तिरंगे में लिपटी घर वापसी: झुंझुनूं के वीर जवान विनोद सिंह शेखावत की शहादत

झुंझुनूं के वीर जवान विनोद सिंह शेखावत की शहादत
Salute to Soldier Vinod Singh Shekhawat in Jaipur
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झुंझुनूं – राजस्थान का एक और वीर सपूत देश की सेवा में शहीद हो गया। विनोद सिंह शेखावत, उम्र 42 वर्ष, मणिपुर में अपनी सर्विलांस ड्यूटी के दौरान रविवार को शहीद हो गए। सोमवार रात उनके पार्थिव शरीर को जयपुर एयरपोर्ट पर लाया गया, जहां सेना ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि अर्पित की।

मणिपुर में सर्विलांस ड्यूटी पर अचानक बिगड़ी तबीयत

23 नवंबर की रात मणिपुर के इम्फाल में ड्यूटी के दौरान विनोद सिंह की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें शिजा हॉस्पिटल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया। वहां 24 नवंबर की सुबह 2:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी शहादत की खबर से झुंझुनूं जिले के काजड़ा गांव में मातम छा गया।

घर तक तिरंगे में लिपटी अंतिम यात्रा, पूरे गांव का उमड़ा सैलाब

शहीद विनोद सिंह की पार्थिव देह को मंगलवार सुबह विशेष सेना वाहन से जयपुर से झुंझुनूं के सूरजगढ़ तक लाया जाएगा। सूरजगढ़ से उनके पैतृक गांव काजड़ा तक 7 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें हजारों ग्रामीण और युवा देशभक्ति के जोश के साथ शामिल होंगे। गांव के हर कोने में देशभक्ति की लहर है, और सभी वीर जवान के सम्मान में तिरंगे के साथ उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।

2004 से सेना में देश की सेवा, बच्चों की पढ़ाई के लिए जयपुर में रहता था परिवार

हवलदार विनोद सिंह 2004 में भारतीय सेना की 2 महार रेजिमेंट में शामिल हुए थे। उनकी पत्नी सुमन कंवर और तीन बच्चे – बड़ी बेटी नैंसी (11वीं), छोटी बेटी खुशी (9वीं), और बेटा राज्यवर्धन (6वीं) – बच्चों की शिक्षा के कारण पिछले जुलाई में ही जयपुर शिफ्ट हुए थे। उनके माता-पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। गांव में उनके चार भाई अपने परिवारों के साथ रहते हैं।

प्रशासन की तैयारी, गांव के रास्ते की साफ-सफाई

अंतिम संस्कार की तैयारियों के लिए गांव के रास्तों की मरम्मत और सफाई की जा रही है। सरपंच मंजू तंवर और प्रशासनिक अधिकारी इसकी देखरेख कर रहे हैं। जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने भी सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सुरेश कुमार जांगिड़ के साथ तैयारी की जानकारी ली और उचित निर्देश दिए।

सपूत को आखिरी सलाम

इस वीर जवान की शहादत पर पूरा गांव गम और गर्व में डूबा हुआ है। तिरंगा यात्रा के आयोजक दिनेश सहारण ने बताया कि सूरजगढ़ से काजड़ा तक की इस तिरंगा यात्रा में क्षेत्र के युवा और ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल होकर अपने सपूत को अंतिम विदाई देंगे।

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