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राज्य के सबसे बड़े बच्चों के जेके लोन अस्पताल में सोमवार रात को आग लग गई। जिसके चलते वहां भर्ती बच्चों की जान पर संकट आ गया। जैसे-तैसे अस्पताल प्रशासन और बच्चों के परिजनों ने 60 बच्चों को वहां से निकाला और उनकी जान बचाई।
जयपुर | JK Lone Hospital Fire: राजस्थान में जहां एक ओर विधानसभा का सत्र चल रहा है और सरकार के बाशिंदे एसी से कूल हो रहे सदन में बैठे हैं, वहीं दूसरी ओर, राज्य के सबसे बड़े चाइल्ड हॉस्पिटल जेके लोन में परिजन अपने नन्हे-मुन्ने बच्चों को आग से बचाने की जद्दोहजद में दिखाई दिए।
राज्य के सबसे बड़े बच्चों के जेके लोन अस्पताल में सोमवार रात को आग लग गई। जिसके चलते वहां भर्ती बच्चों की जान पर संकट आ गया।
जैसे-तैसे अस्पताल प्रशासन और बच्चों के परिजनों ने 60 बच्चों को वहां से निकाला और उनकी जान बचाई।
गनीमत ये रही कि समय रहते सभी बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करके जान बचा ली गई नहीं तो और भी बड़ा हादसा हो सकता था।
जानकारी के अनुसार, प्रीफेब वार्ड में अचानक आग लग गई। जिसकी वजह से अस्पताल में अफरातफरी मच गई।
आग के कारण अस्पताल की तीसरी मंजिल पर चारों ओर धुआं फैल गया।
ऐसे में मरीज बच्चों के परिजनों और अस्पताल स्टॉफ में हड़कंप मच गया।
आग की सूचना मिलने पर अस्पताल प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे और फटाफट से 60 से ज्यादा बच्चों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट कर उनकी जान बचाई।
वार्ड में भरे धुंआ को बाहर निकालने के लिए वार्ड की खिड़कियों को तोड़ा गया। परिजन अपने बच्चों को लेकर दूसरे वार्डों की तरफ दौड़ते नजर आए।
थैलेसीमिया व कैंसर पीड़ित बच्चे थे वार्ड में
जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ कैलाश मीणा ने आग लगने घटना को लेकर बताया कि, अस्पताल की तीसरी मंजिल पर प्रीफेब वार्ड में हिमेटो ओंकोलॉजी वार्ड है।
इस वार्ड में सोमवार रात करीब 10ः30 बजे आग लगी। जिससे वार्ड में चारो तरफ धुआं फैल गया।
इस दौरान हिमेटो ओंकोलॉजी वार्ड में करीब 30 बच्चे थे। जो थैलेसीमिया व कैंसर पीड़ित बच्चे है। इन्हें तत्काल दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया।
वहीं हिमेटो ओंकोलॉजी वार्ड के साथ यूनिट सिक्स अटैच थी। उसमें भी 30 से ज्यादा बच्चे थे। यह बच्चे जनरल वार्ड के मरीज है। इन बच्चों को भी तुरंत दूसरे वार्ड में भेजा गया।
आग तो बुझी लेकिन स्थितियां बिगड़ी
जेके लोन अस्पताल में लगी आग पर तो काबू पा लिया गया लेकिन आग के कारण अस्पताल में स्थितियां बिगड़ गई है।
देर रात तीन बजे तक अस्पताल के दूसरे वार्ड में बच्चों को शिफ्ट कर इलाज शुरू किया गया।
अभी तक की जानकारी के अनुसार, सामने आया है कि पहले प्री फेब वार्ड में लगे एसी में आग लगी और बाद में यह आग दूसरे एसी में पहुंच गई।
हालांकि आग लगने के वास्तविक कारण क्या हो सकते हैं ? इसे लेकर जांच कमेटी गठित की गई है।