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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि अभी तक हिंदुओं के इस देश में गो हत्या के प्रतिबंध का कानून नहीं बना है। यह आपका, हमारा और सरकार का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। समय रहते हुए सरकारों यह को सोचना चाहिए कि इस देश में गौ हत्या को कैसे रोकी जा सके।
सिरोही रेवदर | बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री सोमवार देर शाम को रेवदर (revdar) तहसील के केसुआ (kesua) नंदगांव मनोरमा गोलोक तीर्थ पहुंचे। उन्होंने गो ऋषि दत्त शरणानंद महाराज (sharananand maharaj) को दंडवत प्रणाम कर आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने गो पूजा की और वृद्ध गौ माता को गुड खिलाकर प्रसन्नता जाहिर की। धीरेंद्र शास्त्री ने नंदगांव में हो रही गो सेवा से प्रभावित होकर रात्रि विश्राम नंदगांव (nandgaon) में ही करने की इच्छा जताई। रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार को गोशाला की परिक्रमा कर सांचौर के लिए रवाना हुए।
बागेश्वर सरकार के साथ पथमेड़ा (pathmeda) के गोवत्स विट्ठल कृष्ण, महादेवानंद महाराज, नंदगांव के सीईओ अशोक सिंहल, रघुनाथ सिंह, अर्जुन सिंह फुलासर, रेवदर तहसीलदार स्नेहदीप, सुखराज राजपुरोहित नून, रणछोड़ राजपुरोहित रेवदर मौजूद रहे।
गौ हत्या पर बने कानून-धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि अभी तक हिंदुओं के इस देश में गो हत्या (cow slaughter) के प्रतिबंध का कानून नहीं बना है। यह आपका, हमारा और सरकार का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है। समय रहते हुए सरकारों यह को सोचना चाहिए कि इस देश में गौ हत्या को कैसे रोकी जा सके।
नंदीशाला आ कर हुए हैरान
मनोरमा गो लोक तीर्थ गांव पहुंचकर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री आत्ममुद्ध हो गए। उन्होंने कहा है कि यहां आकर मैंने द्वापर युग को महसूस किया है।
श्रद्धालुओं की लगी रही लाइन
बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री महाराज (dhirendra shashtri) अचानक नंदगांव गोशाला देखने के लिए पहुंचे। जिसकी भनक श्रद्धालुओं को लगते ही नंदगांव गोशाला में श्रद्धालुओं की उनके दर्शन को लेकर भीड़ जुट गई। दर्शन को व्याकुल श्रद्धालुओं ने रात्रि के बाद सुबह भी महाराज के दर्शन किए।