Highlights
- स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से आवारा कुत्ते हटाए जाएंगे।
- पकड़े गए कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाएगा, उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाएगा।
- सभी नेशनल और स्टेट हाईवे से आवारा पशुओं को हटाने का आदेश।
- राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला अब पूरे देश में लागू होगा।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से आवारा कुत्तों को हटाने का आदेश दिया है। पकड़े गए कुत्तों को वहीं नहीं छोड़ा जाएगा, बल्कि शेल्टर होम (Shelter Home) में रखा जाएगा। राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) का फैसला अब पूरे देश में लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण आदेश
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।
इस आदेश में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को दूर रखने का निर्देश दिया गया है।
न्यायालय ने कहा कि इन परिसरों में बाड़ लगाई जाए ताकि कुत्ते अंदर प्रवेश न कर सकें।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्देश में, कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा जहां से उन्हें उठाया गया था।
इन कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाएगा ताकि वे दोबारा सार्वजनिक स्थानों पर न आएं।
इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने सभी नेशनल और स्टेट हाईवे से आवारा पशुओं को हटाने का भी आदेश दिया है।
सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इन आदेशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
इस मामले में तीन सप्ताह के भीतर स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।
मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को निर्धारित की गई है।
राजस्थान हाईकोर्ट का फैसला अब देशभर में लागू
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह भी स्पष्ट किया कि राजस्थान हाईकोर्ट का तीन महीने पहले दिया गया फैसला अब पूरे देश में लागू होगा।
राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का आदेश दिया था।
उस आदेश में कार्रवाई को प्रभावित करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश थे।
कोर्ट के आदेश की प्रमुख बातें
आवारा पशुओं की सूचना के लिए हेल्पलाइन
सभी नेशनल हाईवे पर आवारा पशुओं की मौजूदगी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए जाएंगे।
राज्यों के मुख्य सचिवों की जिम्मेदारी
सभी राज्यों के मुख्य सचिव निर्देशों का सख्ती से पालन कराएंगे और तीन हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट तथा हलफनामा दायर करेंगे।
संवेदनशील स्थानों की पहचान और बाड़ लगाना
राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश दो हफ्ते में ऐसे सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेज, अस्पतालों की पहचान करेंगे जहां आवारा जानवर और कुत्ते घूमते हैं।
उनकी एंट्री रोकने के लिए इन स्थानों पर बाड़ लगाई जाएगी।
नोडल अधिकारी और नियमित जांच
कैंपस और बाड़ के रखरखाव के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।
नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत तीन महीने में कम से कम एक बार इन कैंपस की जांच करेंगे।
कुत्तों को वापस नहीं छोड़ा जाएगा
पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाएगा जहां से उन्हें उठाया गया था।
याचिकाकर्ताओं की प्रतिक्रिया और पूर्व के निर्देश
याचिका लगाने वालों ने कोर्ट के इस आदेश को "बेहद कठोर" बताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने 3 नवंबर को कहा था कि वह सरकारी बिल्डिंग्स के कैंपस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम के लिए निर्देश जारी करेगा।
कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने से भी राहत दी थी, लेकिन चेतावनी दी थी कि हलफनामे में चूक होने पर उन्हें पेश होना पड़ेगा।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान में लिया था।
उस रिपोर्ट में दिल्ली में बच्चों के बीच आवारा कुत्तों के काटने और रेबीज के बढ़ते मामलों की जानकारी दी गई थी।
बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर तक सीमित न रखते हुए इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए विस्तारित कर दिया था।
पूर्व में सुप्रीम कोर्ट के अन्य निर्देश
11 अगस्त: दिल्ली-एनसीआर में नसबंदी और शेल्टर होम
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के नगर निकायों को आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर नसबंदी करने और उन्हें स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखने का निर्देश दिया था।
कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि इस काम में कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी और बाधा डालने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
14 अगस्त: फैसला सुरक्षित और पशु प्रेमियों पर टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि यहां कई ऐसे मांसाहारी लोग हैं जो खुद को पशु प्रेमी बताते हैं।
21 अगस्त: नसबंदी-टीकाकरण कर छोड़ें, सार्वजनिक जगहों पर खाना न दें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन कुत्तों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी और टीकाकरण कर जहां से उठाया है, वहीं वापस छोड़ दिया जाए।
हालांकि, रेबीज से संक्रमित और आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों को शेल्टर होम में ही रखने का निर्देश दिया गया था।
सार्वजनिक जगहों पर कुत्तों को खाना न देने की भी बात कही गई थी।
27 अक्टूबर: राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में राज्यों के रुख पर नाराजगी जताई थी।
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया था।
कोर्ट ने कहा था कि लगातार कुत्ते काटने की घटनाओं ने देश की छवि को धूमिल किया है।
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