Highlights
- होमगार्ड एवं सैनिक कल्याण मंत्री मामलों के मंत्री थे राजेन्द्र गुढ़ा
- दो बार गहलोत सरकार के लिए छह—छह विधायक बसपा से लाए थे गुढ़ा
- पहली सरकार में होमगार्ड और पर्यटन राज्यमंत्री रह चुके थे गुढ़ा
- झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी से दूसरी बार विधायक हैं राजेन्द्र गुढ़ा
जयपुर | राजस्थान के सैनिक कल्याण एवं होमगार्ड मामलों के मंत्री राजेन्द्रसिंह गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया गया है। गुढ़ा ने विधानसभा में मणिपुर में महिलाओं से दुष्कर्म के मामले की तुलना राजस्थान में महिला दुष्कर्मों से करते हुए अपनी ही सरकार को घेर लिया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार की लगातार आलोचना के बाद ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा को उनके पद से हटा दिया गया है। गुढ़ा को बर्खास्त करने के फैसले की सिफारिश मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की और राज्यपाल कलराज मिश्र ने इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया है.
हाल के विधानसभा सत्र के दौरान, गुढ़ा ने न्यूनतम आय गारंटी विधेयक पर बहस में भाग लिया और महिलाओं की सुरक्षा में सरकार के प्रदर्शन पर अपना असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने सरकार को इस संबंध में पूरी तरह विफल करार दिया और उनसे मणिपुर पर उंगली उठाने के बजाय राज्य के भीतर मुद्दों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
उनके बेबाक बयानों और लगातार हो रही आलोचना के परिणामस्वरूप राजेंद्र सिंह गुढ़ा की बर्खास्तगी तय हो गई है और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया है.
इससे पहले भी गुढ़ा लगातार अपनी सरकार की पोल खोलते रहे हैं। उन्होंने सचिन पायलट खेमे का साथ देते हुए आलाकमान को भी बड़ी चुनौती दी थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुछ दिनों पहले औवेसी के साथ गुढ़ा की मुलाकात को भी इसका कारण माना जा रहा है।
थिंक 360 से बात करते हुए राजेन्द्र गुढ़ा ने अशोक गहलोत के खासमखास और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ की एक गोपनीय डायरी का हवाला दिया था कि वक्त आने पर वो बड़े खुलासे करेंगे।
माना जा रहा है कि अब गुढ़ा उस डायरी के राज सामने ला सकते हैं। गुढ़ा ने कहा था कि अशोक गहलोत ने उस डायरी को लाने के लिए उन्हें फेयरमाउंट होटल से धर्मेन्द्र राठौड़ के घर भेजा था, जिसमें ईडी और सीबीआई की रेड चल रही थी।
डेढ़ सौ पुलिसवालों के बीच से उन्होंने वह डायरी निकाली थी। उस डायरी में क्या था, यह बताने से गुढ़ा ने तब इनकार किया था और कहा था कि वक्त आने पर वह खुलासे करेंगे।
दिन में ही विधानसभा में गरजे गुढ़ा
इससे पहले दिन में विधानसभा सत्र में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने एक बार फिर अपनी बेबाक टिप्पणियों से सुर्खियां बटोरीं। इस बार उन्होंने अपनी ही कांग्रेस सरकार की आलोचना की।
उन्होंने राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों की ओर ध्यान आकर्षित किया और सुझाव दिया कि सरकार को मणिपुर के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपने राज्य की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब गुढ़ा ने भ्रष्टाचार के लिए सरकार की आलोचना की है।
कुछ विश्लेषकों का यह भी माना जा रहा है कि गुढ़ा को सचिन पायलट का समर्थन करने के कारण अशोक गहलोत खेमे की ओर से लगातार टारगेट पर लिया जा रहा था। इसी के चलते उन पर एक मुकदमा भी दर्ज किया गया था। हालांकि गुढ़ा ने इस मामले को झूठा बताया था।
उन्होंने पहले पायलट की जनसंघर्ष यात्रा के दौरान सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ बोला था, जिसमें कहा गया था कि प्रशासन की प्रभावशीलता में गिरावट आई है, और आवश्यक कार्य अधूरे रह गए हैं। उन्होंने गहलोत सरकार पर 40 प्रतिशत से अधिक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल का कार्यालय भ्रष्ट आचरण के बिना प्रगति में बाधा डालने के लिए विशेष रूप से कुख्यात है।