Sirohi, Rajasthan : जिलेभर में झमाझम बारिश से उफान पर सुकड़ी नदी, 100 गांवों का टूटा संपर्क

जिलेभर में झमाझम बारिश से उफान पर सुकड़ी नदी, 100 गांवों का टूटा संपर्क
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पुलिया नहीं होने से ठहर गई आदिवासी आंचल के ग्रामीणों की जिंदगी, सरकार ने बजट में की निर्माण की घोषणा

सिरोही | जिले में जारी झमाझम बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। तेज बारिश के चलते जिलेभर की नदियां-नाले उफान पर हैं। पिंडवाड़ा उपखंड के रोहिड़ा गांव की सुकड़ी नदी इस समय उफान पर है, जिसके कारण आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के करीब 100 गांवों का संपर्क टूट चुका है। पुलिया नहीं होने से ग्रामीणों की जिंदगी मानो ठहर सी गई है।

आजादी के सात दशक बीत जाने के बावजूद ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। शासन और प्रशासन जहां विकास के बड़े-बड़े दावे करता है, वहीं हकीकत यह है कि ग्रामीण इलाकों में हालात बद से बदतर बने हुए हैं।

बरसात में बच्चों की पढ़ाई पर संकट

रोहिड़ा की सुकड़ी नदी पर पुल नहीं होने के कारण हर साल बारिश के मौसम में तीन से चार महीने तक ग्रामीणों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। गांव का संपर्क टूट जाने से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित होती है।
रोहिड़ा गांव में हाई स्कूल और माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां आसपास के गांवों के बच्चे भी पढ़ाई करने आते हैं। लेकिन बारिश और नदी के तेज बहाव के चलते ये बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने नदी पर पुल बनाने की मांग उठाई, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिले हैं।

मजदूरों के सामने रोज़गार का संकट

सुकड़ी नदी के उफान पर आने से मजदूरी पर भी संकट गहरा गया है। आदिवासी बाहुल्य गांवों से सैकड़ों मजदूर रोज़ाना सरूपगंज काम की तलाश में आते हैं। यहां सुभाष सर्किल पर सुबह के समय हजारों मजदूर काम की आस में खड़े रहते हैं।
लेकिन नदी पर पुलिया नहीं होने से इनका आना-जाना बंद हो गया है। ऐसे में मजदूरों के लिए रोज़गार और आजीविका चलाना मुश्किल हो गया है।

सरकार ने बजट में की पुल निर्माण की घोषणा

प्रदेश की भजनलाल सरकार ने अपने दूसरे बजट में रोहिड़ा की सुकड़ी नदी पर पुलिया निर्माण की घोषणा की है। इसके लिए 12 करोड़ 10 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
दरअसल, सुकड़ी नदी का वर्तमान पुलिया एनएचएआई की परिधि में आता था। मामला राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा होने के कारण राज्य सरकार सीधे इस पर निर्णय नहीं ले पा रही थी। पिंडवाड़ा-आबू विधायक समाराम गरासिया और प्रधान नितिन बंसल के प्रयासों से महादेव मंदिर के पास पुल निर्माण का निर्णय लिया गया।

करीब 100 गांवों का टूट जाता है संपर्क

बरसात के मौसम में तेज बारिश और सुकड़ी नदी में पानी के तेज बहाव के कारण सनवाड़ा आर, भुला, कूकावास, झेड़, मांडवा, कोटड़ा समेत आदिवासी आंचल के करीब सौ गांवों का संपर्क पिंडवाड़ा उपखंड और सरूपगंज-रोहिड़ा से पूरी तरह कट जाता है।
इस दौरान बीमार मरीजों और गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाना तकरीबन नामुमकिन हो जाता है। कई बार समय पर इलाज नहीं मिलने से लोगों की जान तक चली जाती है।

नहीं है कोई वैकल्पिक मार्ग

रोहिड़ा-भुला-कोटड़ा को जोड़ने वाला यह एकमात्र मार्ग है। नदी में पानी के तेज बहाव के चलते गांव पूरी तरह अलग-थलग हो जाते हैं।

इनका कहना है

रोहिड़ा की सुकड़ी नदी पर पुलिया निर्माण की बजट सत्र में घोषणा की गई है। पुलिया निर्माण के लिए करीब 12 करोड़ 10 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। आगामी समय में जल्द ही पुलिया का काम शुरू होगा जिससे लोगों को राहत मिलेगी।”

- पवन राठौड़, सरपंच रोहिड़ा


“हर बार बरसात के मौसम में तेज बारिश के बाद नदी पर पुल न होने से आदिवासी आंचल के करीब सौ गांवों का सरूपगंज और पिंडवाड़ा उपखंड मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है। नदी पर पुल बन जाने से राहत मिलेगी।”

- कन्हैयालाल अग्रवाल, पूर्व सरपंच भुला

“बरसात के मौसम में तेज बारिश के बाद सुकड़ी नदी पर पानी के तेज बहाव के चलते आसपास के दर्जनों गांवों की जिंदगी थम सी जाती है। कई बार जनप्रतिनिधियों से मांग की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।”

रतन प्रजापत, महामंत्री भाजपा युवा मोर्चा

“हर साल बारिश के मौसम में आदिवासी आंचल के दर्जनों गांवों का उपखंड मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है। शिक्षा, चिकित्सा और रोज़मर्रा के काम प्रभावित होते हैं। सरकार ने घोषणा तो की है, लेकिन जब तक धरातल पर काम नहीं होगा तब तक समस्या जस की तस रहेगी।”

रामसिंह सिसोदिया, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी माउंट आबू

“सुकड़ी नदी में पानी की आवक और तेज बहाव के चलते दर्जनों गांवों का रोहिड़ा-सरूपगंज से संपर्क कट जाता है। बीमारी और गर्भवती महिलाओं को समय पर उपचार नहीं मिल पाता। कई बार जान तक चली जाती है। विधायक, सांसद और सरकार से आग्रह है कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान हो।”

रतन रावल, समाजसेवी रोहिड़ा

- गौरव मित्तल की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट, सिरोही।

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