Rajasthan: मुख्यमंत्री ने कृषि, औद्योगिक और पर्यटन नीतियों पर दिए नवाचा

मुख्यमंत्री ने कृषि, औद्योगिक और पर्यटन नीतियों पर दिए नवाचा
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही राजस्थान सहकारिता अधिनियम-2025 लेकर आएगी, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेहिता सुनिश्चित करने वाले प्रावधान जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं से कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं

जयपुर । मुख्यमंत्री  भजनलाल शर्मा ने युवा, महिला, किसान एवं गरीब के सर्वांगीण विकास को केन्द्र बिन्दु मानते हुए अधिकारियों को नीति-निर्धारण के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि आकर्षक, सुस्पष्ट एवं सुसंगत नीतियों के निर्माण में नवाचारों को प्राथमिकता से शामिल किया जाए।  शर्मा ने नीतियों के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए भी विशेष दिशा-निर्देश दिए। 

 शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर लम्बित नीतियों, योजनाओं एवं अधिनियमों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार 8 करोड़ प्रदेशवासियों के चहुंमुखी विकास और कल्याण के लिये कृतसंकल्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि नीतियों एवं योजनाओं के माध्यम से जनता को सुशासन देना ही राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 

सहकारी संस्थाओं में पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही राजस्थान सहकारिता अधिनियम-2025 लेकर आएगी, जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेहिता सुनिश्चित करने वाले प्रावधान जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थाओं से कई क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें रोजगार की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

शर्मा ने सहकारिता बैंक एवं वित्तीय संस्थानों की नियमित ऑडिट करने के संबंध में नए अधिनियम में प्रावधानों को जोड़ने के लिए निर्देशित किया ताकि ये संस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हों। उन्होंने गृह निर्माण सहकारी समितियों के पंजीकरण के संबंध में भी सुस्पष्ट प्रावधान शामिल करने के लिए निर्देशित किया। 

युवा नीति को बनाएं रोजगारोन्मुखी 

 शर्मा ने कहा कि युवाओं का सर्वांगीण विकास राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी क्रम में राज्य सरकार शीघ्र ही युवा नीति लाने जा रही है। उन्होंने खेल एवं युवा मामलात् विभाग के अधिकारियों को इस नीति में युवाओं की आवश्यकताओं एवं आशाओं के दृष्टिगत प्रावधानों को समाहित करने के निर्देश दिए हैं।

 शर्मा ने कहा कि खेल नीति में खिलाड़ियों को बेहतरीन प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन देते हुए उन्हें संबल देने के विशेष प्रावधान किए जाएं। नीति के प्रावधान आकर्षक होने के साथ-साथ व्यवहारिक हों। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों के दस्तावेज सत्यापन के संबंध में एक नोडल विभाग के निर्धारण के निर्देश भी प्रदान किए। साथ ही, उन्होंने खिलाड़ियों से संबंधित सभी रिकॉर्ड्स के संधारण करने के लिए भी निर्देशित किया।

प्रस्तावित वैट और आबकारी कानूनों में समाहित करें नवाचार

मुख्यमंत्री  शर्मा ने प्रस्तावित वैट अधिनियम और आबकारी कानून के संदर्भ में अधिकारियों को अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन करते हुए नवाचारों को समाहित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्टेट स्किल पॉलिसी में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने संबंधी प्रावधान जोड़ने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य युवाओं में कौशल क्षमता का विकास करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करना है, इसलिए नीति को रोजगारोन्मुखी बनाया जाए। 

मुख्यमंत्री ने राजस्थान कृषि विकास योजना, एग्रो प्रोसेसिंग नीति, लैंड एग्रीगेशन और मोनेटाइजेशन पॉलिसी, इंडस्ट्रियल पॉलिसी, गारमेंट एंड अपैरल पॉलिसी, राजस्थान वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक पॉलिसी, डाटा सेंटर पॉलिसी, नई पर्यटन नीति, ट्रांसफर ऑफ इंडस्ट्रियल लैंड्स वैलिडेशन एक्ट एवं राजस्थान कोचिंग सेंटर कंट्रोल एंड रेगुलेशन बिल पर विस्तृत चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।

इस अवसर पर मुख्य सचिव  सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त  अखिल अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री)  शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता  कुलदीप रांका, प्रमुख सचिव (मुख्यमंत्री)  आलोक गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव उद्योग  अजिताभ शर्मा सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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