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बारिश के मौसम में सुंधा माता मंदिर में बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आए हुए हैं।
प्रशासन ने सभी को सुरक्षित रहने के निर्देश दिए हैं और सतर्कता बरतने की अपील की है।
जालोर एसपी ज्ञानचंद यादव भी मौके पर पहुंच गए हैं और घटनास्थल का जायजा ले रहे हैं।
जसवंतपुरा (जालोर): शनिवार की सुबह से जारी मूसलधार बारिश के कारण सुंधा माता मंदिर परिसर में एक भीषण आपदा का सामना करना पड़ा। तेज बारिश और पहाड़ी झरनों के उफान से 5 श्रद्धालु बह गए, जिनमें से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य चार को स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया।
सुंधा माता में हुई मूसलाधार लोगों के लिए आफत बनी हुई है। पहाड़ी क्षेत्र से तेज पानी का बहाव जारी है और झरने उफान पर चल रहे हैं। यहां पानी में बहने से एक महिला की मौत हो गई है। एक व्यक्ति के बहने की सूचना के बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर दौलत राम चौधरी, पुलिस उप अधीक्षक अन्नराज सिंह राजपुरोहित मौके पर पहुंचे।
डूंगरपुर निवासी 45 वर्षीय लक्ष्मी पत्नी प्रेमचंद की बॉडी मंदिर परिसर में एक पाइप में फंसी मिली। उसे पुल से निकालने के बाद शव को सीएचसी जसवंतपुरा की मॉर्च्युरी में रखा गया। अन्य तीन श्रद्धालुओं को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लापता एक व्यक्ति की खोजबीन अभी जारी है।
जसवंतपुरा थाना इंचार्ज प्रताप सिंह ने बताया कि स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ की टीमों ने मिलकर घटनास्थल पर सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन अभी तक लापता व्यक्ति का कोई पता नहीं चल पाया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंदिर के पास स्थित रोप-वे को बंद कर दिया गया है।
बारिश के मौसम में सुंधा माता मंदिर में बड़ी संख्या में पर्यटक और श्रद्धालु आए हुए हैं। प्रशासन ने सभी को सुरक्षित रहने के निर्देश दिए हैं और सतर्कता बरतने की अपील की है। जालोर एसपी ज्ञानचंद यादव भी मौके पर पहुंच गए हैं और घटनास्थल का जायजा ले रहे हैं।
सुंधा माता का मंदिर जालोर शहर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित है। यह 900 साल पुराना मंदिर चारों ओर पहाड़ियों से घिरा हुआ है, और तेज बारिश के दौरान पहाड़ों से बहने वाला पानी मंदिर के रास्ते पर बहता है, जो इस क्षेत्र में गंभीर खतरों का कारण बनता है।
प्रशासन और स्थानीय लोगों की कोशिशें जारी हैं ताकि घटना से प्रभावित लोगों को जल्दी से जल्दी सहायता प्रदान की जा सके और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचाव के उपाय किए जा सकें।