बॉलीवुड | धर्मेश येलंदे, जिन्हें अक्सर 'डी-सर' के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय नर्तक, कोरियोग्राफर, और टेलीविजन पर्सनालिटी हैं, जिनका जन्म 31 अक्टूबर 1983 को हुआ था। उनका जन्म वडोदरा, गुजरात में हुआ, और वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहाँ उनके पिता एक चाय की दुकान चलाते थे। धर्मेश ने अपने नृत्य करियर की शुरुआत भरतनाट्यम सीखकर की, लेकिन बाद में हिप-हॉप और लॉकिंग जैसी शैलियों में महारत हासिल की, जिससे उन्हें भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिली।
नृत्य की शुरुआत और सफलता
धर्मेश ने नृत्य की दुनिया में कदम रखा और जल्दी ही अपनी प्रतिभा के बल पर पहचान बनाई। उन्हें 'डांस इंडिया डांस' जैसे टीवी शो में उपविजेता के रूप में भी देखा गया।उन्होंने फिल्म "तीस मार खान" में कोरियोग्राफर के रूप में काम किया, जो उनके बॉलीवुड करियर की शुरुआत थी।
फिल्मों और टेलीविजन में योगदान
धर्मेश ने कई फिल्मों में नृत्य और कोरियोग्राफी की, जिसमें 'ABCD: Any Body Can Dance', 'ABCD 2', और 'Street Dancer 3D' जैसी फिल्में शामिल हैं। उन्होंने 'नवाबज़ादे' में भी अभिनय किया।टेलीविजन पर, वह 'डांस प्लस' जैसे शोज के मेंटर रहे हैं, जहाँ उन्होंने कई सीजन तक अपनी भूमिका निभाई।
व्यक्तिगत जीवन और दृष्टिकोण
धर्मेश ने शराब और धूम्रपान से दूर रहने का फैसला किया है, जो उनके स्वस्थ जीवन शैली का हिस्सा है। वह न सिर्फ एक नर्तक और कोरियोग्राफर हैं बल्कि एक शिक्षक भी हैं जिन्होंने वडोदरा में अपनी नृत्य अकादमी 'डी वायरस' स्थापित की है, जहाँ वे युवा पीढ़ी को नृत्य की बारीकियाँ सिखाते हैं।
संघर्ष और सफलता की कहानी
धर्मेश का सफर आसान नहीं रहा, उन्होंने नौकरी छोड़कर नृत्य को अपना जुनून बनाया। उन्होंने बताया कि सफलता की राह में कई बाधाएँ आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपने संघर्ष और नृत्य के प्रति समर्पण के कारण, धर्मेश ने न केवल नृत्य जगत में बल्कि अभिनय और मार्गदर्शन के क्षेत्र में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
धर्मेश येलंदे की कहानी एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम किया और अंततः अपने प्रयासों से सफलता प्राप्त की। उनकी यात्रा युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने जुनून का पीछा करने का साहस रखते हैं।