चिकित्सा विभाग में हड़कंप: राजस्थान में इस साल कोरोना से पहली मौत, नर्सिंग उप अधीक्षक को लील गया वायरस

राजस्थान में इस साल कोरोना से पहली मौत, नर्सिंग उप अधीक्षक को लील गया वायरस
Rajasthan Covid 19
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भीलवाड़ा जिले में कोरोना से इस साल की पहली मौत होने का मामला सामने आया है। यहां शुक्रवार यानि आज कोरोना से चिकित्सा विभाग में कार्यरत नर्सिंग उप अधीक्षक की मौत हो गई है।
जिसके बाद से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

जयपुर |  Rajasthan Coronavirus : देश-दुनिया में कोहराम मचाने वाला कोरोना वायरस एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। जिसके चलते देश के कई राज्यों में कोरोना के मरीज बढ़ गए हैं।

कोरोना का दंश अब राजस्थान में भी फैल चुका है। प्रदेश में पिछले चार-पांच दिनों से कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है।

इसी बीच एक बड़ी खबर राज्य के भीलवाड़ा जिले से आई है। जिसने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है।

भीलवाड़ा जिले में कोरोना से इस साल की पहली मौत होने का मामला सामने आया है। यहां शुक्रवार यानि आज कोरोना से चिकित्सा विभाग में कार्यरत नर्सिंग उप अधीक्षक की मौत हो गई है।

जिसके बाद से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

बता दें कि, बुधवार को ही राजधानी जयपुर में भी ऑस्ट्रेलिया के चार विदेशी नागरिक कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।

जिन्हें सवाई माधोपुर से राजधानी जयपुर लाया गया था। इनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने पर आरयूएचएस में भर्ती रखा गया है।

जानकारी के अनुसार, कोरोना से भीलवाड़ा के शास्त्रीनगर में रहने वाले महेंद्र सिंह राठौड़ की मौत हो गई है। राठौड़ नर्सिंग उप अधीक्षक पद पर तैनात थे। 

बताया जा रहा है कि 15 मार्च को महेंद्र सिंह राठौड़ की तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई थी। जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

कोरोना जैसे लक्षणों के चलते उनकी कोरोना जांच के लिए सैंपल भी लिए गए थे। जिसमें वे पॉजिटिव पाए गए।

ऐसे में इलाज के दौरान उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था, लेकिन शुक्रवार को वे कोरोना के आगे जिंदगी की जंग हार गए। 

जिले में चिकित्साकर्मी की कोरोना से हुई अचानक मौत से चिकित्सा विभाग ही नहीं बल्कि पूरा शहर सदमे में है। 

कोरोना वायरस अब लगातार जिले में अपने पांव पसारता जा रहा है। यहां पिछले तीन दिनों के भीतर ही कोरोना संक्रमण के 14 मरीज सामने आ चुके हैं।

इन संक्रमितों में नवजात और मासूम बच्चे भी शामिल हैं।

गौरतलब है कि, राज्य में बुधवार को 11 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद राज्य में कोविड संक्रमितों के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 56 हो गई।

फिर से कैसे बढ़ रहा कोरोना?
पिछले साल के अंत में कम हुए कोरोना केसों के बाद से लोगों के  मन से भी कोरोना संक्रमण का भय कम हो गया और लोग पहले की तरह लापरवाही बरतने लगे हैं।

राज्य के प्रत्येक जिले में लोगों ने चेहरे पर से मास्क हटा दिया है और कोरोना प्रॉटोकोल का पालन करना भूल गए है। जिसके चलते ये वायरस एक बार फिर से अपने पैर जमाने में लगा हुआ है। 

इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए कि साल 2019 के अंत में पहली बार कोरोना वायरस किस तरह से चीन के वुहान शहर से बाहर निकलकर पूरी दुनिया में फेला था।

लाख प्रत्यनों के बावजूद भी सरकारें इसे फैलने से रोक नहीं पाई थी। अगर अब भी लोग लापरवाही बरतते रहे तो हालात बिगड़ने में देर नहीं लगेगी।

हालांकि, लोगों का वैक्सीनेषन होने से इसका खतरा पहले जैसा नहीं रहा लेकिन खतरा तो खतरा होता है। जिसने भीलवाड़ा में ये साबित कर दिया है।

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