Highlights
- थिंक360 की रिपोर्ट के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ।
- विशेष जांच दल (SIT) ने ड्रोन सर्वे से अवैध खनन का खुलासा किया।
- सेलवाड़ा में 34,000 मीट्रिक टन पत्थर का अवैध उत्खनन।
- पट्टा धारकों पर ₹75 करोड़ की पेनल्टी प्रस्तावित।
सिरोही | थिंक360 (Think360) की पड़ताल के बाद सिरोही (Sirohi) के रेवदर (Revdar) तहसील के सेलवाड़ा (Selwara) क्षेत्र में अवैध मार्बल खनन पर विशेष जांच दल (SIT) ने ड्रोन सर्वे के आधार पर ₹75 करोड़ की सख़्त कार्रवाई प्रस्तावित की है।
यह कार्रवाई थिंक360 की ग्राउंड रिपोर्टिंग के बाद प्रशासन के हरकत में आने का सीधा परिणाम है। हमारी रिपोर्ट में सेलवाड़ा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन और ब्लास्टिंग की शिकायतों को प्रमुखता से उठाया गया था, जिसके बाद जिला प्रशासन पर तत्काल जांच के लिए दबाव बढ़ा था।
ड्रोन सर्वे से हुआ अवैध खनन का खुलासा
विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी जांच में तकनीकी दक्षता का प्रयोग किया। ड्रोन सर्वे के माध्यम से जुटाए गए डेटा का गहन विश्लेषण किया गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सेलवाड़ा के पास स्थित दो खनन पट्टों के निर्धारित क्षेत्रों से बाहर बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन किया जा रहा था।
यह आधुनिक तकनीक का उपयोग अवैध गतिविधियों को उजागर करने में कितना प्रभावी हो सकता है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।
जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि लगभग 34,000 मीट्रिक टन पत्थर का अवैध तरीके से खनन किया गया था। यह मात्रा न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से गंभीर है, बल्कि राज्य सरकार को राजस्व का भी भारी नुकसान पहुंचाती है।
इस गंभीर अनियमितता के चलते संबंधित पट्टा धारकों पर लगभग ₹75 करोड़ की भारी-भरकम पेनल्टी प्रस्तावित की गई है। खनन विभाग अब इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू करने की तैयारी में है, जिससे दोषियों को उनके कृत्यों का खामियाजा भुगतना पड़े।
जांच दल की महत्वपूर्ण भूमिका
इस पूरी कार्रवाई को अधीक्षण खनिज अभियंता, जोधपुर डी.पी. गौड़ के कुशल निर्देशन में अंजाम दिया गया। उनकी टीम में प्रकाश माली, आशीष सोनी, हड़मता राम और नवनीत परिहार जैसे विशेषज्ञ शामिल थे, जिन्होंने इस जटिल जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
टीम ने ड्रोन सर्वे डेटा का तकनीकी रूप से विश्लेषण किया और ठोस साक्ष्य जुटाए, जो इस ऐतिहासिक कार्रवाई का आधार बने। यह दर्शाता है कि जब अधिकारी ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करते हैं, तो बड़े से बड़े अवैध धंधों पर भी लगाम लगाई जा सकती है।
थिंक360 की रिपोर्टिंग और ग्रामीणों की शिकायतें
थिंक360 ने अपनी पिछली रिपोर्ट में सेलवाड़ा के ग्रामीणों की पीड़ा को प्रमुखता से उजागर किया था।
ग्रामीणों ने ओम माइंस एंड मिनरल्स, योगेश गुप्ता और सीमा अग्रवाल नामक तीन पट्टा धारकों पर निर्धारित क्षेत्र से बाहर खनन और अवैध ब्लास्टिंग के गंभीर आरोप लगाए थे।
सेलवाड़ा: अवैध खनन का तांडव: सिरोही के सेलवाड़ा में अवैध खनन और ब्लास्टिंग से मचा हाहाकार
उनकी शिकायत थी कि लगातार हो रही ब्लास्टिंग से उनके घरों में दरारें आ रही हैं और सरकारी भूमि पर खनिज अपशिष्ट फेंके जाने से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।
इन शिकायतों को प्रशासन द्वारा लंबे समय से अनसुना किया जा रहा था, लेकिन थिंक360 की रिपोर्टिंग ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकर्षित कराया।
इससे जिला प्रशासन पर दबाव बढ़ा और शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश जारी किए गए। SIT की इस कार्रवाई ने अब यह साबित कर दिया है कि सेलवाड़ा में अवैध खनन वास्तव में लंबे समय से एक संगठित रूप में चल रहा था, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन और पर्यावरण दोनों प्रभावित हो रहे थे।
निष्पक्ष पत्रकारिता का सकारात्मक असर
थिंक360 की इस खोजी पत्रकारिता ने न केवल प्रशासन को सक्रिय किया, बल्कि यह भी दिखाया कि निष्पक्ष और साहसिक पत्रकारिता समाज और पर्यावरण के हितों की रक्षा में कितनी निर्णायक भूमिका निभा सकती है।
यह घटना मीडिया की शक्ति का एक ज्वलंत उदाहरण है, जो सच्चाई को सामने लाकर बदलाव लाने में सक्षम है। अब पूरे क्षेत्र की निगरानी बढ़ाई जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी अवैध गतिविधियों पर प्रभावी ढंग से रोक लगाई जा सके और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
सेलवाड़ा के लोगों के लिए यह कार्रवाई उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है। यह उन्हें याद दिलाता है कि जब मीडिया सच को बेखौफ सामने रखता है, तो उसका असर ज़रूर होता है और न्याय की जीत होती है। यह मामला अन्य क्षेत्रों में भी अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है।
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