Highlights
- राजस्थान के 9 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी।
- किसानों को फसलों और अनाज को सुरक्षित रखने की सलाह।
- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन सिस्टम बारिश का कारण।
- उत्तरी हवाओं के कारण उत्तरी राजस्थान में बढ़ेगी सर्दी।
जयपुर: अरब सागर (Arabian Sea) में बने डिप्रेशन सिस्टम (Depression System) के कारण राजस्थान (Rajasthan) के 9 जिलों में बारिश (Rain) का येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया गया है, जिसमें किसानों को फसलें सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है।
राजस्थान में बारिश का अलर्ट और प्रभावित जिले
अरब सागर में विकसित हुए डिप्रेशन सिस्टम के कारण राजस्थान में कल से मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है।
उदयपुर संभाग के जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
कोटा संभाग के जिलों में भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
अजमेर संभाग के जिलों में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है।
इनमें से कुछ स्थानों पर तेज बारिश होने की भी प्रबल संभावना है।
इन संभावित बारिश वाले इलाकों में तेज हवाएं चलने की भी आशंका व्यक्त की गई है।
साथ ही, बिजली चमकने की घटनाएं भी देखने को मिल सकती हैं।
मौसम विशेषज्ञों ने किसानों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी है।
कृषि उपज मंडियों के प्रशासन को भी आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है।
खुले में रखी फसलों और अनाज को सुरक्षित स्थानों पर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
यह सलाह संभावित नुकसान से बचने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
आज, 26 अक्टूबर के लिए येलो अलर्ट
आज प्रदेश के नौ जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
इनमें बूंदी, कोटा और बारां जिले शामिल हैं।
झालावाड़, चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ में भी अलर्ट जारी हुआ है।
डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर जिले भी इस अलर्ट के दायरे में हैं।
मौसम विभाग ने इन जिलों में मेघगर्जन और वज्रपात के साथ बारिश की संभावना जताई है।
बारिश का कारण: मौसमी सिस्टम की सक्रियता
मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बारिश के कारणों का विस्तृत विश्लेषण किया है।
उन्होंने बताया कि अरब सागर में एक डिप्रेशन सिस्टम सक्रिय रूप से बना हुआ है।
यह डिप्रेशन सिस्टम धीरे-धीरे और अधिक मजबूत होता जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, बंगाल की खाड़ी में भी एक अन्य डिप्रेशन सिस्टम विकसित हुआ है।
यह बंगाल की खाड़ी का सिस्टम आगामी दिनों में और अधिक सशक्त हो सकता है।
यह सिस्टम मजबूत होकर चक्रवात और गंभीर चक्रवात का रूप ले सकता है।
इन दोनों समुद्री सिस्टम के अलावा, उत्तर भारत में एक पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय होने वाला है।
यह पश्चिमी विक्षोभ 27 अक्टूबर से अपना प्रभाव दिखाना शुरू करेगा।
इन तीनों मौसमी सिस्टम के संयुक्त प्रभाव से राजस्थान के मौसम में बड़ा बदलाव आएगा।
यह बदलाव कल यानी 26 अक्टूबर से ही देखने को मिलेगा।
उदयपुर संभाग के जिलों में मेघगर्जना के साथ तेज बारिश हो सकती है।
कोटा संभाग के जिलों में भी तेज बारिश और मेघगर्जना का अनुमान है।
अजमेर संभाग के जिलों में भी इसी तरह का मौसम रहने की संभावना है।
इन क्षेत्रों में तेज हवाएं चलने की भी आशंका जताई गई है।
कहीं-कहीं बिजली चमकने की घटनाएं भी हो सकती हैं।
उत्तरी हवाओं के कारण बढ़ेगी सर्दी
मौसम विशेषज्ञों ने आज से उत्तरी दिशा से आने वाली हवाओं के तेज होने की संभावना व्यक्त की है।
इन उत्तरी हवाओं का प्रभाव मुख्य रूप से उत्तरी राजस्थान में देखा जाएगा।
बीकानेर संभाग के जिलों में इन हवाओं का असर स्पष्ट होगा।
जयपुर संभाग के जिलों में भी उत्तरी हवाएं अपना प्रभाव दिखाएंगी।
सीकर जिले में इन हवाओं के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।
झुंझुनूं और चूरू में भी सर्दी में वृद्धि होगी।
गंगानगर और हनुमानगढ़ में भी तापमान नीचे गिरेगा।
बीकानेर, नागौर और अलवर में भी सर्दी का प्रकोप बढ़ेगा।
इन सभी जिलों में उत्तरी हवाओं के प्रभाव से सर्दी तेज होने की संभावना है।
आगामी दिनों के लिए बारिश का पूर्वानुमान
26 अक्टूबर का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने 26 अक्टूबर के लिए प्रदेश के नौ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
इन जिलों में मेघगर्जन के साथ-साथ वज्रपात की भी आशंका है।
बांसवाड़ा और बारां जिलों में बारिश की संभावना बताई गई है।
चित्तौड़गढ़ और डूंगरपुर में भी बारिश होने का अनुमान है।
झालावाड़ और कोटा जिले भी बारिश के दायरे में रहेंगे।
प्रतापगढ़, सलूम्बर और उदयपुर में भी बारिश की संभावना बनी हुई है।
27 अक्टूबर का मौसम पूर्वानुमान
27 अक्टूबर को बांसवाड़ा, बारां और चित्तौड़गढ़ में भारी बारिश का येलो अलर्ट है।
डूंगरपुर, झालावाड़ और कोटा में भी भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
प्रतापगढ़, सलूम्बर, सिरोही और उदयपुर में भी भारी बारिश का अनुमान है।
इसके अतिरिक्त, अजमेर और भीलवाड़ा में मेघगर्जन के साथ बारिश होगी।
बूंदी, सवाईमाधोपुर और टोंक में भी वज्रपात के साथ बारिश की चेतावनी है।
जालोर जिले में भी मेघगर्जन और वज्रपात के साथ बारिश की संभावना है।
28 अक्टूबर का मौसम पूर्वानुमान
28 अक्टूबर के लिए मौसम विभाग ने कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
अजमेर, बांसवाड़ा और ब्यावर में मेघगर्जन के साथ बारिश की संभावना है।
बारां, भीलवाड़ा और बूंदी में भी वज्रपात के साथ बारिश का अनुमान है।
चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर और झालावाड़ में भी अलर्ट जारी किया गया है।
करौली, कोटा और प्रतापगढ़ में भी बारिश की चेतावनी है।
राजसमंद, सलूम्बर और सवाईमाधोपुर में भी मेघगर्जन के साथ बारिश हो सकती है।
सिरोही, टोंक, उदयपुर और जालोर जिले भी इस अलर्ट के दायरे में हैं।
प्रदेश में तापमान की स्थिति
पिछले 24 घंटों के दौरान राजस्थान में मौसम मिला-जुला रहा है।
कल सुबह और शाम के समय हल्की ठंडी हवाएं चलीं।
दिन में आसमान पूरी तरह से साफ रहा था।
तेज धूप भी खिली रही, जिससे दिन का तापमान सामान्य बना रहा।
पिछले दिन प्रदेश में सबसे ज्यादा सर्दी सीकर में महसूस की गई थी।
सीकर का न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
यह प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान रहा।
दौसा जिले में न्यूनतम तापमान 14.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।
शनिवार को दिन के समय सबसे ज्यादा गर्मी बाड़मेर में दर्ज की गई।
बाड़मेर का अधिकतम तापमान 37.1 डिग्री सेल्सियस रहा।
यह प्रदेश में दिन का सबसे अधिक तापमान था।
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