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नाबालिग बालिका को बहला फुसला कर ले जाने तथा दुराचार करने के तीन आरोपियों को 20-20 साल का कारावास तथा एक - एक लाख ₹ का अर्थदंड
सिरोही | पोक्सो विशेष न्यायालय के विशिष्ठ न्यायाधीश अनूप कुमार पाठक ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए नाबालिग बालिका को बहला फुसला कर ले जाने तथा दुराचार करने के तीन आरोपियों को 20-20 साल के कठोर कारावास तथा एक-एक लाख रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है.
विशिष्ठ लोक अभियोजक मोहन सिंह देवड़ा के अनुसार सिरोही जिले के एक पुलिस थाने में एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया कि उसकी भतीजी को कोई व्यक्ति बहला फुसला कर ले गया है. संबंधित थाने की पुलिस ने नाबालिग को बाद में अपने अधिकार में लेकर उसकी मेडिकल जांच करवाई थी, पीड़िता ने इस दौरान बताया था कि उसे कहा गया था कि परिवार के ऊपर तंत्र-मंत्र किया हुआ है.
उसका इलाज करने के साथ ही शादी के लिए दबाव डाला, लेकिन लड़की के मना करने पर उसे यह धमकी दी गई थी वह उसके माता-पिता को मार देगा, बाद में पीड़िता के साथ दुराचार किया गया, बहस के दौरान विशिष्ट लोक अभियोजन की तरफ से 59 दस्तावेज तथा 16 गवाहों को पेश कर गवाही करवाई गई थी.
इस मामले में न्यायालय ने दोनों ही पक्षों की बहस सुनी तथा विशिष्ठ लोक अभियोजक मोहन सिंह देवड़ा के पेश किए गए तर्कों से सहमत होकर विशेष न्यायालय ने पोक्सो अधिनियम के तहत सिंदरथ निवासी गोकुल पुत्र मोतीराम, बाचोल गुजरात निवासी भरत पुत्र चेना भाई और खारा कुआ भीनमाल निवासी जबरा राम पुत्र मंगला को 20-20 साल के कठोर कारावास तथा एक - एक लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई.
फर्स्ट भारत ने इस मामले को सबसे पहले उठाया था। आरोपी का पिता उस वक्त की सरकार में नेताओं का करीबी था। ऐसे में पुलिस कार्यवाही करने से बच रही थी। फर्स्ट भारत डॉट कॉम ने इस प्रकरण को उजागर किया और पुलिस को मजबूरन कार्यवाही करनी पड़ी।