Highlights
- टोंक की देवगंज ढाणी में 2 किमी कच्ची सड़क से ग्रामीण परेशान।
- सड़क खराब होने से बैंक मैनेजर का बेटा कुंवारा, दो साल से नहीं हुई कोई शादी।
- बारिश में कीचड़ के कारण शोकसभाओं में भी नहीं आते लोग, गर्भवती महिलाओं को परेशानी।
- ग्रामीणों ने 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' की चेतावनी देते हुए कई बार आंदोलन किया।
टोंक: टोंक जिले की देवगंज ढाणी में 2 किमी कच्ची सड़क से ग्रामीण परेशान हैं। बैंक मैनेजर का बेटा कुंवारा है और बारिश में लोग शोकसभा में भी नहीं आते। ग्रामीणों ने 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' की चेतावनी दी है।
टोंक जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर मंडावर पंचायत की देवगंज ढाणी के निवासियों के लिए पिछले कई साल से 2 किलोमीटर की कच्ची सड़क एक बड़ी समस्या बनी हुई है। यह सड़क पूरे साल बदहाल रहती है, लेकिन बारिश के दिनों में यह दलदल में बदल जाती है, जिससे ग्रामीणों का जीवन दूभर हो जाता है। लगभग 800 की आबादी वाली यह ढाणी 200 साल पुरानी बताई जाती है, लेकिन आज भी मूलभूत सुविधा सड़क से वंचित है।
कच्ची सड़क बनी अभिशाप
ढाणी को मुख्य पक्की सड़क से जोड़ने वाला यह 2 किलोमीटर का कच्चा रास्ता बारिश में दलदल बन जाता है। गांव में नालियां न होने के कारण घरों का सारा पानी इसी रास्ते पर जमा हो जाता है, जिससे हर जगह कीचड़ और जलभराव रहता है। इस रास्ते से गुजरना स्कूली बच्चों, शिक्षकों और आम ग्रामीणों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
ग्रामीणों का कहना है कि सामान्य दिनों में भी सड़क पर पानी भरा रहता है, जिससे आवागमन में भारी परेशानी होती है। स्कूली बच्चे, खासकर मंडावर और टोंक पढ़ने जाने वाली करीब 20 छात्राएं, रोजाना ट्रैक्टर-ट्रॉली या अन्य वाहनों से इस रास्ते को पार करने को मजबूर हैं। जिनके पास साधन नहीं होते, वे बारिश के दिनों में स्कूल तक नहीं जा पाते।
शादी-ब्याह पर पड़ा असर
इस खराब सड़क का सीधा असर ढाणी के सामाजिक जीवन पर पड़ रहा है। गांव की रतनी जाट ने बताया कि उनका बेटा बैंक मैनेजर है, फिर भी सड़क की वजह से उसकी शादी नहीं हो पा रही है। तीन महीने पहले बारिश में लड़की वाले आए थे, लेकिन कीचड़ भरा रास्ता देखकर गांव के बाहर से ही लौट गए। इस कारण कई रिश्ते टूट गए हैं।
ग्रामीणों का दावा है कि पिछले दो साल से ढाणी में कोई शादी नहीं हुई है, क्योंकि खराब रास्ते के कारण कोई भी अपनी बेटी इस गांव में देने को तैयार नहीं है। यह स्थिति गांव के युवाओं के भविष्य पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा रही है।
रोजमर्रा की चुनौतियाँ और सामाजिक बहिष्कार
ढाणी के बद्री जाट ने बताया कि बारिश में रास्ता इतना खराब हो जाता है कि डिलीवरी के समय गर्भवती महिला को चारपाई पर लिटाकर ट्रैक्टर-ट्रॉली में अस्पताल ले जाना पड़ता है। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका सुनीता शर्मा ने बताया कि वह स्कूटी से आती हैं और बारिश में तीन बार गिर चुकी हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रामा चौधरी भी इसी परेशानी से जूझती हैं।
गांव के तुलसा जाट की पीड़ा यह है कि शादी-ब्याह तो दूर, अब तो मौत-मरण में भी मेहमान इस कीचड़ भरे रास्ते को देखकर शोकसभा में बैठने तक नहीं आते। यह स्थिति ढाणी के लोगों के लिए सामाजिक अलगाव का कारण बन रही है।
लगातार विरोध, नहीं मिली सुनवाई
देवगंज ढाणी के ग्रामीण पिछले तीन साल से इस सड़क को बनवाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कई बार आंदोलन किए, धरना-प्रदर्शन किया, ज्ञापन दिए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तीन दिन पहले टोंक के कृषि ऑडिटोरियम में स्वच्छता ही सेवा कार्यशाला में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर के सामने बड़ी संख्या में ग्रामीण अचानक आ धमके और अपना गुस्सा व्यक्त किया।
ग्रामीणों ने डिप्टी सीएम से लेकर शिक्षा मंत्री, प्रभारी मंत्री, टोंक विधायक, कलेक्टर और जिला परिषद सीईओ तक को शिकायतें भेजी हैं। 21 जनवरी को तो सात ग्रामीण सड़क बनवाने की मांग को लेकर 16 घंटे तक पानी की टंकी पर चढ़े रहे थे। आश्वासन मिलने पर वे नीचे उतरे, लेकिन सड़क नहीं बनी। इसके बाद विधानसभा और लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी भी दी गई थी, तब एसडीएम ने समझाकर वोट डलवाए, लेकिन सड़क आज भी वैसी ही है।
कागजों में बनी सड़क, भ्रष्टाचार के आरोप
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि करीब ढाई साल पहले इस रास्ते पर ग्रेवल रोड बनाने के लिए मनरेगा के तहत 37 लाख 941 रुपए स्वीकृत किए गए थे। कार्यकारी एजेंसी पंचायत प्रशासन पर आरोप है कि उसने कोई काम नहीं किया और फर्जी मस्टररोल भरकर करीब पांच लाख रुपए का भुगतान भी उठा लिया।
ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर और सीईओ जिला परिषद ने जांच करवाई, जिसमें काम नहीं होना पाया गया। इसके बावजूद किसी जिम्मेदार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में भी कर रखी है, लेकिन मामला अब भी ठंडे बस्ते में है।
ग्रामीणों की अंतिम चेतावनी: 'सड़क नहीं तो वोट नहीं'
देवगंज ढाणी के लोगों का गुस्सा अब चरम पर है। उनका कहना है कि वे लगातार भाजपा को वोट देते आए हैं, लेकिन उनकी ढाणी को जोड़ने वाली सड़क आज तक नहीं बनी। ग्रामीणों ने अब अंतिम चेतावनी देते हुए कहा है कि इस बार अगर सड़क नहीं बनी तो वे किसी को भी वोट नहीं देंगे। यह उनके लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करते हुए सरकार और प्रशासन पर दबाव बनाने का आखिरी प्रयास है।
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