Highlights
- जयपुर के वर्धमान ग्रुप पर आयकर विभाग की दो दिवसीय छापेमारी हुई।
- छापेमारी में 4.20 करोड़ रुपए नकद और करोड़ों के प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट जब्त किए गए।
- ग्रुप रियल एस्टेट और शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा है, 6 ठिकानों पर कार्रवाई हुई।
- बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की आशंका जताई जा रही है।
जयपुर: जयपुर (Jaipur) के वर्धमान ग्रुप (Vardhman Group) पर आयकर विभाग (Income Tax Department) की दो दिवसीय छापेमारी में 4.20 करोड़ रुपए नकद और करोड़ों के प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट जब्त किए गए हैं। ग्रुप रियल एस्टेट और शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा है।
क्या है पूरा मामला?
आयकर विभाग की यह बड़ी कार्रवाई शुक्रवार रात समाप्त हुई। इस दौरान रियल एस्टेट और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े वर्धमान ग्रुप के कुल छह ठिकानों पर छापेमारी की गई थी।
विभाग के सूत्रों ने बताया कि गुरुवार सुबह मानसरोवर स्थित वर्धमान इंटरनेशनल स्कूल के मुख्य कार्यालय और श्याम नगर के ऑफिस सहित छह जगहों पर एक साथ छापे मारे गए। इस अचानक हुई कार्रवाई से ग्रुप के अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
करोड़ों की नकदी और दस्तावेज जब्त
तलाशी के दौरान इतनी बड़ी मात्रा में नकद राशि मिली कि नोट गिनने के लिए विशेष मशीनें मंगवानी पड़ीं। ग्रुप के मुख्य कार्यालय की अलमारियों में नोटों के बंडल भरे हुए थे।
आयकर विभाग की टीम ने बैंक खाते, प्रॉपर्टी रिकॉर्ड और डिजिटल डिवाइस की भी गहनता से जांच की। इस दौरान जमीन सौदों में कई अनियमित लेन-देन के महत्वपूर्ण सबूत सामने आए हैं, जो टैक्स चोरी की ओर इशारा करते हैं।
करोड़ों रुपए कीमत के प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट भी जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों में ग्रुप की विभिन्न संपत्तियों और उनके लेन-देन से जुड़ी अहम जानकारी होने की उम्मीद है।
विभाग अब इन सभी जब्त किए गए डॉक्यूमेंट्स की बारीकी से जांच कर रहा है। इस जांच से ग्रुप द्वारा की गई बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का खुलासा होने की प्रबल आशंका है।
टैक्स चोरी पर विभाग की मुहिम
जानकारी के अनुसार, आयकर विभाग ने "जॉइंट एग्रीमेंट डेवलपमेंट" को लेकर एक विशेष मुहिम चला रखी है। इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर में होने वाली टैक्स चोरी और अघोषित आय पर लगाम लगाना है।
इसी मुहिम के तहत आयकर विभाग ने राजस्थान में 100 से अधिक बिल्डरों को नोटिस जारी किए हैं। विभाग पहले बिल्डरों और रियल एस्टेट से जुड़े लोगों के कार्यालयों और संपत्तियों का सर्वेक्षण कर रहा है।
सर्वेक्षण में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या वित्तीय अनियमितता पाए जाने पर संबंधित बिल्डर के खिलाफ छापेमारी की जा रही है। वर्धमान ग्रुप पर हुई यह कार्रवाई इसी व्यापक मुहिम का एक हिस्सा है।
इस तरह की लगातार कार्रवाई से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता बढ़ने और अवैध वित्तीय गतिविधियों पर अंकुश लगने की उम्मीद है। विभाग भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई जारी रखने का संकेत दे रहा है।
पहले भी हुई थी ऐसी कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब वर्धमान ग्रुप आयकर विभाग की रडार पर आया है। इससे पहले भी जयपुर के वर्धमान स्कूल में 3 करोड़ कैश मिलने की खबर सामने आई थी।
उस समय भी नोट गिनने के लिए मशीन मंगवाई गई थी और आयकर विभाग ने ग्रुप के 6 ठिकानों पर रेड डाली थी। यह दर्शाता है कि ग्रुप की वित्तीय गतिविधियों पर विभाग की लंबे समय से नजर थी।
विभाग अब इन सभी पुराने और नए मामलों को जोड़कर जांच कर रहा है ताकि ग्रुप की पूरी वित्तीय स्थिति और टैक्स चोरी के पैटर्न को समझा जा सके। इस मामले में आगे और भी खुलासे होने की संभावना है।
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