REET Paper Leak: ईडी निकालेगी पेपर लीक का कांग्रेस कनेक्शन, शिकायतों में सामने आये कई नाम 

ईडी निकालेगी पेपर लीक का कांग्रेस कनेक्शन, शिकायतों में सामने आये कई नाम 
REET Paper Leak
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रीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी-एन्फोर्स्मेंट डायरेक्ट्रेट  को ऐसे सूत्र मिले हैं, जिसके आधार पर वह जल्द ही पेपर लीक के कांग्रेस कनेक्शन को भी खंगाल सकती है।  

जयपुर | रीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी-एन्फोर्स्मेंट डायरेक्ट्रेट  को ऐसे सूत्र मिले हैं, जिसके आधार पर वह जल्द ही पेपर लीक के कांग्रेस कनेक्शन को भी खंगाल सकती है।  

इस सिलसिले में ईडी के अधिकारी कांग्रेस के एक नेता से पूछताछ के बाद आगे की रणनीति पर काम कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार ऐसा अब तक मिले सबूतों और जानकारियों  के आधार पर किये जाने की सम्भावना है। 

लगातार दूसरे दिन जारी ईडी की कार्रवाई के दौरान ईडी को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिनके आधार पर ईडी आगे की जांच को बढ़ाने जा रही है।

ये दस्तावेज आरपीएससी के सदस्य बाबू लाल कटारा, मास्टरमाइंड सुरेश ढाका और सुरेश विश्नोई के यहाँ तलाशी में मिले हैं। 

कांग्रेस नेता से पूछताछ संभव 

जयपुर में चार जगह सर्च को अंजाम दे रही एन्फोर्स्मेंट डायरेक्ट्रेट की टीम ने इससे पहले कटारा, ढाका और विश्नोई के दफ्तर और आवास सील कर दिए हैं।

कुल 28 जगह चले सर्च अभियान के बाद ईडी जयपुर में एक बड़े कांग्रेस नेता के रिश्तेदार  और उससे जुड़े दूसरे लोगों से पूछताछ कर सकती है।

यह पूछताछ पेपर लीक और रुपयों के लेन -देन से जुड़े कई अहम तथ्यों के मद्देनजर की जायेगी। साथ ही अब तक मिले सबूतों के आधार पर पीई - प्रारंभिक जांच भी शुरू की जायेगी।

पीई दर्ज होने के बाद कई राजनेताओं और नौकरशाहों से इस मामले में पूछताछ की संभावना है।  

इस बीच केंद्रीय एजेंसियों तक आरएएस 2018 मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जांचने में भ्रष्टाचार, सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं के रिश्तेदार के  चयन, तत्कालीन अध्यक्ष शिव सिंह राठौड़ की संदिग्ध भूमिका को लेकर ऐसे कई तथ्य पहुंचे हैं, जो जांच का हिस्सा बन सकते हैं। 

शिकायतों में आये रसूखदारों के नाम 

दिल्ली तक पहुंची शिकायतों में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि पेपर लीक की ही तरह, परीक्षा परिणामों और साक्षात्कार में भी आरपीएससी द्वारा जमकर धांधली की गयी, जिसमे लाखों ,करोड़ों का लेन -देन होने की आशंका है। 

शिकायतों के अनुसार पीसीसी अध्यक्ष डोटासरा के पुत्र अविनाश के साले गौरव पुनिया एवं साली प्रभा पुनिया (दोनों सगे भाई-बहिनों) के साक्षात्कार में एक समान 80 प्रतिशत अंक दिए गए।

इतना ही नहीं लिखित मुख्य परीक्षा के चतुर्थ प्रश्न पत्र में भी दोनों को एक ही समान  99.50 अंक प्राप्त हुए।

शिकायत में कहा गया है कि गोविन्द सिंह डोटासरा के रिश्तेदार परिवार के छ: अभ्यर्थियों का अकेले आरएएस 2018 परीक्षा में अंतिम चयन हुआ, जो परीक्षा की पारदर्शिता  पर सवाल खड़े करता है।

साथ ही पेपर लीक और भारी लेन -देन की आशंका जताता है।

शिकायत में  प्रभा पुनिया और गौरव पुनिया को पीसीसी चीफ डोटासरा के पुत्र अविनाश के साली एवं साला बताते हुए, इसी परिवार के  कुल ज्योति पूनिया, सुमन पुनिया, मोनिका पुनिया (कुल ज्योति पूनिया की सुमन एवं मोनिका पुनिया भाभी बताई गयी है) और  निकिता पुनिया (कुल ज्योति की बहन बताई गयी है ) को पेपर लीक, साक्षात्कार में फर्जीवाड़े और मुख्य लिखित में भी अनुचित लाभ दिए जाने की आशंका जताई गयी है। हालांकि डोटासरा इन आरोपों को सिरे से खारिज करते रहे हैं।

शिकायत में शेखावाटी के घरड़ाना -झुंझुनू के  एक ही परिवार के पांच सदस्यों के चयन पर भी सवाल उठाये गए हैं।

ये सदस्य हैं - मुक्ता राव, पंकज राव,  मनीषा राव, निकिता राव और मुकेश धनकड़ (शिकायत के मुताबिक मुक्ताराव के छोटी बहन का पति) को पेपर लीक और मुख्य लिखित परीक्षा और  साक्षात्कार में अनुचित लाभ की आशंका जताई गयी है।

हालांकि मुकेश धनखड़ समेत अन्य ने भी इन आरोपों से इनकार किया है। पिछले साल किरोड़ी लाल मीणा ने इस मामले को एक प्रेस वार्ता के माध्यम से उठाया था। इसमें नामों का खुलासा भी किया था।  

जांच के घेरे में आरपीएससी के कर्ताधर्ता 

इस प्रकरण में तत्कालीन आरपीएससी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह यादव ,सदस्य शिवसिंह राठौड़ की भूमिका पर भी सवाल खड़े किये गए हैं।

हालांकि, पीसीसी चीफ डोटासरा इन सभी आरोपों को झूठा और सलेक्शन को मेहनत का नतीजा बताते रहे हैं। 

इन शिकायतों के मद्देनजर जांच का दायरा राज्य प्रशासनिक सेवाओं में चयन के बाद से ही विवादित इन अधिकारीयों और आरपीएससी के तत्कालीन कर्णधारों तक पहुँचने की सम्भावना है। 

जानकारों के अनुसार इन तमाम तथ्यों की जांच के साथ ही ईडी आरपीएससी की ओर से कराई गई आरएएस, सब इंस्पेक्टर, जेईएन भर्ती परीक्षा, कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा और विद्युत विभाग की ओर से आयोजित जूनियर और कमर्शियल असिस्टेंट भर्ती परीक्षा को भी जांच के दायरे में ले रही है।

जाहिर है जांच का दायरा बढ़ा तो पेपर लीक का मुद्दा न सिर्फ अशोक गहलोत सरकार के लिए संकट का सबब बनेगा। बल्कि दिसंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। 

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