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पशुपालन विभाग एवं पशुधन विकास बोर्ड के अधिकारियों ने आरजीएम, एनएलएम, एनपीडीडी और एलएचडीसीपी योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से परियोजना की वर्तमान स्थिति, आउटपुट और चुनौतियों आदि के विषय में जानकारी दी गई
जयपुर। शासन सचिव पशुपालन विभाग, डॉ. समित शर्मा ने जयपुर स्थित राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड के सभागार में पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी), भारत सरकार द्वारा राजस्थान राज्य में संचालित विभिन्न योजनाओं के मूल्यांकन हेतु आये राष्ट्रीय स्तर के मॉनिटर्स (एनएलएम) के साथ सोमवार को आयोजित बैठक के दौरान कहा कि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं का लाभ लक्षित वर्ग तक पहुँचे, तभी हम अपने उद्देश्य में कामयाब होंगे।
बैठक का उद्देश्य भारत सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, विशेषकर राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) और पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) से जुड़े राज्य के पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत करना था।
यह ब्रीफिंग सत्र एनएलएम के एक सप्ताह के क्षेत्र दौरे का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य राज्य में परियोजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी करना है। इस बैठक का आयोजन कार्यक्रमों और उनके उद्देश्यों की समग्र समझ प्रदान करने के लिए किया गया, जिससे एनएलएम योजनाओं के कार्यान्वयन का मूल्यांकन कर सकें।
पशुपालन विभाग एवं पशुधन विकास बोर्ड के अधिकारियों ने आरजीएम, एनएलएम, एनपीडीडी और एलएचडीसीपी योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से परियोजना की वर्तमान स्थिति, आउटपुट और चुनौतियों आदि के विषय में जानकारी दी गई।
सोमवार के सत्र के बाद, राष्ट्रीय स्तर के मॉनिटर्स (एनएलएम) द्वारा मंगलवार से राज्य के चार जिलों जोधपुर, कोटा, अलवर एवं सीकर में भ्रमण कर योजनाओं के क्रियान्वयन से सम्बन्धित तमाम जानकारी का आंकलन करेंगे। जिलों में भ्रमण के दौरान स्थानीय पशुपालकों से चर्चा कर उनकी आवश्यकताओं एवं संचालित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के सम्बन्ध में भी सुझाव प्राप्त करेगे। इसके पश्चात 19 अक्टूबर को जयपुर में पुनः बैठक आयोजित की जायेगी।
इस आकलन के बाद, एनएलएम एक विस्तृत रिपोर्ट डीएएचडी को प्रस्तुत करेंगे, जिससे पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और कुशल कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके, ताकि निर्धारिते लक्ष्य को पूरा करते हुए प्रदेश पशुपालकों को सशक्त बनाया जा सकें।
इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. समित शर्मा, आई.ए.एस., सचिव, पशुपालन, गोपालन और मत्स्य विभाग, राजस्थान सरकार ने की, जिसमें भारत सरकार से पधारे राष्ट्रीय दल में जगत हजारीका, आई.एफ.एस., सलाहकार (सांख्यिकी), वी.पी सिंह, निदेशक, सी.आर मीना, उप निदेशक, डा. मंजूनाथ, डा. सुनील शिवाजीराव तथा डा. माधवा राव र्थीथम और मुकेश दत्त शर्मा, सहायक निदेशक, पशुपालन सांख्यिकी प्रभाग, डीएएचडी, भारत सरकार सहित डा. भवानी सिंह राठौड़ निदेशक, पशुपालन विभाग, डा. आनन्द सेजरा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजस्थान पशुधन विकास बोर्ड सहित समस्त योजना प्रभारी उपस्थित थे।