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चंबल की सहायक नदी गुंजाली को तैर कर पार कर रहे एक युवक को मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया। दरअसल, यहां के गांवों में रहने वाले लोगों को हर रोज नदी को तैरकर पार करते हुए अपने कार्यों के लिए जाने को मजबूर होना पड़ता है।
कोटा । राजस्थान के रावतभाटा में एक बार फिर से बड़ी ही दर्दनाक घटना होना सामने आया है।
यहां चंबल की सहायक नदी गुंजाली को तैर कर पार कर रहे एक युवक को मगरमच्छ ने अपना शिकार बना लिया।
दरअसल, यहां के गांवों में रहने वाले लोगों को हर रोज नदी को तैरकर पार करते हुए अपने कार्यों के लिए जाने को मजबूर होना पड़ता है।
चंबल नदी तो वैसे भी मगरमच्छ और घड़ियालों के लिए जानी जाती है। ऐसे में इन ग्रामीणों के लिए हर दिन एक मौत का कुआं होता है। जिसमें न जाने कब किसकी जान चली जाए।
ऐसे में इस बार नंबर आया गया जावदा बालागंज निवासी प्रकाश भील का।
परिवार में रहते हुए काम करना भी जरूरी और काम पर जाने के लिए नदी पार करने की भी मजबूरी।
दरअसल, जावदा बालागंज निवासी प्रेमराज का खेत नदी के दूसरी ओर है। ऐसे में प्रत्येक दिन खेत पर काम के लिए जाने से पहले दिन को तैर कर पार करना होता है।
बुधवार देर शाम जब प्रेमराज का 20 साल का बेटा प्रकाश भील अपने एक साथी के साथ नदी पार कर खेत में जा रहा था, उसी दौरान बीच नदी में एक मगरमच्छ ने प्रकाश पर हमला कर दिया।
मगरमच्छ प्रकाश को अपने जबड़े में दबोच कर पानी के भीतर ले गया। साथी का शोर-शराबा सुनकर नदी पार खेत पर काम कर रहे लोग वहां दौड़कर आए तब तक प्रकाश पानी में गायब हो गया था।
लोगों ने नदी में पत्थर फेंके, लेकिन मगरमच्छ का पता नहीं चला।
अगले दिन गुरुवार को मौके पर रेस्क्यू के लिए कोटा नगर निगम की टीमें पहुंची और प्रकाश का क्षत-विक्षत शव खोज निकाला।
पानी के दैत्य मगरमच्छ ने प्रकाश के शरीर का निचला हिस्सा पूरी तरह से चबा डाला था।
अविवाहित था प्रकाश
बताया जा रहा है कि, मृतक प्रकाश की शादी नहीं हुई थी और वह अपने माता-पिता और दो बड़े भाइयों के साथ रहता था।
अपने पुत्र को खोने के बाद परिवार में दुखों का पड़ाह टूटा हुआ है। दोनों भाई भी अपने छोटे भाई के चले जाने से काफी दुखी है।
नदी के किनारे बसे है करीब आधा दर्जन गांव
जानकारी में सामने आया है कि, जावदा क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांव इस खतरनाक नदी के किनारे बसे हैं।उन्होंने
नदी पर कोई पुल नहीं होने से लोगों को खेतों पर जाने के लिए मगरमच्छों से भरी नदी तैरकर पार करनी पड़ती है।
पहले भी हो चुके हादसे
बताया जा रहा है कि पिछले साल भी देवपुरा में एक युवक को मगरमच्छ निकल गया था।
वहीं, करीब 13 साल पहले जंबूद्वीप का खेड़ा के 10 लोग नाव से नदी पार कर रहे थे तब नाव पलटने से सभी की मौत हो गई थी।
इन घटनाओं के बावजूद राज्य सरकार और प्रशासन का अभी तक इस ओर ध्यान नहीं गया है। जिसके चलते ग्रामीण हर रोज मौत के मुंह से गुजरने को मजबूर हैं।