Highlights
- मेघराज सिंह रॉयल ने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की धुरी बताया।
- शिक्षक समाज के वास्तविक शिल्पकार हैं जो संस्कार और राष्ट्रप्रेम का बीजारोपण करते हैं।
- UGPF संयुक्त राष्ट्र के SDG लक्ष्यों से प्रेरित होकर समग्र समाज विकास पर केंद्रित है।
- सम्मेलन में शिक्षकों ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और तकनीक के उपयोग पर जोर दिया।
जयपुर। राजस्थान शिक्षक संघ (अम्बेडकर) द्वारा जयपुर में आयोजित जिला स्तरीय शिक्षक सम्मेलन में रविवार को शिक्षा और समाज निर्माण को लेकर गहन विमर्श हुआ। इस अवसर पर यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन (UGPF) के चेयरमैन मेघराज सिंह रॉयल ने मुख्य वक्ता के रूप में शिक्षकों की भूमिका को राष्ट्र निर्माण की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा केवल ज्ञान का प्रसार नहीं, बल्कि एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र की नींव है।
शिक्षक समाज की वास्तविक धुरी और शिल्पकार
मेघराज सिंह रॉयल ने अपने संबोधन में शिक्षकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक समाज की वास्तविक धुरी हैं। वे केवल पुस्तकों का ज्ञान नहीं बांटते, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भीतर संस्कार, नैतिक मूल्य और राष्ट्रप्रेम की अटूट भावना का बीजारोपण करते हैं। एक कुम्हार जैसे मिट्टी को आकार देकर सुंदर घड़ा बनाता है, वैसे ही शिक्षक भी बच्चों के कच्चे मन को गढ़कर उन्हें योग्य, जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनाते हैं, जो अंततः समाज को प्रगति और समृद्धि की ओर अग्रसर करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्र निर्माण की नींव शिक्षा पर ही टिकी होती है। आज के दौर में जब समाज अनेक चुनौतियों जैसे सामाजिक असमानता, नैतिक पतन और पर्यावरणीय संकट से जूझ रहा है, तब शिक्षकों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि वे विद्यार्थियों के भीतर न केवल अकादमिक दक्षता का विकास करें बल्कि उनमें जिम्मेदार नागरिक बनने का संकल्प भी जगाएं।
यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन (UGPF) का समग्र योगदान
इस अवसर पर यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन के प्रबंधक मुकेश मेघवंशी ने सम्बोधित करते हुए यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन (UGPF) की गतिविधियों और व्यापक उद्देश्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि UGPF का लक्ष्य केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संगठन समाज के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। फाउण्डेशन संयुक्त राष्ट्र संघ के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) से प्रेरित होकर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। इनमें शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, बाल विवाह रोकथाम, गौ संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
विशेष रूप से शिक्षा के क्षेत्र में, संगठन का मानना है कि ज्ञान तभी सार्थक है जब वह व्यक्ति को मानवीय मूल्यों, सह-अस्तित्व और सामाजिक उत्तरदायित्व से जोड़े। UGPF ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने, शिक्षकों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस पहल कर रहा है, ताकि शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता दोनों सुनिश्चित की जा सकें।
शिक्षा से समाज और राष्ट्र का उत्थान: मूल्यों पर जोर
मेघराज सिंह रॉयल ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की शिक्षा व्यवस्था में केवल पाठ्यक्रम पूरा करना ही लक्ष्य नहीं होना चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों को जीवन मूल्य, सहयोग, सहिष्णुता और कर्तव्यनिष्ठा का भाव सिखाना ही सच्ची शिक्षा है। उन्होंने कहा, “शिक्षक यदि एक-एक बच्चे को अच्छे संस्कारों से सींच दें तो आने वाली पूरी पीढ़ी राष्ट्र निर्माण में महती भूमिका निभा सकती है। यही कारण है कि शिक्षक समाज का मेरुदंड माने जाते हैं और उनके कंधों पर एक उज्ज्वल भविष्य की जिम्मेदारी है।”
सम्मेलन में शिक्षकों की बड़ी भागीदारी और महत्वपूर्ण संदेश
इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में जिलेभर से आए शिक्षकों और शिक्षक नेताओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। सभी ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, ग्रामीण विद्यालयों को संसाधनों से सशक्त करने और शिक्षा में तकनीक के उपयोग पर अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अंत में यह संदेश उभरकर सामने आया कि शिक्षा केवल कक्षा तक सीमित न रहकर समाज सुधार और राष्ट्रीय विकास का मार्ग प्रशस्त करे। यह सम्मेलन शिक्षकों को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति और अधिक जागरूक करने तथा राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को रेखांकित करने में सफल रहा।