Highlights
- राजस्थान सरकार ने सीएम फेलोशिप प्रोग्राम शुरू किया।
- ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवा बिना परीक्षा सरकारी विभागों में काम कर सकेंगे।
- चयनित युवाओं को हर महीने 65,000 रुपये मिलेंगे।
- सीएमओ सहित 11 विभागों में काम करने का मौका मिलेगा।
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar) ने सीएम फेलोशिप प्रोग्राम (CM Fellowship Program) शुरू किया है। इसके तहत ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवा बिना परीक्षा सीधे सरकारी विभागों में काम कर सकेंगे। चयनित युवाओं को 65,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे।
सीएम फेलोशिप प्रोग्राम का उद्देश्य
राजस्थान सरकार ने प्रदेश के लाखों ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है।
भजनलाल सरकार द्वारा शुरू किए गए सीएम फेलोशिप प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को सरकारी कार्यप्रणाली से परिचित कराना है।
यह कार्यक्रम उन्हें प्रशासनिक कार्यों में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा।
युवा इस फेलोशिप के तहत बिना किसी भर्ती परीक्षा के सीधे सरकारी विभागों में काम कर सकेंगे।
चयन प्रक्रिया हुई शुरू
इस फेलोशिप प्रोग्राम के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर निर्धारित की गई थी।
सरकार को युवाओं से इस कार्यक्रम के लिए बेहतर प्रतिक्रिया मिली है।
अब सीएम फेलोशिप में युवाओं के चयन की प्रक्रिया विधिवत रूप से शुरू कर दी गई है।
अभ्यर्थियों को अब ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू के लिए बुलाया जा रहा है।
यह कार्यक्रम आर्थिक और सांख्यिकी विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा।
प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन कमेटी फेलो के चयन के लिए आवश्यक पैरामीटर तय करेगी।
मासिक 65,000 रुपये का मानदेय
इस कार्यक्रम में चयनित होने वाले युवाओं को हर महीने कुल 65,000 रुपये का मानदेय मिलेगा।
इसमें 60,000 रुपये स्टाइपेंड के रूप में और 5,000 रुपये भत्ते के तौर पर दिए जाएंगे।
पहले सरकार की यंग प्रोफेशनल्स स्कीम के तहत ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर मिलता था।
इस पुरानी योजना का विस्तार करते हुए ही सीएम फेलोशिप प्रोग्राम को शुरू किया गया है।
सीएमओ सहित 11 विभागों में मिलेगा काम
सीएम फेलोशिप प्रोग्राम में चयनित युवाओं को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) सहित कुल 11 सरकारी विभागों में तैनात किया जाएगा।
इन विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) और प्रमुख सचिव फेलो के मेंटर के रूप में कार्य करेंगे।
रोजमर्रा के कार्यों की निगरानी के लिए संयुक्त सचिव को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा।
फेलो को काम के असाइनमेंट सीएमओ के निर्देशों के अनुसार ही दिए जाएंगे।
यह अवसर युवाओं को सीधे उच्च स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ काम करने का अनुभव देगा।
प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन कमेटी की भूमिका
सीएम फेलोशिप प्रोग्राम का संचालन आर्थिक और सांख्यिकी विभाग करेगा।
इसके लिए एक प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन कमेटी बनाई गई है, जो फेलो के चयन के मानदंड तय करेगी।
कमेटी में आयोजना विभाग के प्रमुख सचिव अध्यक्ष होंगे।
सीएमओ के संयुक्त सचिव, वित्त विभाग के सचिव, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग के निदेशक तथा सीएम फेलोशिप प्रोग्राम के जॉइंट डायरेक्टर इसके सदस्य सचिव होंगे।
चयन प्रक्रिया और प्रशिक्षण
ऑनलाइन आवेदन के बाद उम्मीदवारों को ग्रुप डिस्कशन और व्यक्तिगत साक्षात्कार (इंटरव्यू) के लिए बुलाया जाएगा।
दोनों के 100-100 अंक होंगे और आयोजना या सांख्यिकी विभाग के निदेशक या संयुक्त सचिव इंटरव्यू बोर्ड के अध्यक्ष होंगे।
इंटरव्यू बोर्ड में सीएमओ के संयुक्त सचिव और आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के संयुक्त सचिव भी शामिल रहेंगे।
ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू के बाद दोगुना उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।
चयनित फेलो को एक सप्ताह का ओरिएंटेशन प्रोग्राम पूरा करना होगा।
मासिक रिपोर्टिंग और समीक्षा
सीएम फेलोशिप प्रोग्राम में चयनित फेलो को विशिष्ट विभाग आवंटित किए जाएंगे।
फेलो को अपने काम की मासिक प्रगति रिपोर्ट (मंथली प्रोग्रेस रिपोर्ट) जमा करनी होगी।
हर तिमाही में उनके कार्य की समीक्षा की जाएगी।
उन्हें अपने प्रोजेक्ट की रिपोर्ट भी तैयार करनी होगी।
फेलो को अपने स्वयं के लैपटॉप और डेटा कार्ड की व्यवस्था करनी होगी।
युवा इंटर्नशिप प्रोग्राम का भविष्य
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के युवा मित्र इंटर्नशिप प्रोग्राम को वर्तमान भाजपा सरकार बंद नहीं करेगी।
इस संबंध में भी सहमति बन चुकी है, हालांकि इसमें युवाओं के चयन प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है।
कुल 150 युवाओं का चयन किया जाएगा, जिन्होंने बारहवीं कक्षा से स्नातक-स्नातकोत्तर तक प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया हो और जिनमें रचनात्मकता हो।
योजनाओं में नवाचार की आवश्यकता
प्रत्येक सरकार विभिन्न योजनाएं बनाती है, लेकिन उनका प्रभावी क्रियान्वयन अक्सर अपेक्षित स्तर पर नहीं हो पाता है।
योजनाओं में नवाचार (इनोवेशन) की आवश्यकता महसूस की गई है।
इन योजनाओं को आमजन तक प्रसारित करने के तरीके में भी बदलाव को आवश्यक माना गया है।
मुख्यमंत्री फेलोशिप प्रोग्राम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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