लोकसभा चुनाव-2024: चुनाव प्रसार के अंतिम दिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह बोले आज तक मोदी जैसा पीएम नहीं देखा, कुर्सी की गरिमा भी नहीं रखी

चुनाव प्रसार के अंतिम दिन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह बोले आज तक मोदी जैसा पीएम नहीं देखा, कुर्सी की गरिमा भी नहीं रखी
मनमोहन सिंह बोले आज तक मोदी जैसा पीएम नहीं देखा
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Highlights

  • पत्र में उन्होंने लिखा है, "पंजाबी योद्धा हैं। हमें हमारी बलिदान भावना के लिए जाना जाता है। हमारा अदम्य साहस, और समावेशन तथा भाईचारे के लोकतांत्रिक मूल्यों में अटूट विश्वास हमारे महान राष्ट्र को सुरक्षित रख सकता है।"
  • डॉ. सिंह ने इस पत्र में लिखा है, "पिछले 10 साल में, भाजपा सरकार ने पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।" 
दिल्ली | पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य में 1 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने पिछले 10 साल में पंजाब और पंजाबियत को “बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है”। 
 
पूर्व प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों के नाम पंजाबी में लिखे एक पत्र में यह बात कही है। पत्र पर 28 मई की तारीख है जिसे कांग्रेस ने गुरुवार को अपने एक्स हैंडल पर साझा किया।
डॉ. सिंह ने इस पत्र में लिखा है, “पिछले 10 साल में, भाजपा सरकार ने पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। 
 
750 किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक इंतजार करते हुए शहीद हो गए। जब लाठी और रबर की गोलियों से भी मन नहीं भरा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में हमारे किसानों को ‘आंदोलन जीवी’ और ‘परजीवी’ कहकर उनका अपमान किया। किसानों की सिर्फ यही मांग थी कि उनसे चर्चा किए बिना उन पर थोपे गए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।”
 
 
 1. कांग्रेस के घोषणापत्र पर क्या बोले
पत्र में उन्होंने लिखा है, “पंजाबी योद्धा हैं। हमें हमारी बलिदान भावना के लिए जाना जाता है। हमारा अदम्य साहस, और समावेशन तथा भाईचारे के लोकतांत्रिक मूल्यों में अटूट विश्वास हमारे महान राष्ट्र को सुरक्षित रख सकता है।”
अपनी पार्टी की गारंटी के बारे में बात करते हुए पूर्व पीएम ने कहा, “कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में किसान न्याय के तहत पांच गारंटी हैं।
इनमें एमएसपी की कानूनी गारंटी, कृषि के लिए स्थिर आयात-निर्यात नीति, ऋण माफी के लिए कृषि वित्त पोषण पर स्थाई आयोग का गठन, फसल को नुकसान की स्थिति में 30 दिन के भीतर किसान के खाते में मुआवजे की राशि का हस्तांतरण और कृषि कार्य में लगने वाले उत्पादों तथा उपकरणों पर जीएसटी हटाना शामिल है। मेरी राय में, इन उपायों से दूसरी पीढ़ी के कृषि सुधारों के लिए माहौल तैयार होगा।”…
 
2. संविधान को तानाशाही करने वालों से बचाना है
मेरे प्यारे देशवासियों, भारत एक अहम मोड़ पर खड़ा है। मतदान के अंतिम चरण में, हमारे पास यह सुनिश्चित करने का एक अंतिम मौका है कि लोकतंत्र और हमारे संविधान को भारत में तानाशाही कायम करने की कोशिश कर रहे निरंकुश शासन के बार-बार होने वाले हमलों से बचाया जाए।
 
3. मोदी ने पंजाबियों को बदनाम किया
पिछले 10 सालों में भाजपा सरकार ने पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 750 किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक इंतजार करते हुए शहीद हो गए। जैसे कि लाठियां और रबर की गोलियां पर्याप्त नहीं थीं।
प्रधानमंत्री ने संसद की दहलीज पर हमारे किसानों को आंदोलनजीवी और परजीवी कहकर मौखिक रूप से हमला किया। उनकी एकमात्र मांग उनसे परामर्श किए बिना उन पर थोपे गए 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की थी।
 
मोदी जी ने 2022 तक हमारे किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। पिछले 10 वर्षों में उनकी नीतियों ने हमारे किसानों की कमाई को खत्म कर दिया।
किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक आय मात्र रु. 27 रुपए प्रतिदिन, जबकि प्रति किसान औसत कर्ज 27 हजार रुपए (एनएसएसओ) है।

ईंधन और उर्वरक सहित इनपुट की उच्च लागत, कम से कम 35 कृषि संबंधी उपकरणों पर जीएसटी और कृषि निर्यात व आयात में मनमाने निर्णय ने हमारे कृषक परिवारों की बचत को नष्ट कर दिया है और उन्हें हमारे समाज के हाशिये पर छोड़ दिया है।
 
4. देश की अर्थव्यवस्था उथल-पुथल हो गई
पिछले 10 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल देखी गई है। नोटबंदी की आपदा, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और कोविड महामारी के दौरान दर्दनाक कुप्रबंधन के परिणामस्वरूप एक दयनीय स्थिति पैदा हो गई है, जहां 6-7 प्रतिशत से कम जीडीपी वृद्धि की उम्मीद नई सामान्य बात बन गई है।
 
भाजपा सरकार के तहत औसत सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6 प्रतिशत से कम हो गई है, जबकि कांग्रेस-यूपीए कार्यकाल के दौरान, यह लगभग 8% थी।
अभूतपूर्व बेरोजगारी और बेलगाम मुद्रास्फीति ने असमानता को बहुत बढ़ा दिया है, जो अब 100 साल के उच्चतम स्तर पर है।
 
जहां कांग्रेस-यूपीए ने चुनौतियों के बावजूद हमारे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाई, वहीं भाजपा सरकार के कुशासन के परिणामस्वरूप घरेलू बचत 47 साल के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई है।
ग्रामीण मजदूरी में व्यवस्थित गिरावट देखी गई है और वेतन में असमानता के कारण व्यापक संकट पैदा हुआ है।
 
5.कांग्रेस ही लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर सकती है
मैं हाथ जोड़कर आप सभी से अपील करता हूं कि भारत में प्रेम, शांति, भाईचारा और सद्भाव को एक मौका दें। मैं पंजाब के प्रत्येक मतदाता से विकास और समावेशी प्रगति के लिए मतदान करने की अपील करता हूं।
मैं सभी युवाओं से सावधानी बरतने और उज्जवल भविष्य के लिए मतदान करने की अपील करता हूं। केवल कांग्रेस ही विकासोन्मुखी प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित कर सकती है, जहां लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की जाएगी।
 
उन्होंने कहा, “पांच साल तक कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी और केंद्र की भाजपा सरकार लगातार पंजाब का फंड रोके बैठी थी। चाहे वह पूर्ववर्ती भाजपा-अकाली सरकार से विरासत में मिले कर्ज के पुनर्गठन के लिए हो, या कृषि ऋण माफी के लिए, या मनरेगा का वेतन देने के लिए।”
मनमोहन सिंह ने आगे लिखा, “मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चा को बहुत ध्यान से देख रहा हूं। मोदी जी ने काफी घृणास्पद भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी हैं।
मोदी जी पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने पद की गरिमा और उसके साथ ही प्रधानमंत्री पद की गंभीरता को कम किया है।”

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