‘ब्राह्मण’ शब्द से उठा राजनीतिक तूफ़ान: भारत-रूस तेल व्यापार पर अमेरिकी सलाहकार का विवादित बयान

Ad

Highlights

नवारो का बयान एक बार फिर यह साबित करता है कि—
???? शब्द केवल भाषा नहीं होते, वे संस्कृति, राजनीति और सत्ता का आईना बन जाते हैं।
भारत में ब्राह्मण परंपरा और ज्ञान का प्रतीक है,
अमेरिका में ब्राह्मिन एलीट वर्ग का।
और आज की भू-राजनीति में यह शब्द विवाद का हथियार।

नई दिल्ली। कभी-कभी एक शब्द पूरी दुनिया की राजनीति को हिला देता है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर निशाना साधते हुए हाल ही में कहा—

???? “भारत रूस से सस्ता तेल खरीदता है, उसे रिफाइन करके पश्चिमी देशों को बेचता है, और भारतीय ब्राह्मण इस धंधे से मुनाफा कमा रहे हैं।”

यह बयान भारत में बड़ा विवाद खड़ा कर गया है। कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने इसे नस्लवादी करार दिया। विशेषज्ञों ने कहा कि नवारो ने ‘ब्राह्मण’ शब्द का गलत अर्थ लगाया। असल में भारत के तेल कारोबार में सबसे आगे अंबानी, अडाणी और नायरा एनर्जी जैसे औद्योगिक घराने हैं, न कि ब्राह्मण समाज।

“ब्राह्मण” शब्द की राजनीति—भारत से बोस्टन तक

भारत में ब्राह्मण शब्द विद्या, परंपरा और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन अमेरिका में यही शब्द “Boston Brahmins” के नाम से एक एलीट वर्ग का प्रतिनिधि बन गया था। 19वीं सदी में अमेरिकी लेखक ओलिवर वेंडेल होम्स ने यह शब्द गढ़ा था। यह वर्ग हार्वर्ड और येल से पढ़े-लिखे, सामाजिक रूप से प्रभावशाली परिवारों के लिए इस्तेमाल होता था।

संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला राजनयिक विजया लक्ष्मी पंडित और अमेरिकी नेता हेनरी कैबट लॉज के बीच हुए विवाद में भी यह शब्द गूंजा था। लॉज ने गुस्से में कहा था—“There are Brahmans in Boston also।” यानी—“ब्राह्मण सिर्फ भारत में नहीं, बोस्टन में भी होते हैं।”

भारत-रूस तेल कारोबार का सच

2024–25 में भारत ने रूस से 231 मिलियन बैरल तेल खरीदा। उसे रिफाइन कर यूरोप और अमेरिका को निर्यात किया गया। इस प्रक्रिया से भारत को विदेशी मुद्रा का फायदा तो हुआ, लेकिन घरेलू स्तर पर जनता को पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं मिला।

अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से दूरी बनाए, जबकि भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और कूटनीतिक संतुलन दोनों बनाए रखना चाहता है। यही खींचतान नवारो जैसे बयानों में झलकती है।

नवारो का बयान एक बार फिर यह साबित करता है कि—
???? शब्द केवल भाषा नहीं होते, वे संस्कृति, राजनीति और सत्ता का आईना बन जाते हैं।
भारत में ब्राह्मण परंपरा और ज्ञान का प्रतीक है,
अमेरिका में ब्राह्मिन एलीट वर्ग का।
और आज की भू-राजनीति में यह शब्द विवाद का हथियार।

Must Read: गोपी गीत

पढें Blog खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :