अब कांग्रेस नेता आमने—सामने: हीरा देवासी ने हार के बाद खोला मोर्चा, रतन देवासी पर आरोप

हीरा देवासी ने हार के बाद खोला मोर्चा, रतन देवासी पर आरोप
हीरा देवासी ने रानीवाड़ा से कांग्रेस विधायक रतन देवासी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है
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Highlights

  • रतन देवासी पर आरोप: कोलाबा से कांग्रेस प्रत्याशी हीरा देवासी ने रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी पर आरोप लगाया कि वे समाज के अन्य नेताओं और युवाओं को आगे बढ़ने से रोक रहे हैं और केवल अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं।

  • अशोक गहलोत के प्रति आभार: हीरा देवासी ने चुनावी टिकट के लिए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया और कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें मौका देकर उन पर विश्वास जताया, जिसके लिए वे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आभारी हैं।

  • समाज के लोगों से अपील: हीरा देवासी ने देवासी समाज के लोगों से एकजुट होने की अपील की, ताकि समाज के असल मुद्दों पर काम किया जा सके और नए नेताओं को उभरने का मौका मिले, जो समाज के हित में कार्य कर सकें।

  • कांग्रेस पार्टी के लिए चुनौती: इस विवाद ने कांग्रेस पार्टी के सामने चुनौती खड़ी कर दी है, क्योंकि दोनों नेता देवासी समाज में प्रमुख प्रभाव रखते हैं। पार्टी के लिए इस मुद्दे का समय पर समाधान करना आवश्यक है, ताकि आगामी चुनावों में समाज के वोटों पर इसका नकारात्मक असर न पड़े।

कोलाबा विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हीरा देवासी ने अपनी चुनावी हार के बाद पार्टी और अपने समाज के लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं। चुनाव में हार के बाद हीरा देवासी ने रानीवाड़ा से कांग्रेस विधायक और देवासी समाज के प्रमुख नेता रतन देवासी के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है।

उन्होंने रतन देवासी पर समाज के विकास में अवरोध उत्पन्न करने और नए नेताओं को आगे बढ़ने से रोकने का आरोप लगाया है। हीरा देवासी का यह कदम देवासी समाज के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य को लेकर नए विवादों को जन्म दे रहा है।

हीरा देवासी ने टिकट देने के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार व्यक्त किया और कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा जताई। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें मौका दिया और वह इसके लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के आभारी हैं। हालाँकि, उनकी नाराजगी रतन देवासी के प्रति स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है।

हीरा देवासी का कहना है कि रतन देवासी ने समाज के नाम पर राजनीति तो की, लेकिन असल में समाज के हितों को नजरअंदाज किया है। उनका आरोप है कि रतन देवासी समाज के नेताओं और युवाओं को आगे बढ़ने से रोकते हैं और अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करते हुए सभी नेतृत्वकारी भूमिकाओं पर स्वयं कब्जा बनाए रखना चाहते हैं।

हीरा देवासी ने देवासी समाज के लोगों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि समाज को ऐसे नेताओं की जरूरत है जो उनके वास्तविक मुद्दों को उठाएं और उनके हित में काम करें, न कि केवल अपनी राजनीतिक शक्ति और प्रभाव को मजबूत करने का प्रयास करें।

उन्होंने कहा कि समाज के युवाओं को नेतृत्व का अवसर मिलना चाहिए, ताकि समाज के बीच नई सोच और नई ऊर्जा का प्रवाह हो सके। उनका मानना है कि एक समाज को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है कि उसमें विभिन्न विचारधाराएं और नए नेतृत्व उभरकर सामने आएं। उन्होंने आरोप लगाया कि रतन देवासी इस मार्ग में बाधा डाल रहे हैं।

इस बयान ने देवासी समाज में हलचल मचा दी है और लोग अब रतन देवासी और हीरा देवासी के बीच इस विवाद पर खुलकर चर्चा कर रहे हैं। रतन देवासी को समाज के प्रमुख नेता के रूप में लंबे समय से सम्मानित किया जाता रहा है, लेकिन हीरा देवासी द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद समाज के लोग उनके नेतृत्व पर सवाल उठाने लगे हैं।

कुछ लोग इसे हीरा देवासी की चुनावी हार से उपजी हताशा मान रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं, वे सच में समाज के हित में हो सकते हैं और इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हीरा देवासी का यह बयान कांग्रेस पार्टी में भी हलचल पैदा कर सकता है, क्योंकि दोनों ही नेता पार्टी के प्रमुख चेहरे हैं और समाज में उनका गहरा प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी के सामने चुनौती है कि वह इस विवाद को किस प्रकार सुलझाए और समाज के भीतर की दरार को पाटने का प्रयास करे।

अगर यह विवाद समय पर नहीं सुलझाया गया, तो इससे कांग्रेस पार्टी की छवि पर भी असर पड़ सकता है और आगामी चुनावों में यह देवासी समाज के वोटों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।

हीरा देवासी ने अपनी अपील में कहा कि देवासी समाज को अब अपने मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अपने नेताओं से यह मांग करनी चाहिए कि वे समाज के हित में कार्य करें, न कि केवल अपनी राजनीतिक स्थिति को बनाए रखने के लिए।

उनके इस बयान से यह साफ है कि वह समाज के हित में बड़ी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं और किसी भी स्तर पर समझौता करने के मूड में नहीं हैं।

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