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राजपूत समाज ने आज कोटा के केशवपुरा चौराहे पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का पुतला जलाया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जयपुर | राजस्थान में पूर्व मंत्री और विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Gudha) को लेकर माहौल और गरमा गया है।
चुनावी सभाओं के बीच राजस्थान की सियासत गुढ़ा को लेकर उबाल मार रही है।
पहले लाल डायरी, फिर गुढ़ा का ऊंट पर मार्च और अब करणी सेना (Karni Sena) की चेतावनी।
राजेंद्र गुढ़ा के समर्थन में अब राजपूत समाज भी उतर गया है। उनका कहना है कि हमारा आक्रोश राज्य सरकार और यूडीएच मंत्री के खिलाफ है।
विधानसभा में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) का माइक बंद करने और धक्का-मुक्की के मामले में सदन से निलंबित किए गए विधायक गुढ़ा के समर्थन में कोटा के राजपूत समाज भी खुलकर सामने आ गया है।
राजपूत समाज ने आज कोटा के केशवपुरा चौराहे पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का पुतला जलाया और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
करणी सेना की चेतावनी, माफी मांगे सरकार, नहीं तो...
राजपूत समाज ने चेतावनी दी है कि 30 जुलाई तक सरकार राजेंद्र गुढ़ा से माफी मांगे और उनके निलंबन को रद्द कर उन्हें बहाल करें, नहीं तो पूरे प्रदेश में करणी सेना आंदोलन करेगी।
करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष मनजीत सिंह नाथावत का कहना है कि यदि गहलोत सरकार इस मामले में गुढ़ा से माफी नहीं मांगती है और उनके निलंबन को बहाल नहीं करती है तो 30 जुलाई के बाद पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।
अशोक गहलोत की कुर्सी बचाई, फिर क्यों किया ऐसा
करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष नाथावत ने चेतावनी देते हुए कहा कि कोटा से लगी चिंगारी पूरे प्रदेश में फेलेगी।
राजेंद्र गुढ़ा वहीं नेता हैं जिन्होंने अशोक गहलोत की कुर्सी बचाने के लिए 5 एमएलए अपने साथ लाए थे और उन्हें समर्थन दिया था।
ऐसे में राजपूत समाज एक प्रतिष्ठित समाज के व्यक्ति का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
लोगों ने उन्हें जीताकर भेजा है वह एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। ऐसे व्यक्ति का अपमान करना उनके साथ मारपीट करना और विधानसभा से निलंबित करना किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।