ननद भाभी आमने—सामने: रविन्द्र जडेजा के घर में चुनावी कलह, बहन कांग्रेस की समर्थक तो पत्नी रीवा सोलंकी बीजेपी की उम्मीदवार

रविन्द्र जडेजा के घर में चुनावी कलह, बहन कांग्रेस की समर्थक तो पत्नी रीवा सोलंकी बीजेपी की उम्मीदवार
ravindra jadeja and his wife rewa ba jadeja solanki
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इस पूरे चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा भारत के स्तर क्रिकेटर रविन्द्र जडेजा की पत्नी रीवा बा जडेजा की हो रही है

यहां सबसे बड़ी मुश्किल तो क्रिकेटर रविन्द्र जडेजा की है कि वे आखिर चुनाव में किसका साथ दें.

अब सवाल यह है कि जडेजा के एक तरफ पत्नी है और दूसरी तरफ उनकी बहन

जडेजा अपनी पत्नी के पक्ष में वोट मांगने नहीं उतरे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर लगातार अपील कर रहे हैं

अहमदाबाद । गुजरात में चुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में सियासी माहौल चरम पर है। कांग्रेस बीजेपी सहित आम आदमी पार्टी की धमाकेदार एंट्री ने चुनाव को ओर भी रोचक बना दिया है। लेकिन इस पूरे चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा भारत के स्तर क्रिकेटर रविन्द्र जडेजा की पत्नी रीवा बा जडेजा की हो रही है।

रीवा बा जामनगर की सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही है और अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। लेकिन मैदान की लड़ाई जीतने से पहले रीवा बा उर्फ रीवा सोलंकी के लिए अब घर की लड़ाई जीतना मुश्किल हो रहा है।

यहां सबसे बड़ी मुश्किल तो क्रिकेटर रविन्द्र जडेजा की है कि वे आखिर चुनाव में किसका साथ दें... हालांकि रविन्द्र जडेजा मैदान पर तो अपनी पत्नी के पक्ष में वोट मांगने नहीं उतरे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर लगातार अपील कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जडेजा जल्द ही मैदान में भी रीवाबा के लिए वोट मांगते दिखेंगे।

अब सवाल यह है कि जडेजा के एक तरफ पत्नी है और दूसरी तरफ उनकी बहन। ननद भाभी की इस सियासी लड़ाई में जडेजा के लिए मुश्किल होगा की वे अपनी पत्नी का साथ दें या फिर बहन का।

जी हां ये लड़ाई अब राजनीति से ज्यादा घर की हो गई है क्योंकि रिवाबा के खिलाफ सबसे जबरदस्त मोर्चा उनकी ननद नैना जडेजा ने ही खोल रखा है। कभी दोस्त रहीं दोनों के बीच अब घर में बतौर ननद और भाभी की कैसे बनती है यह तो नहीं मालूम लेकिन सियासत में दोनो के रिश्ते एक दूसरे के विपरीत हैं।

2018 में नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद 2019 में रीवा बा ने भाजपा ज्वॉइन की तो उनकी ननद नैना ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और जामनगर सीट से ही अपनी दावेदारी पेश करने लगीं। जब भाजपा ने इस सीट से रीवा को टिकट दिया तो कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस यह टिकिट रविन्द्र जडेजा की बहन नैना को देने वाली है।

परन्तु ऐन वक्त पर वह टिकिट बीपेंद्र सिंह जडेजा के पास चला गया। जब वह टिकट नैना तो नहीं मिला तो उम्मीद की जा रही थी कि नैना अब शायद ही अपनी भाभी के खिलाफ मैदान में जाए लेकिन अपने आप को कांग्रेसी विचारधारा की मजबूत कार्यकर्ता कहते हुए नैना कांग्रेस उम्मीदवार बीपेन्द्र सिंह जडेजा के साथ प्रचार में जुट गई और लगातार अपनी भाभी पर हमलावर हैं।

नैना क्षेत्र के जाकर मतदाताओं से कहती है कि रीवा एक सेलिब्रिटी कैंडिडेट है और अगर वे चुनाव जीत जाएंगी तो क्षेत्र के लोगों से उनका मिलना तक मुश्किल हो जायेगा क्योंकि रिवाबा का ज्यादातर समय को अपने पति रविन्द्र जडेजा के साथ विदेशों मे बीतता है।

एक तरफ नैना जहां अपनी भाभी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। वहीं क्रिकेटर रविन्द्र जडेजा अपनी पत्नी के लिए सोशल मीडिया पर लगातार अपील करते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन बहन नैना के समर्थन में उन्होंने अभी तक कोई स्टेंड नही लिया है।

सियासी मैदान में आज रविन्द्र जडेजा अपनी बहन के साथ नही हैं लेकिन उनकी बहन नैना ही थी जिसने सबसे पहले रीवा बा को रविन्द्र से मिलवाया। रिवाबा रविन्द्र जडेजा की बहन नैना की करीबी दोस्त थी और जब नैना के जरिए दोनों मिले तो जडेजा अपनी बहन की दोस्त से ही दिल लगा बैठे। जब दोनों का प्यार परवान चढ़ा तो परिवार की सहमति से 2016 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए।

रविन्द्र जडेजा अपनी बहन का साथ दे या ना दें लेकिन नैना अकेले ही अपनी भाभी की खिलाफत का मन बना चुकी है। ननद भाभी की इस लड़ाई में आखिर कौन मारेगा बाजी यह तो गुजरात विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद ही पता चलेगा।

यह स्टोरी हमारे लिए लोकेन्द्रसिंह किलाणौत ने लिखी है।

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