेश गया है।

घर और ऑफिस की तलाशी जारी

गिरफ्तारी के बाद, एसीबी टीम ने प्रिंसिपल श्रवण मीना के जयपुर स्थित आवास और सिरोही स्थित उनके कॉलेज कार्यालय की तलाशी लेना शुरू कर दिया है। यह तलाशी भ्रष्टाचार से जुड़े अन्य सबूतों और संपत्तियों को जुटाने के लिए की जा रही है।

एसीबी का कहना है कि इस मामले में गहन जांच जारी है। जांच के दौरान और भी कई महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है, जिससे भ्रष्टाचार के इस नेटवर्क का पूरा सच सामने आ सके।

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