69 हजार से अधिक यूनिट एकत्र: राजेन्द्र राठौड़ के जन्म दिवस पर रक्तदान इंडिया बुक आफ रिकार्ड में शामिल

राजेन्द्र राठौड़ के जन्म दिवस पर रक्तदान इंडिया बुक आफ रिकार्ड में शामिल
राजेन्द्र राठौड़ प्रमाण पत्र प्राप्त करते हुए
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ब्लड बैंक में उसके ग्रुप का रक्त उपलब्ध नहीं था। संयोगवश मैं एसएमएस के दौरे पर था। मुझे पता लगा तो चिकित्सको ने बताया तो मालूम हुआ कि यही मेरा रक्त ग्रुप है। मैंने एक भी क्षण नहीं ​लगाया। मेरे इस छोटे से प्रयास से किसी की जान बची तो बेहद खुशी हुई।

राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सेवा और पीड़ित मानवता के प्रति भावों से प्रेरणा लेकर इस बार साथियों ने इस अभियान को इस बार इतना बड़ा कर दिया कि हर कोई इस अभियान से जुड़ गया।

जयपुर | राजस्थान विधान सभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने हाल ही में एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की जिसने सुर्खियां बटोरीं है। उनके जन्मदिन पर आयोजित रक्तदान सप्ताह के दौरान, 69 हजार 608 यूनिट रक्तदान किया गया है। जिसने देश में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया।

राजेन्द्र राठौड़ addressing to people in modern school

यह कार्यक्रम 15 अप्रैल 2023 से 21 अप्रैल 2023 तक आयोजित किया गया था और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इस पहल को एक सप्ताह में रक्तदान करने वाले लोगों की सबसे बड़ी संख्या के रूप में मान्यता दी थी। इस उपलब्धि ने न केवल पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया है बल्कि कई व्यक्तियों को आगे आने और एक नेक काम के लिए रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित किया है।

उनके योगदान की मान्यता में, राजेंद्र राठौड़ को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा सम्मानित किया गया था। डॉ. राजा मुकीम ने जयपुर के मॉडर्न स्कूल मानसरोवर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राठौड़ को यह पुरस्कार प्रदान किया, जहां रक्तदान के महत्व को बढ़ावा देने में उनके समर्पण और नेतृत्व के लिए उनकी प्रशंसा की गई।

डॉ. राजा ने बताया कि राजेंद्र राठौड़ के प्रयासों ने निस्संदेह समुदाय पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, क्योंकि इस पहल ने रक्तदान करने और जीवन बचाने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाई है। बदलाव लाने के उनके दृढ़ संकल्प ने दूसरों के अनुसरण के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण स्थापित किया है और एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने में मदद की है।

राजेन्द्र राठौड़ recieving award

राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के अपनों का प्यार है, जिसके लिए उन्हें अपनी जान भी देनी पड़ी तो वे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि वह पहली बार जब चिकित्सा मंत्री थे, तब एसएमएस में अनुसूचित जाति के व्यक्ति को रक्त की जरूरत थी।

ब्लड बैंक में उसके ग्रुप कारक्त उपलब्ध नहीं था। संयोगवश मैं एसएमएस के दौरे पर था। मुझे पता लगा तो चिकित्सको ने बताया तो मालूम हुआ कि यही मेरा रक्त ग्रुप है। मैंने एक भी क्षण नहीं ​लगाया। मेरे इस छोटे से प्रयास से किसी की जान बची तो बेहद खुशी हुई।

चिकित्सकों को ताकीद किया कि इसे मेरे  बारे में मत बताना। उस घटना केबाद से ही मैं किसी ने किसी बहाने रक्तदान शिविर लगवाने लगा। मेरे इस मिशन के बारे में जब सब कार्रूकर्ता जान गए तो जन्मदिवस पर यह आयोजन रखने लगे।

राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि उनके पिता सरकारी सेवा में थे। यहां पढ़ते हुए राठौड़ छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए और फिर पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखरजी के संपर्क में आने से राजनीति में आने की प्रेरणा मिली। ​

राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सेवा और पीड़ित मानवता के प्रति भावों से प्रेरणा लेकर इस बार साथियों ने इस अभियान को इस बार इतना बड़ा कर दिया कि हर कोई इस अभियान से जुड़ गया।

राजेन्द्र राठौड़ addressing to people in modern school

इस मौके पर सम्बोधित करते हुए मानव सेवा सप्ताह के संयोजक वासुदेव चावला ने आयोजन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि चार सौ शिविरों में 69 हजार 608 यूनिट रक्त एकत्र हुआ। ऐसे में यह इंडिया बुक आफ रिकार्ड का हिस्सा भी बन गया।

इस मौके पर बीकानेर के भाजपा नेता डॉ. सुरेन्द्रसिंह शेखावत ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों को साकार करने के लिए राठौड़ के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता जुटे हुए हैं और सभी के समन्वित प्रयासों से ही यह आयोजन सफल हुआ। कार्यक्रम का संचालक अभिषेक शर्मा ने किया।

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