Highlights
- जयपुर में हत्या की साजिश नाकाम, लॉरेंस और रोहित गोदारा की गैंग के चार बदमाश गिरफ्तार।
- हथियारों के साथ पकड़े गए बदमाशों ने व्यापारियों से रंगदारी वसूलने के लिए गैंग से जुड़ने की बात कबूली।
- पुलिस जांच में सामने आया कि भटिंडा जेल और विदेश से हो रही थी गैंग के सदस्यों को निर्देश।
- सोशल मीडिया पर गैंग का नेटवर्क, इंस्टाग्राम ग्रुप के जरिये युवाओं को अपराध में फंसा रहे हैं।
जयपुर | शहर में लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा की गैंग ने एक बार फिर अपराध की तैयारी में थी, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने इसे नाकाम कर दिया। संजय सर्किल थाना पुलिस ने लॉरेंस और रोहित गोदारा की गैंग से जुड़े चार बदमाशों को गिरफ्तार कर जयपुर में हत्या की एक बड़ी साजिश को विफल कर दिया। ये बदमाश हत्या के लिए हथियार सप्लाई करने का काम कर रहे थे।
पुलिस ने चारों आरोपियों के पास से एक पिस्टल, एक देशी कट्टा, एक मैगजीन और पांच जिंदा कारतूस जब्त किए। पूछताछ में सामने आया कि गैंग जयपुर में एक व्यापारी को निशाना बनाने की फिराक में थी। आरोपियों ने माना कि हत्या के लिए अपराधी जयपुर आने वाले थे, जिनकी सहायता करने के लिए वे हथियार लेकर आए थे।
ब्रह्मपुरी के व्यापारी पर थी नजर, रोहित गोदारा ने मांगी रंगदारी
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि गिरफ्तार किए गए बदमाशों ने ब्रह्मपुरी में एक व्यापारी की जानकारी रोहित गोदारा तक पहुंचाई थी। इसके बाद रोहित ने उक्त व्यापारी सहित अन्य व्यापारियों को धमकी देकर रंगदारी की मांग की। पुलिस के अनुसार, बदमाश लंबे समय से गैंग के लिए काम कर रहे थे और बड़े व्यापारियों के संपर्क नंबर जुटाकर गैंग तक पहुंचाते थे।
भटिंडा जेल से संचालन, विदेशी कॉल का लिंक
संजय सर्किल थाना पुलिस द्वारा चारों बदमाशों के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड की जांच में सामने आया कि भटिंडा जेल में बंद एक गैंग मेंबर ने इनसे हथियार मध्य प्रदेश से लाने को कहा था और जयपुर में उनके वितरण का निर्देश दिया था। मोबाइल पर विदेशी कॉल्स के संकेत मिले हैं, जिससे ये अंदेशा होता है कि गैंग के अंतरराष्ट्रीय संपर्क भी हो सकते हैं।
लॉरेंस गैंग के सदस्य इंस्टाग्राम पर करते थे संपर्क
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे लॉरेंस गैंग के इंस्टाग्राम ग्रुप से जुड़े हुए थे, जहां से उन्हें टारगेट की जानकारी मिलती थी। गैंग की सोशल मीडिया रणनीति के जरिए युवा लड़कों को आकर्षित कर उनका ब्रेनवॉश किया जाता था। सोशल मीडिया के माध्यम से गैंग के सदस्य नियमित रूप से एक-दूसरे के संपर्क में रहते थे।
सोशल मीडिया और वॉट्सऐप के जरिये चल रहा नेटवर्क
पुलिस को जानकारी मिली है कि रोहित गोदारा और लॉरेंस का भाई अनमोल, सोशल मीडिया पर युवाओं को गैंग में शामिल करने के लिए लगातार संपर्क में रहते हैं। अमीर व्यापारियों की जानकारी प्राप्त कर, उनके मोबाइल नंबर हासिल किए जाते हैं और फिर विदेशों में बैठे गैंग के सदस्य सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर धमकियों के माध्यम से फिरौती की मांग करते हैं। धमकी को प्रभावी बनाने के लिए कई बार गोलियां चलाने की घटनाओं का भी सहारा लिया जाता है।
डीसीपी नॉर्थ का बयान
डीसीपी नॉर्थ, राशि डोगरा डूडी ने बताया कि गिरफ्तार बदमाशों की पहचान योगेश सैनी (28), मोहम्मद अकील मंसूरी (31), हरेंद्र विश्नोई (20) उर्फ राकेश और दीपक सैनी (26) के रूप में हुई है। ये चारों लॉरेंस और रोहित गोदारा के लिए हथियारों की डिलीवरी का काम कर रहे थे। इनसे बरामद हथियार और फोन कॉल्स की जांच जारी है।
पुलिस की सक्रियता से बड़ा अपराध टला
जयपुर में लॉरेंस गैंग की बढ़ती गतिविधियों ने शहर में दहशत फैला दी थी। पुलिस की मुस्तैदी ने समय रहते इस साजिश का पर्दाफाश कर दिया, जिससे जयपुर के व्यापारियों और आम नागरिकों ने राहत की सांस ली है। पुलिस इस गिरोह के अन्य सहयोगियों का पता लगाने और उनके अंतरराष्ट्रीय संबंधों की गहन जांच कर रही है।
सवालों के घेरे में सोशल मीडिया का इस्तेमाल
लॉरेंस गैंग द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके युवा पीढ़ी को अपराध की दुनिया में धकेलना एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। गैंग के सदस्य इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप के जरिए एक सुनियोजित तरीके से युवाओं को अपने जाल में फंसा रहे हैं। पुलिस अब इस मामले में सोशल मीडिया के माध्यम से चल रहे नेटवर्क का पता लगाने के लिए डिजिटल जांच को और मजबूत करेगी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने लॉरेंस गैंग के नापाक इरादों पर पानी फेर दिया। इस गिरफ्तारी ने जयपुर को एक और खतरनाक हत्या की वारदात से बचा लिया। यह मामला पुलिस के लिए अपराधियों के आधुनिक नेटवर्क को समझने और इसे समाप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।