21 दिसम्बर को विश्व ध्यान दिवस: ब्रह्मकुमारीज़ के 140 देशों में विश्व ध्यान दिवस पर कार्यक्रम

ब्रह्मकुमारीज़ के 140 देशों में विश्व ध्यान दिवस पर कार्यक्रम
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आबूरोड |  21 दिसंबर, को दुनिया भर में पहला विश्व ध्यान दिवस मनाया जाएगा। यूनाइटेड नेशन द्वारा घोषित इस दिन को ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के विश्वभर के 140 देशों में स्थित 6000 से अधिक सेवाकेंद्रों पर मनाया जाएगा।

इस अवसर पर शांतिवन के कॉन्फ्रेंस हॉल में सुबह 7:30 से 8:30 तक "आंतरिक शांति और वैश्विक सद्भाव" विषय पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

कार्यक्रम में सामूहिक योगाभ्यास और राजयोग ध्यान का अभ्यास किया जाएगा, साथ ही लोगों को ध्यान के महत्व और राजयोग मेडिटेशन का संदेश दिया जाएगा।

ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की आध्यात्मिक शिक्षा का मुख्य आधार राजयोग मेडिटेशन है, जो लोगों के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है।

ध्यान से जीवन में बदलाव
संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा, “यह बहुत खुशी की बात है कि 21 दिसंबर को पहला विश्व ध्यान दिवस मनाया जा रहा है। ध्यान हमारी प्राचीन परंपरा का अभिन्न हिस्सा है और आत्मिक कल्याण का माध्यम है।

ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान राजयोग मेडिटेशन की नि:शुल्क शिक्षा देकर लाखों लोगों के जीवन को बदल चुका है। मेडिटेशन से तन-मन स्वस्थ होता है और जीवन में खुशहाली आती है।”

अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने बताया कि “मेडिटेशन जाति, धर्म, संस्कृति, और आयु से परे है। यह आज हर व्यक्ति की आवश्यकता बन गया है।

ध्यान के माध्यम से नकारात्मक विचारों और भावनाओं को समाप्त किया जा सकता है, जिससे जीवन में मानसिक शांति और आत्मिक बल आता है। यह हमारे मन को शक्तिशाली बनाता है, जिससे समस्याओं और परिस्थितियों का प्रभाव हम पर नहीं पड़ता।”

राजयोग मेडिटेशन: आंतरिक यात्रा
राजयोग ध्यान मन और आत्मा की एक यात्रा है, जिसमें व्यक्ति अपने विचारों का निरीक्षण और नियंत्रण करता है। इस अभ्यास से मन का प्रदूषण दूर होता है और शरीर स्वस्थ रहता है।

हृदय रोगियों के लिए संस्थान ने विशेष ध्यान पद्धति विकसित की है, जिसमें सकारात्मक विचार और इमेजिनेशन के माध्यम से रोगी को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाया जाता है।

सभी के लिए संदेश
संस्थान ने अपील की है कि सभी लोग ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। यह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर शांति लाएगा, बल्कि वैश्विक सद्भाव के लिए भी एक बड़ा कदम साबित होगा।

कार्यक्रम का सीधा प्रसारण संस्थान के विभिन्न सेवाकेंद्रों पर किया जाएगा, जहां सभी लोग भाग ले सकते हैं और ध्यान का लाभ उठा सकते हैं।

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