Highlights
- हाईकोर्ट ने पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों पर दिया बड़ा फैसला।
- सरकार को 15 अप्रैल 2026 तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश।
- 31 दिसंबर तक सभी जिलों में परिसीमन प्रक्रिया समाप्त करने का आदेश।
- कोर्ट ने चुनावों में देरी को बताया अनावश्यक।
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में पंचायत (Panchayat) और नगरीय निकाय (Urban Local Body) चुनावों पर हाईकोर्ट (High Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सरकार को 15 अप्रैल 2026 तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने और 31 दिसंबर तक परिसीमन (Delimitation) समाप्त करने का निर्देश दिया है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार को पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों को निर्धारित समय सीमा में संपन्न कराने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। यह फैसला उन करीब 450 याचिकाओं पर आया है, जो पंचायतों के पुनर्गठन और परिसीमन से संबंधित थीं। हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं पर 12 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
चुनाव प्रक्रिया पूरी करने की समय सीमा
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय प्रकाश शर्मा की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि राज्य सरकार 15 अप्रैल 2026 तक पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों की संपूर्ण प्रक्रिया पूरी करे। यह एक महत्वपूर्ण निर्देश है जो चुनावों में हो रही देरी को समाप्त करने पर केंद्रित है।
खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि 31 दिसंबर तक सभी जिलों में परिसीमन की प्रक्रिया अनिवार्य रूप से समाप्त कर दी जाए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव समय पर करवाने में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
परिसीमन को आगे चुनौती नहीं
कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि परिसीमन की कार्यवाही को आगे चुनौती नहीं दी जा सकेगी। इस निर्देश से भविष्य में परिसीमन संबंधी विवादों के कारण चुनावों में होने वाली देरी पर रोक लगने की उम्मीद है।
याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चुनावों में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की थी। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि पंचायत और शहरी निकाय के चुनाव समय पर होना अत्यंत आवश्यक है ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहे।
मंत्री खर्रा का पूर्व बयान
गौरतलब है कि गुरुवार को स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने चुनावों में देरी की संभावना जताई थी। उन्होंने कहा था कि एसआइआर शुरू हो गया है और पुरानी मतदाता सूची पर चुनाव कराना वैधानिक रूप से संभव नहीं है।
मंत्री खर्रा ने यह भी बताया था कि यह प्रक्रिया फरवरी तक चलेगी, जिसके बाद स्कूलों और कॉलेजों में परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। हालांकि, हाईकोर्ट के ताजा फैसले के बाद सरकार को अब निर्धारित समय सीमा में ही चुनाव कराने होंगे।
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