रतन देवासी ने जताई चिंता: रतन देवासी ने असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की मांग की, सामुदायिक तनाव पर जताई गहरी चिंता

रतन देवासी ने असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की मांग की, सामुदायिक तनाव पर जताई गहरी चिंता
Ratan Dewasi in Speech
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Highlights

  • असामाजिक तत्वों की बढ़ती हिम्मत पर रतन देवासी ने जताई गहरी चिंता।
  • सोशल मीडिया पर धमकियों और महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियों पर सख्त कार्रवाई की मांग।
  • राजनीतिक विवादों को परिवारों और समुदायों में न घसीटने की अपील।
  • कानूनी प्रक्रियाओं के तहत साक्ष्य के साथ शिकायत दर्ज करने पर जोर।

Raniwara: रतन देवासी (Ratan Dewasi) ने सामुदायिक तनाव और सोशल मीडिया (Social Media) पर धमकियों को लेकर चिंता जताई, असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

प्रदेश के परिचित सामाजिक-राजनीतिक चेहरे रतन देवासी ने आज सांचोर में आयोजित एक खुली सभा को संबोधित करते हुए क्षेत्र में बढ़ते सामुदायिक तनाव, सोशल मीडिया पर चल रही धमकियों और कुछ व्यक्तियों द्वारा समाजों के बीच दूरी पैदा करने के प्रयासों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सरकार, पुलिस और सामाजिक नेतृत्व से कठोर कार्रवाई व सतर्कता की अपील की तथा कहा कि राजनीतिक विवाद कभी भी समाजों के बीच वैमनस्य का कारण नहीं बनना चाहिए।

प्रमुख बातें — रतन देवासी ने क्या कहा

रतन देवासी ने कहा कि 25-30 वर्षों की राजनीति के दौरान उन्होंने जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, पर आज की चिंता असामाजिक तत्वों की बढ़ती हिम्मत और उन्हें मिल रहे गुप्त समर्थन से है। उन्होंने ट्वीट कर लोगों को सतर्क करने का कारण यही बताया — ताकि भविष्य में किसी की बहनों-बेटियों या समाजों के सम्मान पर किसी तरह की कुठाराघात न हो। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी के पास किसी व्यक्ति के खिलाफ ठोस सबूत हैं तो सार्वजनिक रूप से नाम लेकर कहें; बिना सबूत के अटकलें और चर्चाएँ माहौल खराब करती हैं। रतन देवासी का कहना था कि समाज के बीच झगड़े, भड़कावा और भेदभाव रोकना हमारा साझा दायित्व है। उन्होंने जोर देकर कहा, “लड़ाई असामाजिक तत्वों से है, किसी समुदाय या जाति से नहीं।”

उन्होंने सोशल मीडिया पर धमकी देने, अपमानजनक टिप्पणियाँ करने और महिलाओं के बारे में अभद्र बयान देने वालों का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनके खिलाफ शिकायतें पहले भी पुलिस को दी जा चुकी हैं, पर कार्रवाई पर्याप्त नहीं हुई है। कई जगहों पर फोटो खिंचवाकर, इशारों-इशारों में तनाव भड़काने और माहौल बिगाड़ने वाले लोगों का उन्होंने कड़ा विरोध किया और कहा कि ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखें — चाहे वे राजनीतिक हों या किसी ट्रस्ट/संस्था से जुड़े हों।

सभा का संदर्भ और समर्थन

रतन देवासी ने कहा कि वे 28 तारीख को पूरे दिन मिलने के लिए लोगों को बुला चुके थे—पर जब शोरगुल व विरोध बढ़ा तो समुदाय के कई लोग, शुभचिंतक और जनप्रतिनिधि जिला-स्तर पर ज्ञापन भी लेकर पहुँचे। उन्होंने उन सभी का आभार व्यक्त किया जिन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की और उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने यह भी दोहराया कि अगर किसी व्यक्ति ने उनके परिवार या समाज के खिलाफ आपत्तिजनक कुछ कहा है तो वे कानूनी प्रक्रियाओं के तहत कदम उठाएंगे और आवश्यक होने पर न्यायालय तक जाएँगे।

आरोप-प्रत्यारोप और दस्तावेज़ीकरण

भाषण के दौरान रतन देवासी ने संकेत दिए कि उनके पास कुछ दस्तावेज़ और रिकॉर्ड हैं जो कुछ व्यक्तियों के खिलाफ शिकायतों का समर्थन करते हैं — विशेषकर उन लोगों के बारे में जिन्होंने सार्वजनिक रूप से महिलाओं के बारे में अपमानजनक शब्द या धमकियाँ दीं। वे बोले कि ये शिकायतें पहले पुलिस को सौंप दी गई थीं (उदाहरण के तौर पर 6 दिसंबर 2023 का जिक्र भी भाषण में आया) और अब भी मजबूत साक्ष्य होने पर प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

अपीलें और निर्णायक निर्देश

रतन देवासी ने सभा को चार प्रमुख बिंदुओं का आह्वान दिया: राजनीतिक संघर्षों को परिवारों में न खींचें — राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण निजी परिवारों को निशाना न बनाया जाए। संप्रदाय-आधारित झगड़ा न बढ़ाया जाए — किसी भी संघर्ष को किसी जाति या धर्म विशेष से जोड़कर नहीं फैलाया जाना चाहिए; असामाजिक तत्वों से लड़ाई सामूहिक होगी। दोहरेपन और भड़कावे से दूर रहें — जो लोग फोटो/इशारे कर के कन्फ्यूज़न पैदा करते हैं, उनसे दूरी बनाए रखी जाए। कानूनी रास्ता अपनाया जाए — आरोपों के साथ साक्ष्य प्रस्तुत कर पुलिस व न्याय व्यवस्था के सामने शिकायत दर्ज करवाई जाए।

प्रेस और प्रशासन के प्रति अनुरोध

देवासी ने स्थानीय पुलिस प्रशासन से अनुरोध किया कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभाई जाए और जिन लोगों के खिलाफ ठोस शिकायतें हैं, उन पर समय पर कार्रवाई हो। साथ ही पत्रकारों और बुद्धिजीवियों से भी उन्होंने अपील की कि शांति-सद्भाव बनाए रखने में सहयोग करें और अफवाहों को हवा न दें।

पृष्ठभूमि और निहितार्थ

भाषण से स्पष्ट है कि सांचोर क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों से व्यक्तिगत और राजनीतिक विरोधियों के बीच तनाव और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल रहा है, जिसमें सोशल मीडिया का प्रयोग, धमकियाँ और समुदायों के बीच दूरी बढ़ाने के उपाय शामिल रहे हैं। रतन देवासी ने बार-बार यह रेखांकित किया कि उनकी चिंता समाज के शांति-सद्भाव को बने रहने की है — और वे किसी भी तरह के सामाजिक खंडन या साम्प्रदायिक तनाव की अनुमति नहीं देंगे। अगर शिकायतें सुस्पष्ट हों तो वे स्वयं कानूनी मार्ग से लड़ने को तैयार हैं और समुदाय से भी यही अपेक्षा व्यक्त की।

रतन देवासी का यह भाषण स्थानीय राजनीति और सामाजिक संबंधों के जटिल तालमेल पर एक चेतावनी-संदेश के रूप में देखा जा सकता है। उन्होंने न केवल आरोपों का उल्लेख किया बल्कि समुदाय, प्रशासन और राजनीतिक साथियों से मिलकर समस्या के निदान की बात कही — जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे इस मुद्दे को सार्वजनिक और कानूनी दोनों स्तरों पर सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अब यह स्थानीय प्रशासन, राजनीतिक नेतृत्व और समुदाय पर निर्भर करेगा कि किस तरह से वे इन चिंताओं को गंभीरता से लेते हुए शांति और न्याय सुनिश्चित करते हैं।

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