Rajasthan and RBI: राजस्थान सरकार ने विकास के लिए 5000 करोड़ के बॉन्ड से जुटाए फंड

राजस्थान सरकार ने विकास के लिए 5000 करोड़ के बॉन्ड से जुटाए फंड
Rajasthan Governemt Karj
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Highlights

  • राज्य सरकार ने 5000 करोड़ रुपये के बॉन्ड से कर्ज लिया।
  • यह राशि 10 से 26 साल में चुकानी होगी।
  • राजस्थान बॉन्ड पर अन्य राज्यों से ज्यादा ब्याज दे रहा है।
  • सरकार पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है।

जयपुर: राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने विकास योजनाओं के लिए 5000 करोड़ रुपये के बॉन्ड के जरिए कर्ज लिया है। यह राशि सीधे कर्ज के बजाय भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के तीन बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई है।

राज्य सरकार ने 5000 करोड़ के बॉन्ड से जुटाया फंड

राजस्थान सरकार ने अपनी विकास योजनाओं को गति देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से 5000 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है।

यह राशि सीधे कर्ज के रूप में नहीं ली गई है, बल्कि स्टेट ग्रांटेड सिक्योरिटीज (एसजीएस) बॉन्ड के जरिए जुटाई गई है।

इन बॉन्ड का पैसा सरकार को 10 से 26 साल की अवधि में वापस चुकाना होगा।

अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान दे रहा अधिक ब्याज

इस बार राजस्थान सरकार ने बॉन्ड पर अन्य राज्यों की तुलना में अधिक ब्याज दर की पेशकश की है।

आरबीआई से मिली जानकारी के अनुसार, राजस्थान एसजीएस 2043 बॉन्ड को फिर से जारी करके 1500 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं, जिस पर 7.57 प्रतिशत ब्याज लगेगा और यह 18 साल के लिए है।

राजस्थान एसजीएस 2035 बॉन्ड के जरिए 2000 करोड़ रुपये 10 साल के लिए 7.23 प्रतिशत ब्याज पर जुटाए गए हैं।

इसके अतिरिक्त, राजस्थान एसजीएस 2051 बॉन्ड से 26 साल के लिए 1500 करोड़ रुपये 7.30 प्रतिशत ब्याज पर प्राप्त हुए हैं।

यूपी, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ने भी बॉन्ड से जुटाया फंड

राजस्थान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु ने भी आरबीआई के एसजीएस बॉन्ड के जरिए फंड जुटाया है।

महाराष्ट्र ने 5000 करोड़ रुपये, छत्तीसगढ़ ने 2000 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश ने 2000 करोड़ रुपये और तमिलनाडु ने 3000 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है।

तमिलनाडु के बॉन्ड पर राजस्थान से कम ब्याज

तमिलनाडु के बॉन्ड राजस्थान की तुलना में सस्ती ब्याज दर पर हैं, जिससे सरकार को कम ब्याज देना पड़ेगा।

तमिलनाडु ने 2032 तक के लिए 1000 करोड़ रुपये 6.99 प्रतिशत ब्याज पर जुटाए हैं।

इसी तरह, 2035 तक के लिए 1000 करोड़ रुपये 7.14 प्रतिशत और 2055 तक के लिए 1000 करोड़ रुपये 7.34 प्रतिशत ब्याज पर जुटाए गए हैं।

छत्तीसगढ़ ने 2040 तक के लिए 1000 करोड़ रुपये 15 साल के लिए 7.34 प्रतिशत पर और 2032 तक के लिए 1000 करोड़ रुपये 7.14 प्रतिशत ब्याज दर पर बॉन्ड के जरिए जुटाए हैं।

महाराष्ट्र ने 2034 तक के लिए 1000 करोड़ रुपये 7.24 प्रतिशत पर, 2041 तक के लिए 1500 करोड़ रुपये 7.26 प्रतिशत पर, 2036 तक के लिए 1500 करोड़ रुपये 7.20 प्रतिशत पर और 2050 तक के लिए 1000 करोड़ रुपये 7.29 प्रतिशत पर जुटाए हैं।

आरबीआई ने दिवाली के दिन जारी किए नीलामी के नतीजे

भारतीय रिजर्व बैंक ने राजस्थान सरकार के बॉन्ड की बिक्री के लिए नीलामी का आयोजन किया था।

20 अक्टूबर को दिवाली के दिन आरबीआई ने तीन अलग-अलग बॉन्ड की नीलामी के बाद उसके नतीजे सार्वजनिक किए थे।

एसजीएस बॉन्ड क्या होते हैं?

हर राज्य सरकार अपनी विकास योजनाओं के लिए बॉन्ड के जरिए पैसा जुटाती है।

इन्हें स्टेट ग्रांटेड सिक्योरिटीज (एसजीएस) बॉन्ड के नाम से जाना जाता है।

इन बॉन्ड पर रिजर्व बैंक को सरकार गारंटी देती है।

आरबीआई के जरिए इन बॉन्ड पर लोगों और संस्थाओं से पैसा जुटाया जाता है।

इन बॉन्ड पर अच्छी ब्याज दर मिलती है, इसलिए आम लोग और संस्थाएं इन्हें खरीदते हैं।

बॉन्ड मैच्योर होने पर सरकार को ब्याज सहित पैसा वापस लौटाना होता है।

राजस्थान पर लगातार बढ़ रहा है कर्ज का भार

राजस्थान सरकार पर कर्ज का भार लगातार बढ़ता जा रहा है।

पिछले 10 सालों में कर्ज में तेजी से वृद्धि हुई है।

इस साल राजस्थान सरकार पर कर्ज 8 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाला है।

सरकार के बजट दस्तावेजों के अनुसार, 2025-26 तक राजस्थान सरकार का कुल कर्ज 8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

सरकार की आय का एक बड़ा हिस्सा कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स के खर्च पर चला जाता है।

विकास के कार्यों पर खर्च के लिए सरकार को कर्ज का सहारा लेना पड़ता है।

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