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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के हमशक्ल कहे जाने वाले सूरसागर विधानसभा सीट से रामेश्वर दाधीच (Rameshwar Dadhich) ने भी अपने बगावती तेवर ढीले करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नाम वापस ले लिया है।
जयपुर | राजस्थान में आज नामांकन वापस लेने का आखिरी दिन है और पार्टियों के नेता बागियों की मान मनुहार में जुटे हुए हैं।
बागियों को मनाने के लिए पाटियां सियासी खेला कर रही हैं।
इसी बीच बड़ी खबर है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के हमशक्ल कहे जाने वाले सूरसागर विधानसभा सीट से रामेश्वर दाधीच (Rameshwar Dadhich) ने भी अपने बगावती तेवर ढीले करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नाम वापस ले लिया है।
बता दें कि रामेश्वर दाधीच की शक्ल सीएम गहलोत से काफी मिलती-जुलती नजर आती है।
जानकारी के अनुसार, अब तक 144 प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया है। आज नाम वापस लेने का आखिरी दिन है और अब तो कुछ ही घंटे बाकी बचे हैं।
गुरूवार को निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच के नाम वापस लेने के बाद कांग्रेस पार्टी ने राहत की सांस जरूर ली होगी।
बता दें कि दाधीच सूरसागर से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन, कांग्रेस ने इस सीट से शहजाद खान को चुनावी मैदान में उतार दिया।
दाधीच आज सुबह कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और उन्होंने रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष अपना नाम वापस ले लिया। अब वो कांग्रेस प्रत्याशी शहजाद खान का समर्थन करेंगे।
दाधीच का कहना है कि जिन लोगों ने मुझे मेरा नॉमिनेशन करने में मदद की थी अब उन्हीं लोगों के दबाव में मैंने नामांकन वापस लिया है।
कांग्रेस नेता रामेश्वर दाधीच को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का करीबी भी माना जाता है।
2018 में सीएम गहलोत ने रामेश्वर दाधीच को जोधपुर नगर निगम का महापौर बनाया गया था।
इससे वो इतने खफा हुए कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए सूरसागर सीट से नामांकन दाखिल कर दिया था।
भाजपा के बागी भी वापस ले रहे नाम
बता दें कि नाम लेने का ये सिलसिला केवल कांग्रेस में ही नहीं चल रहा है बल्कि भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले नेता भी नाम वापस ले रहे हैं।
बांसवाड़ा विधानसभा सीट पर भाजपा से बागी हकरू मईडा ने भी आज अपना नामांकन वापस ले लिया है। इसी तरह से भाजपा के पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत भी नाम वापस लेने वाले हैं।